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स्वच्छ भारत मिशन (SBM) 2.0 के अंतर्गत लीगेसी वेस्ट प्रबंधन की स्थिति

  • 24 Sep 2024
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

स्वच्छ भारत मिशन (SBM) 2.0 के डैशबोर्ड के अनुसार, लीगेसी वेस्ट (लीगेसी वेस्ट) प्रबंधन की प्रगति धीमी रही है, वर्ष 2021 के बाद से 2,424 कूड़ा स्थलों में से केवल 470 का समाधान तथा 16% क्षेत्र को पुनः प्राप्त किया गया है।

  • लीगेसी वेस्ट से तात्पर्य ऐसे अपशिष्ट से है जिसे वर्षों से अनुचित तरीके से एकत्रित और संग्रहीत किया गया है, यह अक्सर बंजर भूमि या लैंडफिल, परित्यक्त खदानों और औद्योगिक स्थलों में पाया जाता है। 
    • इसमें रेडियोलॉजिकल लक्षण-निर्धारण, सुरक्षा संबंधी मुद्दे, रिसाव प्रबंधन और अग्नि नियंत्रण सहित कई चुनौतियाँ शामिल हैं।
    • प्रसंस्करण विधियों में जैवोपचारण (बायोरेमेडिएशन), बायोमाइनिंग, स्थिरीकरण और स्क्रीनिंग शामिल हैं।
    • इसे चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: संग्रहित, मृदा में दबा हुआ, मृदा और भूजल को संदूषित करने वाला और दूषित विनिर्माण सामग्री से उत्पन्न अपशिष्ट।
  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं की कमी के कारण भारत में नगर पालिकाओं द्वारा शहरों के बाहरी इलाकों में ‘लीगेसी वेस्ट डंपसाइट’ स्थापित किये गए हैं।
  • सरकारी के अनुसार, देश भर में लगभग 15,000 एकड़ प्रमुख अचल सम्पत्ति लगभग 16 करोड़ टन पारंपरिक कचरे के नीचे दबी हुई है।
  • राज्य का प्रदर्शन:
    • तमिलनाडु में सबसे अधिक 837 एकड़ (42%) भूमि पुनः प्राप्त हुई है। 
    • प्रतिशत के आधार पर गुजरात शीर्ष पर है, जिसने अपने लैंडफिल क्षेत्र का 75% (938 एकड़ में से 698 एकड़) पुनः प्राप्त कर लिया है।
  • स्वच्छ भारत मिशन शहरी (SBM-U) 2.0 को 2021 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य वर्ष 2026 तक सभी शहरों के लिये "कचरा मुक्त स्थिति (Garbage-Free Status)" प्राप्त करना है।

और पढ़ें: SBM-U 1.0 का दूसरा चरण, स्वच्छ भारत मिशन

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