प्रारंभिक परीक्षा
भारत गौरव योजना
- 24 Nov 2021
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हाल ही में भारतीय रेलवे ने व्यापक पर्यटन संभावनाओं के दोहन के लिये नई योजना 'भारत गौरव' की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- योजना के तहत अब ट्रेनों में पर्यटन के लिये तीसरा अनुभाग होगा। अब तक रेलवे के पास यात्री अनुभाग और माल अनुभाग थे।
- ये नियमित ट्रेनें नहीं हैं जो एक समय सारिणी के अनुसार चलेंगी बल्कि आईआरसीटीसी (IRCTC) द्वारा चलाई जा रही रामायण एक्सप्रेस की तर्ज पर संचालित की जाएंगी।
- थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट ट्रेनों के तहत इसकी घोषणा की गई। इन ट्रेनों को थीम आधारित सर्किट में निजी भागीदारों और आईआरसीटीसी दोनों द्वारा चलाया जाएगा।
- थीम आधारित पर्यटन (सर्किट) से रेलवे का आशय गुरु कृपा जैसी उन ट्रेनों से है जिनका संचालन गुरु नानक से संबंधित सभी स्थानों पर किया जाता है या रामायण थीम वाली ट्रेनें भगवान राम से संबंधित स्थानों के लिये संचालित हैं।
- सोसाइटी, ट्रस्ट, कंसोर्टिया और यहाँ तक कि राज्य सरकारों से इन ट्रेनों को लेने के लिये कोई भी आवेदन कर सकता है और उन्हें थीम आधारित विशेष पर्यटन सर्किट पर संचालित किया जा सकता है।
- सेवा प्रदाता पर्यटकों को रेल यात्रा, होटल/विश्राम स्थल, दर्शनीय स्थलों की व्यवस्था, ऐतिहासिक/विरासत स्थलों का भ्रमण, टूर गाइड आदि सहित सभी समावेशी पैकेज प्रदान करेगा।
- योजना के तहत अब ट्रेनों में पर्यटन के लिये तीसरा अनुभाग होगा। अब तक रेलवे के पास यात्री अनुभाग और माल अनुभाग थे।
- योजना के लाभ:
- ये ट्रेनें भारत और दुनिया के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व भव्य ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराने के विज़न को साकार करने में सहायता करेंगी। इससे भारत की व्यापक पर्यटन संभावनाओं के दोहन में भी मदद मिलेगी।
- अन्य संबंधित योजनाएँ:
भारत में पर्यटन:
- भारत में पर्यटन देश की अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण है और यह तेज़ी से बढ़ रहा है।
- वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज़्म काउंसिल के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में यात्रा और पर्यटन उद्योग का योगदान 2020 में 121.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और इसके वर्ष 2028 तक 512 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान लगाया गया है।
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उद्योग क्षेत्र का प्रत्यक्ष योगदान वर्ष 2019 और 2028 के बीच 10.35% की वार्षिक दर से बढ़ने का अनुमान है।
- इसके अलावा यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत को समग्र रूप से 140 देशों में से 34वाँ स्थान प्राप्त हुआ, जो इस क्षेत्र में सुधार के लिये भारत के प्रयासों को दर्शाता है।