इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

एक्सपोसैट

  • 29 May 2023
  • 6 min read

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बंगलूरू में ISRO मुख्यालय में 'यूज़र मीट ऑफ एक्सपोसैट' के दौरान छात्रों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया।

  • उन्होंने विज्ञान-आधारित अंतरिक्ष मिशनों से डेटा का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के महत्त्व पर बल दिया और भारतीय वैज्ञानिक संस्थानों को प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करने तथा उन्हें एक्सपोसैट (XPoSat) जैसी उभरती डेटा तकनीकों के साथ काम करने हेतु प्रेरित करने के लिये प्रोत्साहित किया।

एक्सपोसैट: 

  • परिचय: 
    • एक्सपोसैट (XPoSat) का अर्थ एक्स-रे ध्रुवणमापी उपग्रह है। 
    • यह भारत का अग्रणी ध्रुवणमापी (पोलरिमेट्री) मिशन है जिसका उद्देश्य विषम परिस्थितियों में खगोलीय स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करना है।
    • एक्सपोसैट ISRO और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI), बंगलूरू, कर्नाटक के सहयोग से विकसित किया गया है।  

  • एक्सपोसैट का वैज्ञानिक नीतभार: 
    • एक्सपोसैट दो वैज्ञानिक नीतभार ले जाएगा: पृथ्वी की निचली कक्षा में प्राथमिक नीतभार पोलिक्स (POLIX) (एक्स-रे में ध्रुवणमापी उपकरण) और एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग (SPECT)
      • नीतभार पोलिक्स खगोलीय स्रोतों से उत्पन्न होने वाले 8-30 केवी फोटॉन के मध्यम एक्स-रे ऊर्जा रेंज में ध्रुवणमापी प्राचल (ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण) जैसे ध्रुवीकरण मापदंडों का मापन करेगा।
      • SPECT नीतभार एक्स-रे फोटॉन के 0.8-15 केवी की ऊर्जा सीमा में मूल्यवान समय और स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी प्रदान करेगा
  • खगोलीय स्रोतों को समझने का महत्त्व:
    • पोलारिमेट्री माप विभिन्न खगोलीय स्रोतों से उत्सर्जन प्रक्रियाओं को समझने हेतु एक उत्कृष्ट निदान उपकरण है।
    • स्पेक्ट्रोस्कोपिक और समय मापन के साथ ध्रुवीयमितीय अवलोकनों के संयोजन से शोधकर्त्ता खगोलीय उत्सर्जन प्रक्रियाओं की वर्तमान समझ के साथ सीमाओं को नियंत्रित करने का अनुमान लगाते हैं।
  • एक्सपोसैट की स्थिति: 
    • एक्सपोसैट के लिये परीक्षण लगभग पूर्ण होने के साथ मिशन अपने उन्नत चरणों में है, इसे वर्ष 2023 में किसी भी समय प्रारंभ किया जा सकता है। 

इसरो के अन्य आगामी मिशन: 

  • आदित्य- L1:  
    • भारत का पहला समर्पित सौर वेधशाला मिशन, जून-जुलाई 2023 के लिये निर्धारित है
  • चंद्रयान- 3:  
    • जून 2023 में निर्धारित चंद्रयान- 2 के लिये एक अनुवर्ती मिशन। 
  • शुक्रयान- 1:
    • शुक्र के लिये भारत का पहला ऑर्बिटर मिशन।
  • गगनयान: 
    • एक मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है जो अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी. ऊँचाई पर कक्षा में ले जाएगा।
  • निसार: 
    • इसरो और नासा के मध्य एक संयुक्त पृथ्वी-अवलोकन मिशन जो वैश्विक पर्यावरणीय परिवर्तनों पर जानकारी प्रदान करेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (2014)

         अंतरिक्ष यान                            प्रयोजन

  1. कैसिनी-हाइगेन्स                 शुक्र की परिक्रमा करना और डेटा को पृथ्वी पर संचारित करना
  2. मैसेंजर                           बुध का मानचित्रण और अन्वेषण
  3. वॉयेजर 1 और 2                बाह्य सौर परिवार का अन्वेषण

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a)  केवल 1 

(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b) 

 स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2