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UAE का FATF ग्रे लिस्ट से बाहर निकलना

  • 01 Mar 2024
  • 4 min read

स्रोत: बिज़नेस लाइन

चर्चा में क्यों? 

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को अपनी ग्रे सूची से हटा दिया गया है, जिससे निवेश परिदृश्य में विशेष रूप से भारत की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रति विश्वास को बढ़ाया है।

ग्रे लिस्ट से UAE के बाहर निकलने से भारतीय NBFC में निवेश पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

  • निवेश नीतियाँ: वर्ष 2021 में भारतीय रिज़र्व बैंक के परिपत्र में NBFC के लिये निवेश नियमों की रूपरेखा दी गई है, जो FATF क्षेत्राधिकारों के अनुपालन के साथ-साथ गैर-अनुपालन वाले निवेशों के बीच अंतर करता है।
    • गैर-अनुपालन क्षेत्राधिकारों से निवेश को भारतीय NBFC में महत्त्वपूर्ण प्रभाव प्राप्त करने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा।
  • UAE निवेशकों पर प्रभाव: UAE को FATF की ग्रे-लिस्ट से हटाने से भारतीय NBFC में UAE-आधारित निवेशकों के लिये निवेश आसान हो जाएगा।
  • सीमा पार निवेश सुविधा: आसान प्रतिबंधों से भारत और UAE के बीच सीमा पार निवेश को बढ़ावा मिलता है, जिससे दोनों देशों के वित्तीय क्षेत्रों को लाभ होता है।
  • FPI और FDI में वृद्धि: UAE के बाहर निकलने से क्षेत्र से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के लिये अपने ग्राहक को जानें/नो योर कस्टमर (KYC) की आवश्यकताएँ कम हो सकती हैं, जिससे संभावित रूप से भारत (दोगुने होने की उम्मीद है) में FPI प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा।
    • UAE को  ग्रे-लिस्ट से हटाने से आर्थिक विकास में योगदान देने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि हो सकती है। यह प्रतिस्पर्द्धा नवाचार को बढ़ावा दे सकती है और दोनों क्षेत्रों में अधिक निवेश आकर्षित कर सकती है।

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) क्या है?

  • परिचय: NBFC कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत एक कंपनी है, जो विभिन्न वित्तीय गतिविधियों में शामिल होती है जैसे कि ऋण और उधार प्रदान करना, शेयर, स्टॉक, बाॅण्ड, डिबेंचर तथा सरकार या स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण करना।
    • NBFC में मुख्य रूप से संलग्न संस्थान निम्नलिखित गतिविधियों में शामिल नहीं हैं:
      • कृषि या औद्योगिक गतिविधियाँ
      • वस्तुओं की खरीद या बिक्री (प्रतिभूतियों के अलावा)
      • सेवाएँ उपलब्ध कराना
      • अचल संपत्ति का व्यापार करना।
  • बैंकों और NBFC के बीच अंतर:
    • जबकि बैंक ग्राहकों से डिमांड डिपॉज़िट स्वीकार कर सकते हैं, NBFC को ऐसा करने की अनुमति नहीं है।
    • बैंकों के विपरीत, NBFC भुगतान और निपटान प्रणाली का हिस्सा नहीं हैं।
    • NBFC स्वयं आहरित चेक जारी नहीं कर सकते, जबकि बैंक इसके लिये अधिकृत हैं।
    • जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम द्वारा प्रदान की जाने वाली जमा बीमा सुविधा बैंक जमाकर्त्ताओं के विपरीत, NBFC जमाकर्त्ताओं के लिये उपलब्ध नहीं है।

FATF क्या है?

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