प्रारंभिक परीक्षा
विश्व बैंक द्वारा ऋण देने की क्षमता में वृद्धि
- 15 Nov 2024
- 9 min read
स्रोत: लाइव मिंट
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, आगामी दस वर्षों में 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने के प्रयास में, विश्व बैंक ने हाल ही में बैलेंस शीट अनुकूलन के माध्यम से अपनी ऋण देने की क्षमता में 50% की वृद्धि की है।
- इस विस्तार में हरित परियोजनाओं, जलवायु कार्रवाई एवं सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के समर्थन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वर्तमान वार्षिक ऋण के साथ, भारत विश्व बैंक के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है और साथ ही उसे जलवायु अनुकूलन, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए अतिरिक्त धनराशि का बड़ा हिस्सा प्राप्त होगा।
विश्व बैंक में हाल ही में क्या वित्तीय सुधार हुए हैं?
- मध्यम आय वाले देशों के लिये ऋण प्राप्त करने की लागत में कमी: विश्व बैंक ने मध्यम आय वाले देशों (जैसे भारत) के लिये ऋण शेष पर प्रतिबद्धता शुल्क चार वर्षों के लिये माफ कर दिया है, जिससे इस अवधि में ऋण प्राप्त करने की लागत में लगभग 1% की कमी आएगी।
- विश्व बैंक द्वारा असंवितरित ऋण राशि पर प्रतिबद्धता शुल्क लगाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उधारकर्त्ता निर्धारित अवधि के भीतर धनराशि का उपयोग करें।
- प्रतिबद्धता शुल्क कम करने से इन देशों के लिये वित्तपोषण अधिक लाभकारी हो जाएगा।
- विश्व बैंक द्वारा असंवितरित ऋण राशि पर प्रतिबद्धता शुल्क लगाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उधारकर्त्ता निर्धारित अवधि के भीतर धनराशि का उपयोग करें।
- आंतरिक सुधार एवं दक्षता में वृद्धि: विश्व बैंक की हाल की बैठकों में दक्षता, सहयोग में सुधार एवं निजी क्षेत्र के वित्तपोषण में वृद्धि करने के लिये आंतरिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- ये सुधार G-20 समर्थित अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (IEG) की सिफारिशों द्वारा निर्देशित हैं।
- IEG रिपोर्ट एवं MDB वित्तपोषण लक्ष्य: IEG रिपोर्ट ने सिफारिश की है कि विश्व बैंक सहित बहुपक्षीय विकास बैंक ( MDB) जलवायु कार्रवाई और अन्य SDG को प्रभावी ढंग से समर्थन देने के लिये वर्ष 2030 तक वार्षिक वित्तपोषण में 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि करनी होगी।
- नई ऋण रणनीतियाँ: अपनी ऋण देने की क्षमता का विस्तार करने के लिये, विश्व बैंक अपने इक्विटी-से-ऋण अनुपात को कम कर रहा है तथा हाइब्रिड पूंजी मॉडल का उपयोग कर रहा है। ये रणनीतियाँ बैंक को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता के बिना अपने ऋण प्रदान करने की अनुमति देंगी।
विश्व बैंक की भूमिका और संरचना क्या है?
- विश्व बैंक के संदर्भ में:
- विश्व बैंक एक वैश्विक विकास सहकारी संस्था है जिसमें 189 सदस्य देश हैं।
- इन देशों या शेयरधारकों का प्रशासन एक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा किया जाता है, जो आमतौर पर वित्त या विकास मंत्रियों से निर्मित होता है।
- बोर्ड की बैठक प्रतिवर्ष नीति निर्धारण और वैश्विक विकास में संस्था के कार्यों की देखरेख के लिये होती है।
- मिशन एवं कार्य:
- विश्व बैंक का लक्ष्य गरीबी को कम करना एवं साझा समृद्धि को बढ़ावा देना है।
- यह देशों को जटिल विकास चुनौतियों से निपटने में सहायता प्रदान करने के लिये वित्तीय उत्पाद, तकनीकी सहायता और नीतिगत सलाह प्रदान करता है।
- विश्व बैंक प्रभाव को अधिकतम करने के लिये बहुपक्षीय संस्थाओं, नागरिक समाज, निजी क्षेत्र के अभिकर्त्ताओं एवं संस्थाओं के साथ सहयोग करता है।
- विश्व बैंक ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढाँचे एवं पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में 15,000 से अधिक परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है।
- भारत में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित कुछ परियोजनाएँ हैं, भारत ऊर्जा दक्षता स्केल-अप कार्यक्रम, संकल्प, MSME प्रदर्शन में वृद्धि एवं तेज़ी (RAMP), ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर,एवं मुंबई शहरी परिवहन परियोजनाएँ आदि।
- विश्व बैंक समूह के प्रमुख संस्थान:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD): IBRD गरीबी उन्मूलन, सतत् विकास एवं बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मध्यम आय और ऋण योग्य निम्न आय वाले देशों को ऋण, गारंटी और नीति सलाह प्रदान करता है।
- मध्यम-आय वाले देशों (MIC) का IBRD के पोर्टफोलियो में 60% से अधिक हिस्सा है, जो दुनिया के अधिकांश गरीबों को आवास देते हुए वैश्विक विकास के प्रमुख चालकों के रूप में कार्य करते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA): IDA विश्व के सर्वाधिक गरीब देशों को रियायती ऋण और अनुदान प्रदान करता है, जिसकी शर्तों पर बहुत कम या कोई ब्याज नहीं लगता है।
- IDA ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और संघर्ष-पश्चात पुनरुद्धार परियोजनाओं का समर्थन करता है।
- IDA के वित्तीय उत्पादों का आवंटन देश के आय स्तर एवं पूर्व परियोजनाओं के प्रबंधन में उसकी सफलता के आधार पर किया जाता है।
- IDA का वित्तपोषण अत्यधिक रियायती है, जो सबसे गरीब देशों को शून्य से लेकर कम ब्याज दर पर ऋण या अनुदान प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC): IFC वित्तपोषण, परामर्श सेवाएँ और जोखिम शमन प्रदान करके विकासशील देशों में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देता है।
- बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA): MIGA विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये राजनीतिक जोखिम बीमा और गारंटी प्रदान करती है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता से होने वाली हानि का जोखिम कम होता है।
- राजनीतिक जोखिम बीमा व्यवसायों के लिये सरकार की प्रतिकूल कार्रवाइयों या निष्क्रियता से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को कम करने और प्रबंधित करने का एक उपकरण है।
- निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID): ICSID निवेशकों और राज्यों के बीच निवेश विवादों के समाधान में सहायता प्रदान करता है, तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिये कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD): IBRD गरीबी उन्मूलन, सतत् विकास एवं बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए मध्यम आय और ऋण योग्य निम्न आय वाले देशों को ऋण, गारंटी और नीति सलाह प्रदान करता है।
नोट भारत, विश्व बैंक समूह की पाँच संस्थाओं में से चार का सदस्य है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संस्था, अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटान केन्द्र (ICSID) का सदस्य नहीं है। |
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्नप्रश्न. कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले 'आई.एफ.सी. मसाला बाॅण्ड (IFC Masala Bonds)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) |