प्रिलिम्स फैक्ट्स: 16 सितंबर, 2020 | 16 Sep 2020
हरिकेन सैली
Hurricane Sally
13 सितंबर, 2020 को तूफान की श्रेणी 2 (Category 2) के अंतर्गत आने वाला हरिकेन सैली (Hurricane Sally) जिसकी गति 90 मील प्रति घंटा है, संयुक्त राज्य अमेरिका के लुसियाना (Louisiana) के तट से टकराया।
प्रमुख बिंदु:
- गौरतलब है कि हरिकेन सैली से लगभग तीन सप्ताह पहले हरिकेन लौरा ने संयुक्त राज्य अमेरिका के लुइसियाना के एक तिहाई से अधिक क्षेत्र को आपदा ग्रस्त क्षेत्र में बदल दिया था।
- हरिकेन सैली के मद्देनज़र संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय तूफान केंद्र (National Hurricane Center- NHC) ने ‘जीवन के लिये खतरनाक स्थिति’ (Life-threatening Conditions) की चेतावनी जारी की है।
- हरिकेन सैली वर्ष 2020 के अटलांटिक हरिकेन मौसम (Atlantic Hurricane Season) का 7वाँ हरिकेन है।
- अटलांटिक हरिकेन मौसम की अवधि 1 जून से 30 नवंबर के मध्य होती है और ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमास्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (National Oceanic and Atmospheric Administration- NOAA) के अनुसार, एक औसत हरिकेन मौसम में लगभग 12 हरिकेन आते हैं जिनमें से तीन प्रमुख हरिकेन के साथ छह सामान्य हरिकेन बन जाते हैं।
- जबकि पूर्वी प्रशांत तट पर हरिकेन मौसम की अवधि 15 मई से 30 नवंबर के मध्य होती है।
हरिकेन का वर्गीकरण:
- हरिकेन या उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical cyclone) को सैफिर-सिंपसन विंड स्केल (Saffir-Simpson Hurricane Wind Scale) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जिसमें हवा की गति के आधार पर 1 से 5 तक की रेटिंग दी जाती है।
एंटी सैटेलाइट मिसाइल (ए- सैट)
Anti-Satellite (A-SAT)
15 सितंबर, 2020 को इंजीनियर्स दिवस (Engineers Day) के अवसर पर डाक विभाग द्वारा भारत के पहले एंटी सैटेलाइट मिसाइल (A-SAT) के नाम पर एक स्वनिर्धारित डाक टिकट जारी किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 27 मार्च, 2019 को ओडिशा के डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप (Dr APJ Abdul Kalam Island) से एंटी-सैटेलाइट (A-SAT) मिसाइल परीक्षण ‘मिशन शक्ति’ (Mission Shakti) का सफल परीक्षण किया।
- ए-सैट मिसाइल ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ (LEO) में एक ‘इंडियन ऑर्बिटिंग टारगेट सैटेलाइट’ (Indian Orbiting Target Satellite) है जिसे 'हिट टू किल' मोड (‘Hit to Kill’ Mode) में शामिल किया गया है।
- डाक टिकट जारी करना भारत की तकनीकी उपलब्धि को दर्शाता है जिसने राष्ट्र को गौरवान्वित किया है।
कलिंगा क्रिकेट फ्रॉग
Kalinga Cricket Frog
भारतीय वैज्ञानिकों ने कलिंगा क्रिकेट फ्रॉग (Kalinga Cricket Frog) में ‘मॉर्फोलॉज़िकल फेनोटाइपिक प्लास्टिसिटी’ (Morphological Phenotypic Plasticity- MPP) की पहली तरह की खोज की सूचना दी है।
‘मॉर्फोलॉज़िकल फेनोटाइपिक प्लास्टिसिटी’ (MPP):
- MPP एक जीव की क्षमता है जो प्राकृतिक पर्यावरणीय विविधताओं या उत्तेजनाओं के प्रतिकार में कठोर रूपात्मक (भौतिक विशेषताएँ) विविधताओं को प्रदर्शित करता है।
कलिंगा क्रिकेट फ्रॉग (Kalinga Cricket Frog):
- इस मेंढक प्रजाति से संबंधित जानकारियों का प्रलेखन वर्ष 2018 में किया गया था।
- इसे ‘कलिंगा क्रिकेट फ्रॉग’ या KCF या ‘फेजेर्वराया कलिंगा’ भी कहा जाता है।
- इस प्रजाति को प्रायद्वीपीय भारत के पूर्वी घाट से खोजा गया था। इसे पूर्वी घाट की पहाड़ी श्रृंखलाओं के लिये स्थानिक माना जाता था।
