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रैपिड फायर

सहयोग पोर्टल

  • 27 Mar 2025
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने भारत सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000 की धारा 79 और हाल ही में लॉन्च किये गए सहयोग पोर्टल के माध्यम से कथित सेंसरशिप एवं कंटेंट विनियमन को चुनौती दी गई है।

  • एक्स ने तर्क दिया कि कंटेंट विनियमन आदेश केवल IT अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत जारी किये जाने चाहिये।
  • सहयोग पोर्टल: सरल अनुपालन और सुरक्षित साइबरस्पेस के लिये सरकारी एजेंसियों और सोशल मीडिया मध्यस्थों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिये गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा सहयोग पोर्टल लॉन्च किया गया है। 
    • यह विधिविरुद्ध कंटेंट की रिपोर्टिंग और निष्कासन को सुव्यवस्थित करता है तथा IT अधिनियम, 2000 के तहत कानून प्रवर्तन से डेटा अनुरोधों को सुविधाजनक बनाता है। 
    • यह अधिकृत एजेंसियों (जैसे पुलिस) और मध्यस्थों को एक ही मंच पर एकीकृत करता है, जिससे अवैध डिजिटल गतिविधियों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित होती है। 
  • IT अधिनियम की धाराएँ:
    • धारा 69A: यह केंद्र को राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और सार्वजनिक व्यवस्था की रक्षा के लिये विशिष्ट परिस्थितियों में ऑनलाइन कंटेंट तक सार्वजनिक पहुँच को अवरुद्ध करने का अधिकार देती है।
    • धारा 79: यह ऑनलाइन मध्यस्थों को "सेफ हार्बर" संरक्षण प्रदान करती है, तथा यदि वे तटस्थता से कार्य करते हैं तो उन्हें तीसरे पक्ष की विषय-वस्तु के लिये उत्तरदायित्व से संरक्षण प्रदान करती है। 
      • धारा 79(3)(b) के तहत, यदि मध्यस्थ अनुचित कंटेंट से संबंधित नोटिस पर शीघ्र कार्यवाही करने में विफल रहते हैं तो वे इस प्रतिरक्षा को खो देते हैं।

और पढ़ें: सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम, 2023 

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