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सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रामक दावों पर पतंजलि आयुर्वेद को दी चेतावनी

  • 23 Mar 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने लोकप्रिय आयुर्वेदिक उत्पाद कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को अपने विज्ञापनों में व्याधियों के उपचार के संबंध में झूठे दावे करने के खिलाफ चेतावनी दी।

  • औषधि और चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम, 1954, औषधि विज्ञापनों को नियंत्रित करता है और कुछ चमत्कारिक उपचारों के प्रोत्साहन पर प्रतिबंध लगाता है।
  • यह अधिनियम में सूचीबद्ध विशिष्ट व्याधियों के लिये औषधियों के उपयोग का प्रोत्साहन करने वाले और औषधि की प्रकृति अथवा प्रभावशीलता का अनुचित प्रतिनिधित्व करने वाले विज्ञापनों को प्रतिबंधित करता है।
  • इसके अतिरिक्त यह उन्हीं व्याधियों के उपचार का दावा करने वाले चमत्कारिक उपचारों के विज्ञापन पर रोक लगाता है।
    • अधिनियम के अनुसार तावीज़, मंत्र, कवच और किसी भी अन्य समान वस्तुओं के इस्तेमाल से व्याधियों के उपचार के लिये अलौकिक अथवा चमत्कारिक गुणों का दावा करना "चमत्कारिक उपचार" है।

और पढ़ें…अनुचित विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के लिये दिशा-निर्देश

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