सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि | 17 Dec 2024

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जो 15 दिसंबर, 1950 को हुई थी

  • उनके अडिग संकल्प और दृढ़ दृष्टिकोण के कारण उन्हें व्यापक रूप से "भारत के लौह पुरुष" के रूप में मान्यता प्राप्त है, और उन्हें राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

राजनीतिक उपलब्धियाँ: 

  • खेड़ा सत्याग्रह (1918): उन्होंने सूखे के कारण खराब फसल से प्रभावित किसानों के लिये कर छूट की मांग करते हुए खेड़ा सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • बारदोली सत्याग्रह (1928): बारदोली सत्याग्रह के दौरान अनुचित कर वृद्धि के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण उन्हें इस नेतृत्व के लिये "सरदार" की उपाधि प्रदान की गई।
  • गांधीजी के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह जैसे आंदोलनों का नेतृत्व किया और इसमें शामिल होने के कारण उन्हें कई बार कारावास के दंड का भी सामना करना पड़ा।
  • उन्होंने कराची में वर्ष 1931 के कॉन्ग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की तथा  गांधी-इरविन समझौते, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम पर प्रस्ताव के संबंध में चर्चाओं का नेतृत्व किया।
  • उन्होंने लगभग 562 रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने का नेतृत्व किया, जिससे लाखों लोगों के लिये स्थिरता और लोकतंत्र सुनिश्चित हुआ।
  • राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (21 अप्रैल) सरदार पटेल के 1947 के भाषण का सम्मान करता है, जिसमें उन्होंने सिविल सेवकों को "भारत का इस्पाती ढाँचा" कहा था तथा लोकसेवा के प्रति उनके समर्पण को सुदृढ़ किया था।
  • उन्होंने संविधान सभा में मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यक तथा जनजातीय एवं अपवर्जित क्षेत्रों पर सलाहकार समिति की अध्यक्षता की।
  • 31 अक्तूबर, 2018 को सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिये विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन गुजरात के केवडिया में किया गया, जिसकी ऊँचाई 182 मीटर (600 फीट) है।

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