प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

जलकुंभी

  • 30 Apr 2024
  • 1 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने कहा है कि जलकुंभी को नष्ट करने के लिये रासायनिक बायोएंज़ाइम "ड्रैनजाइम" का उपयोग करने के लिये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा वैज्ञानिक अनुमोदन आवश्यक है।

  • ड्रैनज़ाइम को उपयोग के लिये तभी अनुमति दी जाएगी जब यह पुष्टि हो जायेगी कि जल निकाय के पारिस्थितिक संतुलन पर इससे कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
  • शहरी स्थानीय निकायों ने मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिये नदियों और झीलों पर जैव-एंज़ाइम या प्राकृतिक रसायनों का छिड़काव करने का निर्णय लिया।
  • जलकुंभी को वैज्ञानिक भाषा में आइचोर्निया क्रैसिप्स के नाम से जाना जाता है।
    • यह एक जलीय खरपतवार है जो भारत सहित पूरे दक्षिण एशिया के जलीय निकायों में आम है।
  • ड्रैनज़ाइम एक एंज़ाइम-आधारित उत्पाद है जिसका उपयोग जलकुंभी के निदान के लिये किया जाता है।

और पढ़ें: जलकुंभी 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow