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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 16 अप्रैल, 2020

  • 16 Apr 2020
  • 12 min read

निहंग

Nihang

हाल ही में पंजाब राज्य के पटियाला में निहंग (Nihang) सिखों के एक समूह ने पंजाब पुलिस के एक अधिकारी पर हमला किया। 

Nihang

मुख्य बिंदु:

  • निहंग सिख योद्धाओं का एक वर्ग है जो नीले वस्त्र, तलवार एवं भाले जैसे पुरातन हथियारों तथा स्टील की खूंटियों से सजाई गई पगड़ी धारण करते हैं।
  • मूल रूप से ‘निहंग’ शब्द संस्कृत भाषा के ‘निःशांक’ से उपजा है जिसका अर्थ भय रहित, निष्कलंक, पवित्र, ज़िम्मेदार और सांसारिक लाभ एवं आराम के प्रति उदासीन होता है।
  • माना जाता है कि वर्ष 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा खालसा के निर्माण के लिये निहंग समूह का गठन किया गया था। 
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्नल जेम्स स्किनर (1778-1841) के अनुसार, खालसा सिखों को दो समूहों में विभाजित किया गया था।  
    • पहले वे जो नीले पोशाक पहनते हैं जो गुरु गोबिंद सिंह युद्ध के समय पहनते थे। 
    • दूसरे वे जो किसी भी रंग की पोशाक पहनते थे।
  • ये दोनों समूह योद्धाओं की जीवनशैली का अनुसरण करते थे। निहंग (जो नीले वस्त्र धारण करते हैं) सख्ती से खालसा आचार संहिता का पालन करते हैं।
  • निहंग सांसारिक गुरु के प्रति कोई निष्ठा नहीं रखते हैं। वे अपने गुरुद्वारों के ऊपर भगवा रंग के झंडे के बजाय नीले रंग का झंडा (नीला निशान साहिब) फहराते हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ:

  • वर्ष 1715 के बाद जब मुगलों द्वारा बड़े पैमाने पर सिखों की हत्याएँ की गई तथा अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह दुर्रानी (1748-65) के हमले के दौरान सिख पंथ की रक्षा करने में निहंगों की प्रमुख भूमिका थी।
  • निहंगों ने अमृतसर के अकाल तख्त पर सिखों के धार्मिक मामलों को भी नियंत्रित किया। वे स्वयं को किसी भी सिख प्रमुख के अधीनस्थ नहीं मानते थे और इस तरह उन्होंने अपना स्वतंत्र अस्तित्त्व बनाए रखा।
  • अमृतसर के अकाल तख्त में उन्होंने सिखों की भव्य परिषद (सरबत खालसा) का आयोजन किया और प्रस्ताव (गुरमाता) पारित किया।
  • जून 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार (Operation Bluestar) के दौरान कुछ निहंगों जैसे- अजीत सिंह पोहला ने आतंकवादियों को खत्म करने के लिये पंजाब पुलिस का साथ दिया था।

प्राइमोर्डियल ब्लैक होल

Primordial Black Hole

हाल ही में पुणे स्थित इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स (IUCAA) के एक वैज्ञानिक युगल ने प्राइमोर्डियल ब्लैक होल (Primordial Black Holes-PBH) का अध्ययन किया है जो ब्रह्मांड (जब यह तेज़ी से विस्तार कर रहा था) के गतिज ऊर्जा स्तरों में एक छोटे से टकराव के परिणामस्वरूप पैदा हुए थे।

PBH

मुख्य बिंदु: 

  • प्राइमोर्डियल ब्लैक होल हॉट बिग बैंग (Hot Big Bang) चरण के दौरान निर्मित हुए थे।
  • यह माना जाता है कि ये बड़े पैमाने पर तारों के पतन जो किसी सामान्य ब्लैक होल को संदर्भित करते हैं, के विपरीत विकिरणों के पतन के परिणामस्वरूप बनते हैं।
  • प्राइमोर्डियल ब्लैक होल 3000 किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत हो सकता है या एक परमाणु के नाभिक की तरह बेहद छोटा हो सकता है।

हालिया अध्ययन का निष्कर्ष:

  • हालिया अध्ययन ने पुष्टि की है कि गतिज ऊर्जा में इस मामूली वृद्धि के परिणामस्वरूप कई प्राइमोर्डियल ब्लैक होल का जन्म तथा शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण तरंगों का उत्सर्जन भी हुआ है।
  • लगभग 14 बिलियन वर्ष पहले जब हॉट बिग बैंग चरण (Hot Big Bang Phase) शुरू हुआ, ब्रह्मांड तेज़ी से सक्रिय हुआ तथा त्वरित गति से विस्तार किया।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रह्मांड की यह घातीय वृद्धि एकसमान ऊर्जा क्षेत्र एवं घनत्व की मौजूदगी से हुई क्योंकि ब्रह्मांड कॉस्मिक इन्फ्लेशन (Cosmic Inflation) चरण से गुजरा था।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, जैसे-जैसे समय बीतता रहा है इंफ्लेशन क्षेत्र में प्रचलित यह एक समान ऊर्जा समाप्त हो गई है। परिणामस्वरूप ब्रह्मांड के सामान्य रूप से मंद होने की दर फिर से शुरू हो गई। 

