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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 अगस्त, 2022

  • 30 Aug 2022
  • 7 min read

राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस

भारतीय समाज में छोटे और लघु उद्योगों के महत्त्व को मान्यता देने हेतु प्रतिवर्ष 30 अगस्त को ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस आम लोगों को रोज़गार प्रदान करने में छोटे व्यवसायों के महत्त्व को मान्यता प्रदान करता है और उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु समर्पित है। भारत जैसे विकासशील देश में छोटे पैमाने के उद्योग आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे क्षेत्रों की सामरिक प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए इनके विकास की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया है। परिणामस्वरूप छोटे उद्योगों के लिये सरकारी नीतिगत सहायता की प्रवृत्ति लाभकारी और छोटे उद्यमों के विकास के अनुकूल रही है। 30 अगस्त, 2000 को लघु उद्योग क्षेत्र के लिये एक व्यापक नीति पैकेज़ की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत में छोटी फर्मों को महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करना था। 30 अगस्त, 2001 को लघु उद्योग मंत्रालय ने नई दिल्ली में लघु उद्यमियों के लिये एक ‘लघु उद्योग सम्मेलन’ आयोजित किया, साथ ही लघु उद्योग के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किये गए, तभी से प्रतिवर्ष 30 अगस्त को ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ का आयोजन किया जाता है।

‘G-20’

केंद्रीय शिक्षा मंत्री इंडोनेशिया के बाली में आयोजित होने वाली ‘G-20 चौथे शिक्षा कार्य समूह और शिक्षा मंत्रियों की बैठक’ में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह शिक्षा के माध्यम से ज़्यादा सशक्त, समावेशी, न्यायसंगत और बेहतर भविष्य बनाने की दिशा में भारत की सर्वोत्तम पहलों को साझा करेंगे। वह G-20 सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगे और भारत की अध्यक्षता में होने वाली अगली ‘G-20 शिक्षा कार्य समूह और शिक्षा मंत्रियों की बैठक’ के लिये भारत की ओर से निर्धारित प्राथमिकता वाले विषयों को सामने रखेंगे। G-20,  19 देशों और यूरोपीय संघ (EU) का एक अनौपचारिक समूह है, जिसकी स्थापना वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ हुई थी। G-20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। भारत ने G-20 के संस्थापक सदस्य के रूप में दुनिया भर में वंचित लोगों को प्रभावित करने वाले महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिये इस मंच का उपयोग किया है। समवर्ती रूप से भारत-फ्राँस के नेतृत्त्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की सफलता को लेकर भारत की नेतृत्त्वकारी भूमिका अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने की दिशा में संसाधन जुटाने में एक महत्त्वपूर्ण हस्तक्षेप के रूप में विश्व स्तर पर प्रशंसित है। इसके अलावा 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के दृष्टिकोण से वैश्विक प्रतिमान में ‘नए भारत’ के लिये एक परिवर्तनकारी भूमिका की उम्मीद है, जो कोविड-19 महामारी के बाद विश्व अर्थव्यवस्था और वैश्विक आपूर्ति शृंखला के एक महत्त्वपूर्ण व विश्वसनीय स्तंभ के रूप में उभरेगा।

डॉ. समीर वी. कामत

हाल ही में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. समीर वी कामत को रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग का सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। डॉ. समीर कामत DRDO के वर्तमान अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी की जगह लेंगे। इसके अलावा कामत को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। वे अगले आदेश या फिर 60 वर्ष की आयु पूरी करने तक इस पद पर रहेंगे। हालाँकि इससे पहले इन्हें नेवल सिस्टम्स एंड मैटेरिएल्स प्रभाग महानिदेशक 1 जुलाई 2017 में नियुक्त किया गया था। उनका पूरा नाम डॉ. समीर वेंकटपति कामत है। डॉ. कामत ने वर्ष 1985 में IIT खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की थी। देश की रक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिये डॉ. कामत ने कई तरह के बेहतरीन उपकरण और प्रणालियों को तैयार किया। DRDO की स्थापना वर्ष 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन (Defence Science Organisation- DSO) के साथ भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (Technical Development Establishment- TDEs) तथा तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय (Directorate of Technical Development & Production- DTDP) के संयोजन के बाद की गई थी। DRDO वर्तमान में 52 प्रयोगशालाओं का एक समूह है जो रक्षा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- वैमानिकी, शस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग प्रणालियाँ, इंस्ट्रूमेंटेशन, मिसाइलें, उन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशन, विशेष सामग्री, नौसेना प्रणाली, लाईफ साइंस, प्रशिक्षण, सूचना प्रणाली तथा कृषि में कार्य कर रहा है।

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