वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क | 29 Apr 2024

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

हाल के वर्षों में रूस द्वारा ऑनलाइन सामग्री के बढ़ते दमन के परिणामस्वरूप उन लोगों द्वारा वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो मीडिया एवं सूचना स्रोतों तक निर्बाध पहुँच प्राप्त करना चाहते हैं।

VPN क्या है?

  • परिचय: VPN एक ऐसी तकनीक है जो उपयोगकर्त्ता के डिवाइस एवं इंटरनेट के बीच एक सुरक्षित एवं निज़ी कनेक्शन स्थापित करती है। VPN इंटरनेट ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करते हैं और उपयोगकर्त्ता की ऑनलाइन पहचान को छिपाते हैं।
    • VPN भू-प्रतिबंधों तथा सेंसरशिप को बायपास कर सकते हैं। किसी भिन्न स्थान पर VPN सर्वर से कनेक्ट करके उपयोगकर्त्ता उन सामग्री एवं वेबसाइटों तक पहुँच सकते हैं जो उनके क्षेत्र में प्रतिबंधित अथवा अवरुद्ध हो सकती हैं।
  • कार्यप्रणाली: 
    • एन्क्रिप्शन: जब कोई उपयोगकर्त्ता VPN से जुड़ता है, तब प्रसारित एवं प्राप्त किये गए डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है।
      • एन्क्रिप्शन डेटा को एक कोड में परिवर्तित करता है जिसे केवल उपयोगकर्त्ता का डिवाइस तथा VPN सर्वर डिक्रिप्शन कुंजी का उपयोग करके ही समझ सकता है।
    • सुरक्षित टनलिंग: एन्क्रिप्टेड डेटा एक सुरक्षित सुरंग के माध्यम से VPN सर्वर तक जाता है।
      • यह सुरंग इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISP), हैकर्स अथवा सरकारी एजेंसियों जैसे अनधिकृत पक्षों को उपयोगकर्त्ता की ऑनलाइन गतिविधियों को रोकने के साथ-साथ  निगरानी करने से भी रोकती है।
      • IP  एड्रेस मास्किंग: उपयोगकर्त्ता का वास्तविक IP एड्रेस, जो उनके स्थान एवं डिवाइस की जानकारी प्रकट कर सकता है, को VPN सर्वर के IP एड्रेस से बदल दिया जाता है।
      • यह मास्किंग प्रक्रिया उपयोगकर्त्ता की गोपनीयता को बढ़ाती है साथ ही वेबसाइटों के लिये उपयोगकर्त्ता के वास्तविक स्थान को ट्रैक करना कठिन बना देती है।

VPN के समान अन्य प्रमुख प्रौद्योगिकियाँ क्या हैं? 

  • स्मार्ट डोमेन नेम सिस्टम (DNS): यह उपयोगकर्त्ता के अनुरोध को इंटरनेट पर भेजने से पहले, स्मार्ट DNS डिवाइस द्वारा उत्पन्न एक अलग एड्रेस के साथ उपयोगकर्त्ता के ISP-जनरेटेड DNS एड्रेस को छिपाते हुए उपयोगकर्त्ता की पहचान की अतिरिक्त सुरक्षा हेतु एक प्रॉक्सी सर्वर संसाधन प्रदान करता है। 
  • ओनियन राउटर: यह ओनियन प्रोटोकॉल का उपयोग करके सुरक्षित एन्क्रिप्शन की कई परतों में डेटा को एन्क्रिप्ट करके उपयोगकर्त्ता डेटा की सुरक्षा करता है, क्योंकि यह डेटा को प्रेषक से रिसीवर तक प्रेषित करता है।
  • यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि उपयोगकर्त्ता की पहचान ISP और विज्ञापनदाताओं से सुरक्षित रहे।
  • प्रॉक्सी सर्वर: प्रॉक्सी सर्वर उपयोगकर्त्ता के डिवाइस और इंटरनेट के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं। 
  • इनका उपयोग उपयोगकर्त्ता के IP एड्रेस को छिपाने, सामग्री फिल्टर को बायपास करने और बार-बार एक्सेस किये गए वेब पेजों को कैशिंग करके गति में सुधार करने के लिये किया जा सकता है।

नोट:

  • वर्ष 2022 में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने VPN प्रदाताओं, डेटा केंद्रों, वर्चुअल सेवा नेटवर्क तथा क्लाउड प्रदाताओं को उपयोगकर्त्ताओं के व्यक्तिगत विवरण को पाँच वर्ष तक रिकॉर्ड करने के लिये अनिवार्य करने वाले नियम पेश किये। 
  • जिनके अनुसार उन्हें उपयोग पैटर्न और सेवा उद्देश्यों को भी लॉग करना होगा तथा छह घंटे के भीतर CERT-In को साइबर सुरक्षा घटनाओं की रिपोर्ट करनी होगी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. "वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क" क्या है? (2011)

(a) यह एक संगठन का निजी कंप्यूटर नेटवर्क है जहांँ दूरस्थ उपयोगकर्त्ता संगठन के सर्वर के माध्यम से एन्क्रिप्टेड जानकारी संचारित कर सकते हैं।
(b) यह सार्वजनिक इंटरनेट पर एक कंप्यूटर नेटवर्क है जो उपयोगकर्त्ताओं को संचारित सूचना की सुरक्षा को बनाए रखते हुए उसकेे संगठन के नेटवर्क तक पहुंँच प्रदान करता है।
(c) यह एक कंप्यूटर नेटवर्क है जिसमें उपयोगकर्त्ता एक सेवा प्रदाता के माध्यम से कंप्यूटिंग संसाधनों के साझा पूल तक पहुंँच सकते हैं।
(d) उपर्युक्त दिये गए कथनों (a), (b) और (c) में से कोई भी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का सही विवरण नहीं है।

उत्तर: (b)