सुश्री बसंती देवी, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) से पद्म श्री-पुरस्कार (2022) विजेता पर्यावरणविद, कोसी नदी को पुनर्जीवित करने की दिशा में उनके योगदान के लिए जानी जाती हैं।
इस क्षेत्र में उनके प्रयासों के लिए उन्हें नारी शक्ति सम्मान से भी सम्मानित किया गया।
सामाजिक कार्य
उन्होंने अपना अभियान जून 2003 में शुरू किया था, जब कोसी ने अल्मोड़ा के पास गर्मी में अपना सबसे कम जल प्रवाह दर्ज किया था।
उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को जलावन लकड़ी के लिए पेड़ न काटने की शिक्षा देकर शुरुआत की।
उन्होंने 'महिला मंगल दल' नाम से 200 महिलाओं के समूहों का गठन किया, जिन्होंने नदी को बचाने क्र लिए केवल स्वतः बेकार हुई लकड़ियों का उपयोग करने, लाखों चौड़ी पत्ती वाले ओका के पेड़ लगाकर, होटलों और रिसॉर्ट्स को पानी की बर्बादी रोकने तथा जंगल की आग को रोकने और बुझाने का संकल्प लिया।
समूह के प्रयासों के परिणामस्वरूप कोसी वाटरशेड क्षेत्र के किसी समय लगभग सूख चुके क्षेत्र में अतिरिक्त पानी का जमाव हो गया।