भारतीय सौर ऊर्जा निगम | 15 Apr 2023
हाल ही में भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (Central Public Sector Enterprise- CPSE) के मिनीरत्न श्रेणी- I के रूप में मान्यता दी गई है।
भारतीय सौर ऊर्जा निगम:
- परिचय:
- SECI को वर्ष 2011 में शामिल किया गया था, यह भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में नवीकरणीय ऊर्जा योजनाओं अथवा परियोजनाओं हेतु MNRE की प्राथमिक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
- उपलब्धि:
- अपने स्वयं के निवेश के माध्यम से एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों हेतु एक परियोजना प्रबंधन सलाहकार (PMC) के रूप में परियोजनाओं की स्थापना के अतिरिक्त SECI ने पहले से ही 56 गीगावाट से अधिक की नवीकरणीय ऊर्जा (RE) परियोजना क्षमता प्रदान की है।
- SECI ने ICRA द्वारा AAA की उच्चतम क्रेडिट रेटिंग भी प्राप्त की है।
- अपने स्वयं के निवेश के माध्यम से एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों हेतु एक परियोजना प्रबंधन सलाहकार (PMC) के रूप में परियोजनाओं की स्थापना के अतिरिक्त SECI ने पहले से ही 56 गीगावाट से अधिक की नवीकरणीय ऊर्जा (RE) परियोजना क्षमता प्रदान की है।
- सौर ऊर्जा क्षेत्र में योगदान:
- SECI ने फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और सोलर-विंड हाइब्रिड सिस्टम जैसी नवीन सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- इसने वृहत सौर परियोजनाओं में निवेश के लिये घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय अभिकर्त्ताओं को आकर्षित किया है।
- इसके अतिरिक्त SECI के रूप में देश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये कई पहलें शुरू की हैं, इनमें ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा परियोजनाएँ तथा सिंचाई के लिये सौर पंप शामिल हैं।
- इन पहलों ने स्वच्छ ऊर्जा तक पहुँच प्रदान कर इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद की है।
- SECI ने फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और सोलर-विंड हाइब्रिड सिस्टम जैसी नवीन सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
CPSEs के लिये मिनीरत्न दर्जे हेतु मानदंड:
- मिनीरत्न श्रेणी- I दर्जा: जिन CPSE को पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ हुआ है, जिनका पूर्व-कर लाभ तीन वर्षों में से कम-से-कम किसी एक वर्ष में 30 करोड़ रुपए अथवा उससे अधिक रहा है और शुद्ध लाभ भी हुआ है, उन्हें मिनीरत्न-I का दर्जा प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है।
- मिनीरत्न श्रेणी-II दर्जा: जिन CPSE ने पिछले तीन वर्षों से लगातार लाभ अर्जित किया है और जिनकी निवल संपत्ति सकारात्मक है, वे मिनीरत्न श्रेणी-II का दर्जा प्राप्त करने हेतु पात्र हैं।
- मिनीरत्न CPSE को सरकार को देय किसी भी ऋण पर ऋण/ब्याज भुगतान के पुनर्भुगतान में चूक नहीं होनी चाहिये।
- मिनीरत्न CPSE बजटीय सहायता या सरकारी गारंटी पर निर्भर नहीं होंगे।