- पूर्वी घाट में यह प्रजाति ओडिशा और आंध्र प्रदेश की ऊँची-ऊँची पहाड़ी श्रेणियों पर पाई जाती है।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, भौतिक विशेषताओं के संदर्भ में यह प्रजाति पूरी तरह से पश्चिमी घाट की फेजेर्वराया/मिनेर्वराया प्रजातियों (Fejervaraya/Minervarya) से भिन्न होती हैं।
भौगोलिक क्षेत्र (Geographical Zones):
- भारत में पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट दो अलग-अलग जैव-भौगोलिक क्षेत्र (Biogeographic Zones) हैं।
- पश्चिमी घाट को जैव विविधता हॉटस्पॉट माना जाता है जबकि पूर्वी घाट के साथ ऐसा नहीं है।
- भूगर्भीय रूप से पश्चिमी घाट अत्यंत प्राचीन हैं और गोंडवानालैंड दक्षिण में वनों को सुविधा प्रदान करता है जबकि पूर्वी घाट अत्यंत नवीन है।
- दोनों परिदृश्यों (पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट) में विशिष्ट पारिस्थितिक तंत्र विद्यमान हैं जिनमें विशेष माइक्रोक्लाइमेट्स (Microclimates) एवं माइक्रोहैबिटेट्स (Microhabitats) हैं जो उभयचर सहित अन्य विविधताओं की एक बड़ी संख्या का समर्थन करते हैं।
ज़ूटाक्सा (Zootaxa):
- इस खोज से संबंधित निष्कर्ष को हाल ही में ज़ूटाक्सा (Zootaxa) जर्नल में प्रकाशित किया गया।
एआईसीटीई विश्वेश्वरैया बेस्ट टीचर्स अवार्ड-2020
AICTE Visvesvaraya Best Teacher Awards-2020
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ‘अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद’ (All India Council for Technical Education-AICTE) से मान्यता प्राप्त संस्थानों के 12 संकाय सदस्यों को प्रथम ‘एआईसीटीई विश्वेश्वरैया बेस्ट टीचर्स अवार्ड-2020’ (AICTE Visvesvaraya Best Teacher Awards-2020) से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु:
- असाधारण शिक्षकों की पहचान हेतु इस पुरस्कार को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर उच्च तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में डिग्री एवं डिप्लोमा संस्थानों हेतु उत्कृष्टता, उत्तम कार्य व्यवहार एवं नवाचारों को मान्यता देने के लिये प्रस्तुत किया गया है।
- इस पुरस्कार का लक्ष्य प्रत्येक वर्ष इंजीनियर्स दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर मेधावी संकायों की पहचान करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा की लगातार बदलती ज़रूरतों के अनुरूप खुद को तैयार करने के लिये प्रोत्साहित करना है जिसके द्वारा वे समाज के लिये एक प्रभावशाली योगदानकर्त्ता बन सकते हैं।
- शोध, 360 डिग्री फीडबैक, छात्र विकास में योगदान एवं सामाजिक समस्याओं के समाधान की प्राथमिकता के साथ मूल्यांकन के मापदंड़ों के आधार पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
- इस पुरस्कार के लिये अंतिम रूप से 12 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। जो निम्नलिखित हैं:
डाॅ. प्रशांत पवार (महाराष्ट्र) डॉ.मालती आर (तमिलनाडु) डॉ. मोहम्मद यार (नई दिल्ली) डॉ. शैलजा पाटिल (महाराष्ट्र) डॉ. जानेत जयराज (तमिलनाडु) डॉ. मनीष कोकारे (महाराष्ट्र) |
डॉ. तेजल गाँधी (गुजरात) डॉ. श्रीपद भातलावंडे (महाराष्ट्र) डॉ. फारुख अहमद काज़ी (महाराष्ट्र) डॉ. मनीष शर्मा (छतीसगढ़) डॉ. जयवंदन पटेल (गुजरात) डॉ. नंद कुमार माडा (तमिलनाडु) |
स्पाइसेज़ (SPICES):
- इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिये उनके बीच सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये ‘स्पाइसेज़’ (SPICES- Scheme for Promoting Interests, Creativity and Ethics among Students) अर्थात् ‘छात्रों के बीच रुचि, रचनात्मकता एवं नैतिकता को बढ़ावा देने के लिये योजना’ का भी उद्घाटन किया।