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भारतीय अर्थव्यवस्था

आईआरसीटीसी आईपीओ

  • 14 Oct 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

आरंभिक सार्वजनिक निर्गम , ग्रीन-शू विकल्प

मुख्य परीक्षा के लिये:

आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों का अर्थव्यवस्था में योगदान

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (Initial Public Offering-IPO) जारी किया।

प्रमुख बिंदु

  • इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने 30 सितंबर, 2019 को 645 करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य के साथ अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) जारी किया।
  • इस आरंभिक सार्वजनिक निर्गम(I.P.O) में सरकार ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के शेयर जारी किये। ये भारत सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार इन शेयरों के प्रति बाज़ार के रुख को देखते हुए कंपनी ग्रीन-शू विकल्प भी अपना सकती थी , जो जारीकर्त्ता को ओवरसब्सक्रिप्शन के मामले में प्रारंभिक लक्ष्य की तुलना में अधिक शेयर बेचने की अनुमति देता है।

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC)

  • IRCTC भारतीय रेलवे की ई-टिकटिंग, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और ई-कैटरिंग जैसी सेवाएँ प्रदान करने के लिये एकमात्र अधिकृत इकाई है।

आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (Initial Public Offering-IPO)

  • जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर सार्वजनिक रूप से लोगों या संस्थाओं के लिये जारी करती है तो उसे आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) कहते हैं।

ग्रीन-शू विकल्प

  • ग्रीन-शू विकल्प को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने वर्ष 2003 में मुख्य रूप से शेयरों की बाज़ार की कीमतों को स्थिरता प्रदान करने के लिये पेश कियाI
  • इसे ओवर-अलॉटमेंट प्रावधान भी कहते हैं।
  • इसका उपयोग आईपीओ के समय या किसी भी स्टॉक की लिस्टिंग के लिये किया जाता है, जिससे सफल शुरुआती मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
  • अगर शेयर की कीमत जारी मूल्य से कम या अधिक होती है तो प्रस्तावक प्रस्तावित मूल्य पर 15% शेयर खरीद सकता है। उपरोक्त विकल्प, एक मूल्य स्थिरीकरण तंत्र के रूप में कार्य करता है। निवेशक के दृष्टिकोण से, यह विकल्प यह सुनिश्चित करता है कि सूचीबद्ध शेयर की कीमत जारी कीमत से कम न होने पाए।

स्रोत -द हिंदू (बिज़नेसलाइन)

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