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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 जनवरी, 2023

  • 25 Jan 2023
  • 12 min read

हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस

प्रतिवर्ष 25 जनवरी को भारत में हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिमाचल प्रदेश उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसका भौगोलिक क्षेत्रफल (2011) 55,673 वर्ग किमी. है। इस क्षेत्र के प्राचीनतम ज्ञात जनजातीय निवासियों को दास कहा जाता था। मुगल साम्राज्य के दौरान पहाड़ी राज्यों के राजाओं ने परस्पर सहयोग हेतु एक ऐसी व्यवस्था बनाई जिससे उनके संबंध प्रगाढ़ हुए। 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने बहुत से राज्यों को अपने अधीन कर लिया। अंग्रेज़ जब भारत आए तो उन्होंने गोरखाओं को पराजित किया और बाद में कुछ राजाओं के साथ उन्होंने संधियाँ की और अन्य राज्यों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। वर्ष 1947 तक स्थिति लगभग वैसी ही बनी रहीस्वतंत्रता के बाद इस क्षेत्र की 30 पहाड़ी रियासतों को एकजुट करके 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश की स्थापना की गई। 1 नवंबर, 1966 को पंजाब के अस्तित्त्व में आने के बाद कुछ अन्य संबंधित क्षेत्रों को हिमाचल में मिला लिया गया। 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया। यह राज्य उत्तर में जम्मू-कश्मीर, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत (चीन) की सीमाओं से घिरा हुआ है।

इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में वृद्धि

फास्टैग के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में पिछले कुछ वर्षों से निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में फास्टैग के माध्यम से कुल टोल कलेक्शन में लगभग 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2021 में कुल टोल कलेक्शन 34,778 करोड़ रुपए था जो कि वर्ष 2022 में बढ़कर 50,855 करोड़ रुपए हो गया। इसी प्रकार फास्टैग लेन-देन की संख्या में भी वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष  2022 में लगभग 48 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। वर्ष 2021 में और वर्ष 2022 में फास्टैग लेन-देन क्रमशः 219 करोड़ रुपए और 324 करोड़ रुपए का रहा। अब तक जारी किये गए 6.4 करोड़ फास्टैग के साथ देश भर में फास्टैग सक्षम शुल्क प्लाज़ा की कुल संख्या भी विगत वर्ष 2021 के 922 की तुलना में वर्ष 2022 में बढ़कर 1,181 ( 323 राज्य राजमार्ग शुल्क प्लाज़ा सहित) हो गई है। उल्लेखनीय है कि फास्टैग प्रोग्राम के तहत राज्य शुल्क प्लाज़ा को शामिल करने के लिये 29 विभिन्न राज्य निकायों/प्राधिकरणों के साथ एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए हैं जिनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक आदि राज्य शामिल हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ विभिन्न शुल्क प्लाज़ा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन से टोल प्रणाली में पारदर्शिता आई है और इसने सड़क परिसंपत्तियों के सही मूल्यांकन निर्धारण को सरल व सुगम बनाया है, साथ ही उद्योगपतियों को देश की राजमार्ग अवसंरचना, विशेष रूप से ऐसेट रिसाइक्लिंग में निवेश हेतु प्रोत्साहित किया है।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 

प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (International Day of Education) मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का प्रस्ताव पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में 3 दिसंबर, 2018 को पारित किया गया था। इसके बाद शांति और सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये UN महासभा ने प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। उसी दिन UN के 58 अन्य सदस्य देशोंं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ एजुकेशन) को अपनाया गया। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 24 जनवरी, 2019 को मनाया गया था। इसका उद्देश्य विश्व के गरीब और वंचित बच्चों को मुफ्त एवं बुनियादी शिक्षा प्रदान करना तथा शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना व शिक्षा की महत्ता से परिचित कराना है। यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के इस वर्ष मनाए जा रहे पाँचवें संस्करण को अफगानिस्तान की बालिकाओं तथा महिलाओं को समर्पित किया गया है, जिन्हें सीखने, पढ़ने और शिक्षण के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। यूनेस्को द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, पूरे विश्व में 244 मिलियन बच्चे और युवा स्कूल जाने से वंचित हैं और 771 मिलियन वयस्क निरक्षर हैं। यूनेस्को ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 के मुख्य विषय यानी थीम की भी घोषणा की है। इस वर्ष की  थीम ‘टू इन्वेस्ट इन पिपुल, प्रायोरिटीज़ एजुकेशन’ है।

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सांख्य सागर में जलकुंभी की भरमार 

