सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड स्कीम 2023-24 | 16 Jun 2023

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से भारत सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिये सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड (SGB) की किश्तों को जारी करने का निर्णय लिया है।

  • पहली SGB योजना नवंबर 2015 में सरकार द्वारा स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत शुरू की गई थी जिसका उद्देश्य भौतिक सोने की मांग को कम करना और घरेलू बचत का एक हिस्सा वित्तीय बचत के रूप में स्थानांतरित करना था ताकि उसे सोने की खरीद के लिये इस्तेमाल किया जा सके।

योजना संबंधी प्रमुख विवरण: 

  वस्तु

  विवरण

  जारीकर्त्ता

भारत सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है।

  पात्रता

SGB की बिक्री निवासी व्यक्तियों, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार), ट्रस्टों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों के लिये प्रतिबंधित होगी।

  अवधि

SGB की अवधि 8 वर्ष की होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद समय से पहले भुनाने का विकल्प होगा। 

  न्यूनतम सीमा    

न्यूनतम अनुमेय निवेश की सीमा एक ग्राम सोना होगा। 

  अधिकतम सीमा

सदस्यता की अधिकतम सीमा प्रति वित्तीय वर्ष व्यक्तियों के लिये 4 किलोग्राम, HUF के लिये 4 किलोग्राम और ट्रस्टों के लिये 20 किलोग्राम तथा धर्मार्थ संस्थाओं के लिये सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित (अप्रैल-मार्च) होगी।

  संयुक्त धारक

संयुक्त धारक के मामले में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा पहले आवेदक पर ही लागू होगी।   

निर्गमन मूल्‍य 

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने की क्लोज़िंग प्राइस के सामान्य औसत के आधार पर SGB की कीमत भारतीय रुपए में तय की जाएगी।  

बिक्री के चैनल

SGB अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्‍टॉक हाल्‍डिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL) और नामित डाकघरों (जैसा भी अधिसूचित किया जाए) तथा मान्यता प्राप्त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों अर्थात् नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड एवं बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज से सीधे या एजेंटों के ज़रिये बेचे जाएंगे। 

ब्‍याज़ दर 

निवेशकों को निवेश के आरंभिक मूल्‍य (अंकित मूल्य या घोषित मूल्य) पर     2.50 प्रतिशत प्रतिवर्ष की नियत दर पर अर्द्धवार्षिक रूप से देय होगा।

संपार्श्‍विक

SGB को ऋणों के लिये संपार्श्‍विक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। 

कर उपचार

आयकर अधिनियम, 1961 के उपबंधों के अनुसार, SGB पर ब्‍याज   कर देना होगा। किसी व्‍यक्‍ति को SGB के मोचन से प्राप्‍त पूंजी लाभ कर पर छूट दी गई है। 

व्‍यापार योग्‍यता

SGB स्‍टाक एक्‍सचेंजों में व्‍यापार योग्‍य होंगे।

SLR पात्रता

केवल ग्रहणाधिकार/बंधक/गिरवी रखने की प्रक्रिया के माध्यम से बैंकों द्वारा अर्जित SGB की गणना सांविधिक नकदी अनुपात में की जाएगी।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA):

  • IBJA की स्थापना वर्ष 1919 में भारत में सर्राफा व्यापारियों के एक संघ के रूप में हुई थी।
  • IBJA को भारत में सभी बुलियन और ज्वैलरी एसोसिएशनों के लिये शीर्ष संघ माना जाता है।
  • यह दैनिक गोल्ड AM और PM दरें प्रकाशित करता है, जो सॉवरेन और बाॅण्ड जारी करने के लिये बेंचमार्क दरें हैं।
  • IBJA प्रदर्शनियों के माध्यम से व्यापार को बढ़ावा देने में शामिल है और अपना घरेलू गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज, बुलियन रिफाइनरी तथा जेम्स एंड ज्वैलरी पार्क स्थापित कर रहा है।
  • यह अपने सदस्यों को सर्राफा व्यापार को बढ़ावा देने और विनियमित करने, विवादों को हल करने, कीमती धातुओं के मूल्यांकन के लिये एक तटस्थ मंच प्रदान करने तथा सरकारी विभागों के साथ संवाद करने में सहायता करता है।
  • IBJA का ज़ावेरी बाज़ार, मुंबई में अपना एक भवन है, जहाँ से यह सर्राफा और आभूषण उद्योग संबंधी विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन करता है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. सरकार की 'संप्रभु स्वर्ण बॉण्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme)' और 'स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (Old Monetization Scheme)' का/के उद्देश्य क्या है/हैं? (2016) 

  1. भारतीय गृहस्थों के पास निष्क्रिय पड़े स्वर्ण को अर्थव्यवस्था में लाना।
  2. स्वर्ण एवं आभूषण के क्षेत्र में FDI को प्रोत्साहित करना।
  3. स्वर्ण के आयात पर भारत की निर्भरता में कमी लाना। 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • सरकार ने वर्ष 2015 में संप्रभु स्वर्ण बॉण्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme) और स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (Old Monetization Scheme) की शुरुआत की थी।
  • इन योजनाओं के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
  • भारत के गृहस्थों और संस्थानों के पास रखे स्वर्ण को अर्थव्यवस्था में लाना। अत: 1 सही है। बैंकों से ऋण पर कच्चे माल के रूप में स्वर्ण उपलब्ध कराकर देश में रत्न और आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देना।
  • घरेलू मांग को पूरा करने के लिये समय के साथ स्वर्ण के आयात पर निर्भरता कम करना। अत: 3 सही है।
  • इन योजनाओं का उद्देश्य स्वर्ण और आभूषण क्षेत्र में FDI को बढ़ावा देना नहीं है। अत: 2 सही नहीं है। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। 

स्रोत: पी.आई.बी.