नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

विश्व शासन संकेतक

  • 19 May 2022
  • 5 min read

हाल ही में विश्व बैंक द्वारा विश्व शासन संकेतक (WGI) जारी किये गए हैं।

  • WGI किसी भी देश की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग तय करने में अहम भूमिका निभाता है। WGI मापदंडों में कम स्कोर के कारण भारत अपनी संप्रभु क्रेडिट रेटिंग खो रहा है। 

विश्व शासन संकेतक (WGI): 

  • विश्व शासन संकेतक एक शोध डेटासेट है जो शासन की गुणवत्ता पर विकसित और विकासशील देशों के पर्याप्त संख्या में कॉर्पोरेट, नागरिक एवं विशेषज्ञों के सर्वेक्षण द्वारा उत्तरदाताओं की राय एकत्र करता है।
  • विश्व शासन संकेतक: यह एक निश्चित मानदंड के आधार पर 215 देशों और क्षेत्रों का आकलन करता है।
    • अभिव्यक्ति और ज़वाबदेही
    • राजनीतिक स्थिरता और हिंसा की अनुपस्थिति
    • सरकारी प्रभावशीलता
    • नियामक गुणवत्ता
    • कानून का शासन
    • भ्रष्टाचार  नियंत्रण
  • भारत का WGI स्कोर सभी छह संकेतकों पर BBB माध्यिका से काफी नीचे है।
    • जबकि BBB, S&P और फिच जैसी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा जारी एक निवेश-ग्रेड रेटिंग है।
    • BBB माध्यिका के नीचे एक WGI स्कोर यह सुझाव देगा कि जब देशों के स्कोर को अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो भारत मध्य से नीचे आता है।
  • विभिन्न रिपोर्ट जिन पर भारत की WGI रैंकिंग आधारित है-

WGI से जुड़े महत्त्वपूर्ण परिणाम: 

  • भारत की संप्रभु साख रेटिंग के बिगड़ने से इसकी वैश्विक स्तर पर साख खराब हो रही है।
  • भारत के ऋण बाज़ार में निवेश जोखिम भरा होगा। 
  • इसमें राजनीतिक जोखिम भी शामिल है तथा निवेशकों को आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

भारत की WGI रैंक को अत्यधिक प्रभावित करने वाली प्रमुख घटनाएंँ: 

  • वर्ष 2017 से वर्ष 2019 तक कश्मीर आंशिक रूप से मुक्त था, लेकिन वर्ष 2020 में इसकी स्वतंत्रता पर फिर से अंकुश लगा दिया गया। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित अंक प्रदान किये गए:    
    • राजनीतिक अधिकार: 40 में से 8
    • नागरिक स्वतंत्रताएँ: 60 में से 20
    • कुल स्कोर: 110 में से 28
  • अमेरिकी विदेश विभाग ने निम्नलिखित का उल्लेख किया:  
    • कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न: कार्यकर्ताओं, वकीलों, मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों को सताया तथा परेशान किया गया है।
    • राजद्रोह और आतंकवाद रोधी कानून: इनका उपयोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिये किया जाता है।
    • विदेशी फंडिंग विनियमों का दुरुपयोग: सरकारी नीतियों या व्यवहार की आलोचना करने वाले गैर-सरकारी संगठनों को लक्षित करने हेतु विनियमों का प्रायः दुरुपयोग किया जाता था।
  • आर्थिक खुफिया इकाई (ईआईयू) के अनुसार, ईआईयू लोकतंत्र सूचकांक में भारत की रैंक 2014 में 27 से गिरकर 2019 में 51 हो गई।

आर्थिक खुफिया इकाई: 

  • आर्थिक खुफिया इकाई द इकोनॉमिस्ट ग्रुप का शोध और विश्लेषण प्रभाग है। 
  • यह 1946 में स्थापित किया गया था इसका मूल उद्देश्य व्यवसायों, वित्तीय फर्मों और सरकारों को हमेशा बदलते वैश्विक परिदृश्य को नेविगेट करने में मदद करना है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow