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त्सांगयांग ग्यात्सो पीक

  • 01 Oct 2024
  • 2 min read

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया 

हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में एक चोटी का नाम छठे दलाई लामा (त्सांगयांग ग्यात्सो) के नाम पर 'त्सांगयांग ग्यात्सो पीक' रखा गया है जिस पर चीन ने आपत्ति जताई है।

  • चीन ने इस चोटी के नामकरण की निंदा करते हुए इसे "चीन के क्षेत्र" में एक अवैध कार्य बताया है।
    • चीन पूरे अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत” मानता है। इस क्षेत्र को चीनी भाषा में “ज़ंगनान” कहा जाता है।
  • त्सांगयांग ग्यात्सो का जन्म तवांग में हुआ था और वे 17 वी-18 वीं शताब्दी के दौरान वहाँ रहे थे।
  • भारत ने इस नामकरण को त्सांगयांग ग्यात्सो की "शाश्वत बुद्धिमत्ता" तथा मोनपा समुदाय (तवांग क्षेत्र का एक मूल जातीय समूह) के प्रति उनके योगदान के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में संदर्भित किया।
  • राष्ट्रीय पर्वतारोहण एवं साहसिक खेल संस्थान (NIMAS) की एक टीम द्वारा 6,383 मीटर ऊँची इस चोटी पर चढ़ाई करने के क्रम में खड़ी बर्फ की ढलानों, हिम दरारों एवं दो किलोमीटर लंबे ग्लेशियर का सामना करना पड़ा।
    • यह चोटी अरुणाचल प्रदेश के हिमालय की गोरीचेन श्रेणी में स्थित है।
    • हिम दरारें आमतौर पर ग्लेशियर के शीर्ष 50 मीटर में देखने को मिलती हैं।
    • NIMAS, रक्षा मंत्रालय के अधीन है।

और पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश पर चीनी दावे को भारत ने किया खारिज़

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