अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ अमेरिका | 12 Nov 2021
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में शामिल होने वाला 101वाँ सदस्य देश बन गया है।
- इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की चौथी महासभा का आयोजन किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ संधि-आधारित एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका प्राथमिक कार्य वित्तपोषण एवं प्रौद्योगिकी की लागत को कम करके सौर विकास को उत्प्रेरित करना है।
- ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ (OSOWOG) को लागू करने हेतु नोडल एजेंसी है, जिसका उद्देश्य एक विशिष्ट क्षेत्र में उत्पन्न सौर ऊर्जा को किसी दूसरे क्षेत्र की बिजली की मांग को पूरा करने के लिये स्थानांतरित करना है।
- पहल की शुरुआत:
- यह एक भारतीय पहल है जिसे भारत के प्रधानमंत्री और फ्राँस के राष्ट्रपति द्वारा 30 नवंबर, 2015 को फ्राँस (पेरिस) में यूएनएफसीसीसी के पक्षकारों के सम्मेलन (COP-21) में 121 सौर संसाधन समृद्ध राष्ट्रों के साथ शुरू किया गया था जो पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं।
- सदस्य:
- अमेरिका के शामिल होने के बाद कुल 101 सदस्य।
- मुख्यालय:
- इसका मुख्यालय भारत में स्थित है और इसका अंतरिम सचिवालय गुरुग्राम में स्थापित किया जा रहा है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य सदस्य देशों में सौर ऊर्जा के विस्तार हेतु प्रमुख चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करना है।
- न्यू आईएसए प्रोग्राम:
- सौर पीवी पैनलों और बैटरी उपयोग अपशिष्ट तथा सौर हाइड्रोजन कार्यक्रम के प्रबंधन पर न्यू आईएसए प्रोग्राम शुरू किये गए हैं।
- नई हाइड्रोजन पहल का उद्देश्य सौर बिजली के उपयोग को वर्तमान (USD 5 प्रति किलोग्राम) की तुलना में अधिक किफायती दर पर हाइड्रोजन के उत्पादन में सक्षम बनाना है तथा इसके तहत इसे USD 2 प्रति किलोग्राम तक लाना है।
- सौर पीवी पैनलों और बैटरी उपयोग अपशिष्ट तथा सौर हाइड्रोजन कार्यक्रम के प्रबंधन पर न्यू आईएसए प्रोग्राम शुरू किये गए हैं।