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विश्व टीकाकरण दिवस 2024

  • 12 Nov 2024
  • 9 min read

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, संक्रामक रोगों से बचाव और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा में टीकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को विश्व टीकाकरण दिवस मनाया जाता है।

  • टीकाकरण द्वारा किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावी करने के लिये टीका लगाकर उसे संक्रामक रोग के विरुद्ध प्रतिरोधी बनाया जाता है।

भारत में टीकाकरण के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?

भारत में प्रमुख टीकाकरण कार्यक्रम:

  • सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP): इसे प्रारंभ में वर्ष 1978 में ‘विस्तृत टीकाकरण कार्यक्रम’ (Expanded Programme of Immunization- EPI) के रूप में शुरू किया गया था, वर्ष 1985 में इसे सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम में परिवर्तित कर शहरी से ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित कर दिया गया।
    •  1992 में, UIP को बाल जीवन रक्षा और सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम में और बाद में, वर्ष 1997 में राष्ट्रीय प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया गया। 
    • वर्ष 2005 से, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत, UIP भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों का एक केंद्रीय घटक बन गया है, जो देश के दूरदराज के हिस्सों में भी हर बच्चे तक पहुँच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • वित्त वर्ष 2023-24 के लिये देश का पूर्ण टीकाकरण कवरेज राष्ट्रीय स्तर पर 93.23% है।
  • मिशन इन्द्रधनुष (MI) : MI को दिसंबर, 2014 में 90% पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
    • मिशन इंद्रधनुष विशेष रूप से कम टीकाकरण दर वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें दुर्गम क्षेत्र और ऐसे समुदाय शामिल हैं, जहाँ बच्चों को या तो टीका नहीं लगाया गया है या आंशिक रूप से टीका लगाया गया है।
  • यू-विन 'किसी भी समय पहुँच' और 'किसी भी जगह' टीकाकरण की सुविधा देता है, जो प्राप्तकर्ताओं के अनुकूल समय-अवधि का विकल्प प्रदान करता है। 
    •  यू-विन (U-WIN) पोर्टल: यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म जिसका उद्देश्य वैक्सीन वितरण और रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित करना है तथा यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति आसानी से अपने टीकाकरण रिकॉर्ड तक पहुँच सके और इसका प्रबंधन किया जा सके। 
    • प्लेटफॉर्म एक सार्वभौमिक क्यूआर-आधारित ई-टीकाकरण प्रमाणपत्र भी तैयार करता है और अपने लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (आभा) आईडी बनाने का विकल्प प्रदान करता है

सार्वजनिक स्वास्थ्य की उपलब्धियाँ:

  • कोविड-19 टीकाकरण: 16 जनवरी 2021 से 6 जनवरी 2023 के बीच भारत ने 220 करोड़ से अधिक खुराकें दी हैं, जिनमें 97% पात्र नागरिकों को कम से कम एक खुराक और 90% को दोनों खुराकें दी गई हैं।   
  • पोलियो उन्मूलन: भारत को मार्च 2014 में आधिकारिक तौर पर पोलियो मुक्त प्रमाणित किया गया।
  • मातृ एवं नवजात टेटनस (MNTE): भारत ने दिसंबर 2015 के वैश्विक लक्ष्य से काफी पहले अप्रैल 2015 में MNTE को समाप्त कर दिया। 
  • यॉज़-मुक्त: भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आधिकारिक तौर पर यॉज़-मुक्त के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाला पहला देश बन गया।
    • यॉज़ एक दीर्घकालिक जीवाणु संक्रमण है जो त्वचा, हड्डी और उपास्थि को प्रभावित करता है।
  • चेचक: भारत में चेचक का उन्मूलन वर्ष 1977 में कर दिया गया था।
  • कुष्ठ रोग: कुष्ठ रोग को 2005 में समाप्त कर दिया गया था। 
  • कालाज़ार: भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में कालाज़ार के उन्मूलन के करीब है।
    • भारत ने क्रमागत दो वर्षों तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमाणन मानदंड हासिल किये हैं तथा प्रमाणन के लिये अर्हता प्राप्त करने हेतु उसे एक और वर्ष तक इस स्तर को बनाए रखना होगा।

नोट: 

  • UIP के अंतर्गत, 12 टीका-निवारणीय रोगों के विरुद्ध निःशुल्क टीकाकरण प्रदान किया जाता है:
    • राष्ट्रीय स्तर पर 9 बीमारियों के विरुद्ध अभियान चलाया गया: डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, गंभीर बाल क्षय रोग, हेपेटाइटिस B एवं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप B के कारण होने वाला मेनिनजाइटिस और निमोनिया। 
    • उप-राष्ट्रीय स्तर पर 3 बीमारियों के विरुद्ध अभियान चलाया गया: रोटावायरस डायरिया, न्यूमोकोकल न्यूमोनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस
  • UIP ने पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर को वर्ष 2014 में प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 45 से घटाकर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 32 तक लाने में सहायता की है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: ‘पुन:संयोजित (रीकॉम्बिनेंट) वेक्टर वैक्सीन’ से संबंधित हाल के विकास के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. इन वैक्सीनों के विकास में आनुवंशिक इंजीनियरी का प्रयोग किया जाता है।
  2. जीवाणुओं और विषाणुओं का प्रयोग रोगवाहक (वेक्टर) के रूप में किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1                         
(b)  केवल 2
(c)  1 और 2 दोनों    
(d)  न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)


प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है? (2019)

(a) यकृतशोध B विषाणु काफी कुछ HIV की तरह ही संचरित होता है।
(b) यकृतशोध C का टीका होता है, जबकि यकृतशोध B का कोई टीका नहीं होता।
(c) सार्वभौम रूप से यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या HIV से संक्रमित लोगों की संख्या से कई गुना अधिक है।
(d) यकृतशोध B और C विषाणुओं से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में अनेक वर्षों तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते।

उत्तर: (b)


प्रश्न: निम्नलिखित रोगों पर विचार कीजिये: (2014)

  1. डिफ्थीरिया
  2. छोटी माता (चिकेनपॉक्स)
  3. चेचक (स्मॉलपॉक्स)

उपर्युक्त में से किस रोग/किन रोगों का भारत में उन्मूलन हो चुका है?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) 1, 2 और 3
(d) कोई नहीं

उत्तर: (b)

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