मध्य प्रदेश की एक कृत्रिम झील- सांख्य सागर, जलकुंभी (एक आक्रामक जलीय पौधे) की एक मोटी परत के नीचे लगभग अदृश्य हो गई है। सांख्य सागर को जुलाई 2022 में रामसर स्थल घोषित किया गया था, यह माधव राष्ट्रीय उद्यान के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। इस झील में 19 स्वदेशी मछली प्रजातियाँ पाई जाती हैं, साथ ही मार्श मगरमच्छ और मछली खाने वाले पक्षी भी पाए जाते हैं (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972; अनुसूचीI)। जलकुंभी को हालाँकि दक्षिण अफ्रीकी मूल का माना जाता है, लेकिन इसने दुनिया के कई अन्य हिस्सों में खुद को प्राकृतिक रूप से समावेशित कर लिया है। हालाँकि इसे सीधे तौर पर हानिकारक या उपयोगी श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि एक तरफ, यह छोटी मात्रा में मौजूद भारी धातुओं को हटाकर जल शोधक के रूप में कार्य करता है, जबकि दूसरी ओर, एक बार जब यह जल निकाय की पूरी सतह को कवर कर लेता है, तो सूरज की रोशनी को पानी में प्रवेश नहीं करने देता और ऑक्सीजन को भी कम करना शुरू कर देता है। सांख्य सागर में जलकुंभी देशी प्रजातियों की मृत्यु का कारण बन रही है; इसकी उपस्थिति झील में उच्च नाइट्रोजन स्तर का भी संकेत देती है।

और पढ़ें - जलकुंभी, रामसर स्थल

ऑप्स अलर्ट अभ्यास 

आगामी गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनज़र, सीमा सुरक्षा बल ने सर क्रीक (दलदली क्षेत्र) से लेकर कच्छ (गुजरात) और बाड़मेर (राजस्थान) क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिये "ऑप्स अलर्ट" अभ्यास (21-28 जनवरी 2023) शुरू किया है। इसका उद्देश्य "राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों के किसी भी इरादे को विफल करना" है। पहली बार रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण सर क्रीक तथा 'हरामी नाला (Harami Nalla)' दलदली क्षेत्र में सीधे BSF सैनिकों को तैनात करने के लिये कंक्रीट के "स्थायी लंबवत बंकर (Permanent Vertical Bunkers)" बनाए जा रहे हैं। “इस क्षेत्र में पाकिस्तानी मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की लगातार घुसपैठ" को देखते हुए क्षेत्र में आठ बहुमंजिला बंकरों और निगरानी चौकियों के निर्माण के लिये केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 50 करोड़ रुपए के कोष की मंज़ूरी दी है।

और पढ़ें…सीमा सुरक्षा बल  

ट्रोपेक्स 2023  

भारतीय नौसेना के प्रमुख समुद्री अभ्यास TROPEX का 2023 संस्करण हिंद महासागर क्षेत्र में आयोजित किया गया है। थिएटर स्तरीय सामरिक तैयारी अभ्यास (Theatre Level Operational Readiness Exercise- TROPEX) स्तर का यह अभ्यास द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है और इसमें न सिर्फ भारतीय नौसेना की सभी इकाइयों बल्कि भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल से जुड़ी परिसंपत्तियों की भी भागीदारी होती है। ट्रोपेक्स 23, जनवरी से लेकर 23 मार्च तक की तीन महीने की अवधि के दौरान आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास के हिस्से के रूप में ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और अन्य सेवाओं के साथ अंतर-संचालनात्मकता सहित नौसेना की संचालन अवधारणा को मान्य एवं परिष्कृत करने हेतु विध्वंसकों, युद्धपोतों, कार्वेट के साथ-साथ पनडुब्बियों तथा विमानों सहित भारतीय नौसेना की सभी लड़ाकू इकाइयों की जटिल समुद्री परिचालन तैनाती की जाती है।

और पढ़ें - ट्रोपेक्स, भारतीय नौसेना 

राष्ट्रीय बालिका दिवस 

24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य बालिकाओं के प्रति पूर्वाग्रह और अन्याय को उजागर करना है। यह दिवस हमारे देश में महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता को भी प्रोत्साहित करता है। इस दिवस की स्थापना वर्ष 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी। भारत सरकार ने लड़कियों की बेहतरी के लिये कई पहल शुरू की हैं। 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' (BBBP) ऐसी ही एक पहल है। BBBP को हाल ही में संशोधित किया गया था।  

और पढ़े - राष्ट्रीय बालिका दिवस, संशोधित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना 

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