प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

ग्रहों की गोलाकार आकृति

  • 29 May 2024
  • 1 min read

स्रोत: द हिंदू

ग्रहों की गोलाकार आकृति मुख्यतः गुरुत्वाकर्षण और ज्यामिति के परस्पर प्रभाव के कारण है।

  • गुरुत्वाकर्षण वह प्राथमिक बल है जो ग्रहों को आकार देता है तथा उनके विशाल आकार के कारण उन्हें गोलाकार आकृति में परिवर्तित कर देता है।
  • एक गोला सबसे सघन त्रि-आयामी आकार प्रदान करता है, जो किसी दिये गए आयतन के लिये सतही क्षेत्र को कम करता है।
  • यद्यपि इन्हें सामान्यतः गोलाकार कहा जाता है, परंतु वास्तव में ये ग्रह और तारे चपटे गोलाकार आकृति वाले होते हैं, जो घूर्णन से उत्पन्न अपकेंद्रीय बल के कारण ध्रुवों पर चपटे होते हैं।
  • ध्रुवों की तुलना में भूमध्य रेखा पर गुरुत्वाकर्षण बल क्षीण होता है, क्योंकि घूर्णन से उत्पन्न केंद्रापसारी बल के कारण वहाँ उभार होता है।
  • गुरुत्वाकर्षण के कारण आकाशीय पिंड गोलाकार आकृति में आ जाते हैं, जबकि धूमकेतु और क्षुद्रग्रह जैसे छोटे पिंड अधिक शक्तिशाली विद्युत चुंबकीय बलों के कारण अनियमित आकार को बनाए रखते हैं।

और पढ़ें: धूमकेतु सी/2020 एफ3 नियोवाइज़

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow