प्रारंभिक परीक्षा
Y20 परामर्श कार्यक्रम
- 15 May 2023
- 3 min read
हाल ही में भारत की G20 अध्यक्षता के एक भाग के रूप में यूथ20 (Y20) समूह का Y20 परामर्श कार्यक्रम कश्मीर विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया, इसमें देश के बेहतर भविष्य के लिये युवाओं ने विचारों का आदान-प्रदान किया और 'जलवायु परिवर्तन एवं आपदा जोखिम में कमी: स्थिरता को जीवन जीने का एक तरीका बनाने' पर एक्शन प्लान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
FVOLGTKOY20 परामर्श कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:
- पृष्ठभूमि:
- भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को 1 वर्ष की अवधि के लिये यानी 30 नवंबर, 2023 तक G20 की अध्यक्षता ग्रहण की हैं। अध्यक्षता के लिये भारत की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' (जो महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है) की सभ्यतागत मूल्य प्रणाली में निहित है। अतः हमारी थीम है- 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य'।
- G20 अध्यक्षता के ढाँचे के तहत युवा मामलों के विभाग को यूथ 20 समिट- 2023 आयोजित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
- यूथ20 जो कि G20 के आधिकारिक रूप से शामिल समूहों में से एक है, युवाओं को G20 की प्राथमिकताओं पर अपने दृष्टिकोण एवं विचारों को व्यक्त करने हेतु एक मंच प्रदान करता है।
- भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को 1 वर्ष की अवधि के लिये यानी 30 नवंबर, 2023 तक G20 की अध्यक्षता ग्रहण की हैं। अध्यक्षता के लिये भारत की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' (जो महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है) की सभ्यतागत मूल्य प्रणाली में निहित है। अतः हमारी थीम है- 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य'।
- पाँच थीम:
- जलवायु परिवर्तन एवं आपदा जोखिम में कमी: स्थिरता को जीवन जीने का एक तरीका बनाना
- कार्य का भविष्य: उद्योग 4.0, नवाचार, और 21वीं सदी के कौशल
- शांति निर्माण और सुलह: युद्ध रहित युग की शुरुआत
- साझा भविष्य: लोकतंत्र और शासन में युवा
- स्वास्थ्य, कल्याण और खेल: युवाओं हेतु एजेंडा
- सहभागिता:
- इंडोनेशिया, मैक्सिको, तुर्किये, रूस, जापान, कोरिया गणराज्य, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राज़ील और नाइजीरिया जैसे G20 देशों के 17 युवा प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।
- कश्मीर विश्वविद्यालय और जम्मू-कश्मीर के आसपास के विद्यालयों के छात्रों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
- चर्चा के क्षेत्र:
- इसमें निम्नलिखित चार प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई:
- जैवविविधता और मानव कल्याण पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- सुरक्षित भविष्य के लिये आपदा जोखिम न्यूनीकरण
- हरित ऊर्जा- नवाचार और अवसर
- जल संसाधन- चुनौतियाँ और संभावनाए
- इसमें निम्नलिखित चार प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई: