नीरज चोपड़ा की सफलता ने भाला फेंक को लोकप्रिय बना दिया है और एक नई पीढ़ी के एथलीटों को प्रेरित किया है। जैसा कि वह कहते हैं:
"अब भारत में हर कोई जानता है कि भाला क्या होता है। यही बात मुझे सबसे अधिक खुशी देती है।"
आयोजन |
वर्ष/संस्करण |
विवरण |
अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ |
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ओलिंपिक खेल |
पेरिस 2024 |
रजत पदक प्राप्त किया, पाकिस्तान के अर्शद नदीम के पीछे रहते हुए, जिन्होंने ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया। |
टोक्यो 2020 |
स्वर्ण पदक जीता, जिससे वह ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक-एण्ड-फील्ड एथलीट बन गए। |
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विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप |
बुडापेस्ट 2023 |
अरशद नदीम और जकूब वडलेज को पराजित कर विश्व चैंपियन का टाइटल प्राप्त अपने नाम किया। |
युजीन 2022 |
रजत पदक जीता, विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बने। |
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डायमंड लीग |
युजीन फाइनल 2023 |
लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान प्रात किया। |
ज्यूरिख फाइनल 2022 |
पहले भारतीय बने जिन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ डायमंड लीग ट्रॉफी जीती। |
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एशियाई खेल |
हांग्ज़ो 2023 |
अपना टाइटल बनाए रखते हुए स्वर्ण पदक जीता। |
जकार्ता 2018 |
प्रतियोगिता में अपना स्थान बनाए रखते हुए स्वर्ण पदक जीता। |
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राष्ट्रमंडल खेल (कॉमनवेल्थ गेम्स) |
गोल्ड कोस्ट 2018 |
स्वर्ण पदक जीतकर अपना स्वर्णिम क्रम जारी रखा। |
एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप |
2017 |
असाधारण प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक प्राप्त किया। |
IAAF विश्व U20 चैंपियनशिप |
2016 |
नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक प्राप्त करते हुए एक रिकॉर्ड तोड़ थ्रो के साथ नया विश्व जूनियर रिकॉर्ड बनाया और इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय जोड़ा। |
दक्षिण एशियाई खेल |
2016 |
स्वर्ण पदक जीता। |
राष्ट्रीय उपलब्धियाँ |
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फेडरेशन कप |
2024 |
स्वर्ण पदक जीता। |
राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप |
2015 |
स्वर्ण पदक प्राप्त किया। |
अंतर-राज्यीय सीनियर चैंपियनशिप |
2015 |
अपना पहला पदक जीता। |
राष्ट्रीय चैंपियन (अंडर-16) |
2012 का अंत |
भाला फेंक में अंडर-16 राष्ट्रीय चैंपियन बने। |
नीरज चोपड़ा की उपलब्धियों ने न केवल भारतीय एथलेटिक्स को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी भाला फेंक जैसे खेल अपनाने के लिये प्रेरित किया है- जो भारत में पारंपरिक रूप से क्रिकेट की छाया में रहा है। हरियाणा के एक छोटे से गाँव से ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनने तक का उनका सफर दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और अटूट इच्छाशक्ति का जीवंत प्रमाण है।