विशेष प्रजातियों के संरक्षण हेतु तमिलनाडु की योजना | 20 Feb 2024
स्रोत:द हिंदू
चर्चा में क्यों?
तमिलनाडु सरकार ने वर्ष 2024-2025 राज्य बजट में तटीय संसाधनों को पुनर्जीवित करने एवं लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिये, TN-SHORE नामक एक नई योजना की घोषणा की है।
- TN-SHORE का उद्देश्य तटीय जैवविविधता एवं तटीय संरक्षण को बढ़ाने के साथ तटीय समुदायों की आजीविका में सुधार करना तथा तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
- इसके अतिरिक्त तमिलनाडु सरकार ने लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के साथ-साथ 8 समुद्र तटों के लिये ब्लू फ्लैग प्रामाणीकरण की खोज के उद्देश्य से तमिलनाडु लुप्तप्राय प्रजाति संरक्षण कोष पर भी प्रकाश डाला।
TN-SHORE की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय:
- TN-SHORE (नीथल मीटची इयक्कम) को 1,675 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर 1,076 किलोमीटर तक विस्तृत 14 ज़िलों में तटीय संसाधनों को बहाल करने की घोषणा की गई है।
- इस योजना का उद्देश्य तटीय जैवविविधता और तटीय संरक्षण को बढ़ाना, तटीय समुदायों की आजीविका में सुधार करना तथा तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
- TN-SHORE और ब्लू इकोनॉमी:
- नीली अर्थव्यवस्था या ‘ब्लू इकोनॉमी’ अन्वेषण, आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और परिवहन के लिये समुद्री संसाधनों के सतत् उपयोग के साथ ही समुद्री एवं तटीय पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य के संरक्षण को संदर्भित करती है।
- यह योजना मैंग्रोव, प्रवाल भित्तियों और लवणीय दलदल की बहाली पर ध्यान केंद्रित करके नीली अर्थव्यवस्था की क्षमता का लाभ उठाएगी, जो समुद्री पर्यावरण तथा तटीय अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- यह योजना सतत् विकास लक्ष्यों (SDG), विशेषकर SDG 14 (जल के नीचे जीवन) को प्राप्त करने में भी मदद करेगी।
- तटीय समुदायों को लाभ:
- इस योजना में तटीय संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन में स्थानीय समुदायों, विशेषकर युवाओं की भागीदारी शामिल होगी।
- यह योजना- तटीय समुदायों के लिये पारिस्थितिक पर्यटन, अपशिष्ट प्रबंधन और चक्रीय अर्थव्यवस्था समाधान जैसे वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करेगी।
- यह योजना तटीय क्षेत्रों की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण में भी योगदान देगी।
तमिलनाडु (TN) सरकार की संरक्षण और प्रमाणन पहल
- संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण:
- तमिलनाडु सरकार ने तमिलनाडु संकटग्रस्त प्रजाति संरक्षण कोष की स्थापना के माध्यम से संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा करने की पहल पर ज़ोर दिया।
- सरकारी संस्थाओं, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पहल तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फंड सहित विभिन्न हितधारक संकटग्रस्त व गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा के लिये इस फंड में योगदान देंगे।
- समुद्र तटों के लिये ब्लू फ्लैग प्रमाणन:
- सरकार चेन्नई के प्रतिष्ठित मरीना बीच सहित तमिलनाडु के आठ समुद्र तटों के लिये सक्रिय रूप से ब्लू फ्लैग प्रमाणन (BFC) पर काम कर रही है।
- BFC एक ईको-लेबल है जो समुद्र तटों, मरीना और टिकाऊ पर्यटन नौकाओं को दिया जाता है जो कुछ मानदंडों को पूरा करते हैं। मानदंड में पर्यावरण, शैक्षिक, सुरक्षा और पहुँच संबंधी चिंताएँ शामिल हैं।
- यह प्रतिष्ठित सदस्यों- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO), डेनमार्क स्थित एनजीओ फाउंडेशन फॉर एन्वायरनमेंटल एजुकेशन (FEE) और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) से गठित एक अंतर्राष्ट्रीय जूरी द्वारा प्रदान किया जाता है।
- सरकार चेन्नई के प्रतिष्ठित मरीना बीच सहित तमिलनाडु के आठ समुद्र तटों के लिये सक्रिय रूप से ब्लू फ्लैग प्रमाणन (BFC) पर काम कर रही है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. ब्लू कार्बन क्या है? (2021) (a) महासागरों और तटीय पारिस्थितिक तंत्रों द्वारा द्वारा प्रगृहीत कार्बन उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. ‘नीली क्रांति’ को परिभाषित करते हुए भारत में मत्स्य पालन की समस्याओं और रणनीतियों को समझाइये। (2018) |