विश्व मगरमच्छ दिवस 2024 | 19 Jun 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
17 जून को विश्व मगरमच्छ दिवस मनाया जाता है। यह दिन विश्व भर में संकटग्रस्त मगरमच्छों एवं घड़ियालों की स्थिति को उजागर करने के लिये एक वैश्विक जागरूकता अभियान है।
मगरमच्छ संरक्षण परियोजना क्या है?
- परिचय:
- मगरमच्छ संरक्षण परियोजना, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के पारित होने के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र तथा भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
- प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना, कैप्टिव ब्रीडिंग के माध्यम से मगरमच्छों की संख्या को बढ़ावा देना और साथ ही प्राकृतिक वातावरण में नवजात शिशु के जीवित रहने की कम दर का समाधान करना।
- इस परियोजना के तहत देश के संकटग्रस्त मगरमच्छों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु भारत में 34 स्थानों पर प्रजनन केंद्र स्थापित किये गए, जिनमें भितरकनिका भी शामिल है, इसमें विशेष रूप से खारे पानी मगरमच्छों या समुद्री मगरमच्छों (क्रोकोडाइलस पोरोसस) पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- मगरमच्छ की वर्तमान संख्या और वितरण:
- भितरकनिका में खारे जल के मगरमच्छों की संख्या वर्ष 1975 में 95 थी, जो नवीनतम सरीसृप जनगणना रिपोर्ट (2023) के अनुसार बढ़कर 1,811 हो गई है।
- वर्तमान में खारे जल के मगरमच्छ भारत में तीन मुख्य स्थानों पर पाए जाते हैं: भितरकनिका, सुंदरबन तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह।
- मानव-मगरमच्छ संघर्ष:
- भितरकनिका में मगरमच्छों की बढ़ती संख्या के कारण मनुष्यों के साथ संघर्ष की घटनाएँ बढ़ गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2014 से अब तक 50 मौतें हो चुकी हैं, जिसके कारण अधिकारियों को हमलों को रोकने के लिये 120 नदी तटों पर बैरिकेड्स लगाने पड़े, जिसके पश्चात् भी संघर्ष जारी है।
भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के बारे में मुख्य तथ्य:
- भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान उड़ीसा में 672 किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है।
- यह सुंदरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है।
- राष्ट्रीय उद्यान मूलतः खाड़ियों और नहरों का एक नेटवर्क है जो ब्राह्मणी, वैतरणी, धमरा तथा पटसाला नदियों के जल से आवृत है, जो एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है।
- बंगाल की खाड़ी से इसकी निकटता के कारण इस क्षेत्र की मिट्टी लवणों से समृद्ध है और अभयारण्य की वनस्पति तथा प्रजातियाँ मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय अंतःज्वारीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
- यह खारे पानी के मगरमच्छों का प्रजनन स्थल है।
- गहिरमाथा समुद्र तट, जो पूर्व में अभयारण्य की सीमा बनाता है, ओलिव रिडले समुद्री कछुओं की सबसे बड़ी कॉलोनी है।
- भितरकनिका किंगफिशर पक्षियों की आठ प्रजातियों को भी आवास है, जो एक दुर्लभ प्रजाति है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. यदि आप घड़ियालों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित में से कौन-सा स्थान घूमने के लिये सबसे उपयुक्त है? (2017) (a) भितरकनिका मैंग्रोव उत्तर: (b) |