प्रारंभिक परीक्षा
मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय का स्थापना दिवस
- 25 Jan 2025
- 4 min read
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय को उनके स्थापना दिवस (21 जनवरी) पर शुभकामनाएँ दीं।
स्थापना दिवस का ऐतिहासिक संदर्भ क्या है?
- मणिपुर का विलय: वर्ष 1947 से पहले मणिपुर एक स्वतंत्र रियासत थी। महाराजा बोधचंद्र सिंह ने भारत सरकार के साथ 'परिग्रहण के साधन (Instrument of Accession)' पर हस्ताक्षर किये, जिसमें आंतरिक स्वायत्तता सुनिश्चित करते हुए भारत में विलय पर सहमति व्यक्त की गई।
- मणिपुर में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर पहला चुनाव वर्ष 1948 में हुआ और यह एक संवैधानिक राजतंत्र बन गया।
- वर्ष 1949 में भारत सरकार के दबाव में महाराजा ने मणिपुर की निर्वाचित विधानसभा से परामर्श किये बिना विलय समझौते पर हस्ताक्षर कर दिये।
- विलय के बाद, मणिपुर की राज्य विधानसभा भंग कर दी गई, और यह भाग C राज्य बन गया, जिसका प्रशासन भारत के राष्ट्रपति द्वारा मुख्य आयुक्त या उपराज्यपाल के माध्यम से किया जाता था।
- 1 नवंबर 1956 को मणिपुर संघ राज्यक्षेत्र परिषद अधिनियम, 1956 के अंतर्गत एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया। बाद में 21 जनवरी 1972 को पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (NEA-(R) अधिनियम) के माध्यम से मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा प्रदान किया गया।
- त्रिपुरा का विलय: त्रिपुरा एक रियासत थी, जिसका वर्ष 1949 में भारत में विलय हुआ, जिसकी अनुमति रानी कंचन प्रभा देवी ने दी, जिन्होंने राजा बीर बिक्रम की मृत्यु के बाद शासन संभाला था।
- भारत में विलय के बाद त्रिपुरा भाग 'C' राज्य बन गया। वर्ष 1956 में यह केंद्र शासित प्रदेश बन गया और बाद में 21 जनवरी 1972 को NEA- (R) अधिनियम, 1971 के तहत त्रिपुरा एक पूर्ण राज्य बन गया।
- मेघालय: मेघालय की राज्य की यात्रा असम, विशेष रूप से खासी, जैंतिया और गारो हिल्स की ओर से अधिक स्वायत्तता की मांग के साथ शुरू हुई, जो स्वदेशी संस्कृतियों को संरक्षित करने के लिये एक अलग राज्य की मांग कर रहे थे। यह मेघालय के राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ने की शुरुआत थी।
- वर्ष 1969 में असम पुनर्गठन (मेघालय) अधिनियम द्वारा मेघालय को असम के भीतर एक स्वायत्त राज्य की स्थापना की गयी।
- तत्पश्चात, NEA (R) अधिनियम, 1971 ने मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा प्रदान किया, जिससे यह भारत का 21 वाँ राज्य बन गया, जिसकी राजधानी शिलांग थी।
पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971
- मणिपुर और त्रिपुरा: केंद्र शासित प्रदेशों से पूर्ण राज्यों के रूप में उन्नयन किया गया।
- मेघालय: असम के स्वायत्त क्षेत्रों से एक राज्य के रूप में गठित।
- मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश: केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्थापित।
- विधानमंडल में प्रतिनिधित्व: नए पूर्वोत्तर राज्यों के लिये राज्य परिषद (राज्यसभा) और लोकसभा (लोकसभा) में सीटें आवंटित की गईं।
- विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया।
- न्यायिक पुनर्गठन: असम, नगालैंड, मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा राज्यों के लिये सामान्य उच्च न्यायालय के रूप में गुवाहटी उच्च न्यायालय की स्थापना की गई।