स्वयं प्रभा टीवी चैनल

Swayam Prabha TV Channel

भारत सरकार का मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) ने COVID-19 से उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थिति से शिक्षार्थियों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिये जिनके पास इंटरनेट की पहुँच नहीं है उनको स्वयं प्रभा टीवी चैनल (Swayam Prabha TV Channel) के माध्यम से पाठ्यक्रम से संबंधित व्याख्यान प्रसारित करेगा।

Swayam-Prabha

मुख्य बिंदु:

  • स्वयं प्रभा 32 DTH चैनलों का एक समूह है जो GSAT-15 उपग्रह का उपयोग कर 24X7 आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों के प्रसारण के लिये समर्पित है।
  • इस चैनल को भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो-इंफॉर्मेटिक्स (BISAG), गांधी नगर (गुजरात) से जोड़ा गया है। इस चैनल के माध्यम से एनपीटीईएल, आईआईटी, यूजीसी, सीईसी, इग्नू, एनसीईआरटी और एनआईओएस द्वारा सामग्री प्रदान की जाती है।
  • गांधी नगर (गुजरात) स्थित सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) केंद्र इसके वेब पोर्टल का रखरखाव करता है। 

सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) केंद्र:

  • INFLIBNET केंद्र, गुजरात के गांधीनगर में स्थित मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है।
  • प्रत्येक दिन कम-से-कम 4 घंटे के लिये विषय वार नई सामग्री अपलोड होगी जो दिन में 5 बार दोहराई जाएगी, जिससे छात्रों को अपनी सुविधानुसार समय चुनने में मदद मिलेगी।

डीटीएच चैनल निम्नलिखित को कवर करेंगे:

  • उच्चतर शिक्षा: स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम सामग्री जैसे कला, विज्ञान, वाणिज्य, प्रदर्शन कला, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, कानून, चिकित्सा, कृषि आदि जैसे विविध विषयों को कवर करती है।
  • स्कूल शिक्षा (9-12 स्तर): शिक्षकों के प्रशिक्षण के साथ-साथ भारत के बच्चों के लिये शिक्षण एवं प्रशिक्षण के लिये मॉड्यूल जो उन्हें विषयों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करते हैं, शुरू किये गए हैं और पेशेवर डिग्री कार्यक्रमों में प्रवेश के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी उनकी मदद करते हैं।
  • पाठ्यक्रम आधारित पाठ्यक्रम: ये चैनल भारत एवं विदेशों में जीवनभर सीखने वाले भारतीय नागरिकों की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।

गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु पहले से ही स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (SWAYAM) पोर्टल का संचालन कर रहा है।   


‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला  

‘DEKHO APNA DESH’ WEBINAR SERIES

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने 14 अप्रैल, 2020 से ‘देखो अपना देश’ वेबिनार श्रृंखला (‘DEKHO APNA DESH’ WEBINAR SERIES) शुरू की।

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उद्देश्य: 

  • इस वेबिनार श्रृंखला का उद्देश्य भारत के कई गंतव्यों पर जानकारी देना तथा अतुल्य भारत की संस्कृति एवं विरासत की गहरी एवं विस्तृत जानकारी प्रदान करना है।

मुख्य बिंदु: 

  • इस श्रृंखला का पहला वेबिनार ‘सिटी ऑफ सिटीज़- दिल्ली की पर्सनल डायरी’ पर केंद्रित था। जिसमें दिल्ली के लंबे इतिहास से अवगत कराया गया था क्योंकि इसमें दिल्ली के 8 शहरों के बारे में विस्तार से बताया गया था।
  • यह वेबिनार पर्यटन मंत्रालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- इंस्टाग्राम एवं फेसबुक पर अतुल्य भारत के नाम से उपलब्ध होगा।
  • इस श्रृंखला का अगला वेबिनार 16 अप्रैल, 2020 को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक उपलब्ध कराया जाएगा और यह आगंतुकों को अद्भुत शहर कोलकाता (City Of Kolkata) के बारे में विस्तार से परिचय कराएगा।

वेबिनार (WEBINAR):

  • वेब कॉन्फ्रेंसिंग शब्द का उपयोग विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं के लिये किया जाता है। इसमें वेब कास्ट, वेबिनार (वेब ​​सेमिनार) एवं पीयर-लेवल वेब मीटिंग शामिल हैं।
  • इसे इंटरनेट प्रौद्योगिकियों द्वारा संभव बनाया गया है और इसमें एक प्रेषक से कई रिसीवरों तक संचार एवं बहु स्तरीय संचार के लिये वास्तविक समय बिंदु की अनुमति प्रदान की गई है।
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