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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 अप्रैल, 2023

  • 22 Apr 2023
  • 6 min read

खाद्य सुरक्षा हेतु अंतरिक्ष बीज 

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) तथा खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) जलवायु-सहिष्णु फसलों को विकसित करने हेतु अनुसंधान में तीव्रता ला रहे हैं। बीजों की दो किस्में- एराबिडोप्सिस (गोभी परिवार का एक पौधा) और ज्वार (ज्वार, चोलम, या जोन्ना) वर्ष 2022 में अंतरिक्ष में भेजे गए थे ताकि उन्हें कठोर परिवेश में उपजाकर जलवायु-सहिष्णु बनाया जा सके। इसे मार्च 2023 में पृथ्वी पर वापस लाया गया। वैज्ञानिक स्थिति-स्थापक फसलों के विकास की संभावनाओं की जाँच करेंगे जो जलवायु संकट के बीच पर्याप्त भोजन प्रदान करने में मदद कर सकती हैं। वे अत्यधिक आवश्यक फसलों के प्राकृतिक अनुवांशिक अनुकूलन में तेज़ी आने पर ब्रह्मांडीय विकिरण (अंतरिक्ष में उत्पादित उच्च ऊर्जा वाले कणों, एक्स-रे और गामा किरणों से युक्त) के प्रभावों की भी जाँच करेंगेविकिरणों का बढ़ता स्तर आनुवंशिक परिवर्तन उत्त्पन्न करता है जो उन्हें अधिक तापमान, शुष्क मिट्टी, बीमारियों और समुद्र के बढ़ते स्तर का सामना करने में मदद करेगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, यह अनुसंधान महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बढ़ते तापमान और मौसम की अनियमितता ने वर्ष 1961 के बाद से वैश्विक खाद्य उत्पादन में लगभग 13 प्रतिशत की कमी की है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण किसानों के लिये पैदावार को बनाए रखना मुश्किल बना रही है। आवश्यक अनाज की बढ़ती लागत और विश्व के विभिन्न हिस्सों में राजनीतिक अस्थिरता इसे बढ़ा रही है।

और पढ़े… जलवायु परिवर्तन और खाद्य असुरक्षा

लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद  

हाल ही में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद Ladakh Autonomous Hill Development Council (LAHDC), लेह ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें दलाई लामा की "छवि खराब करने" की कोशिश करने वाले मीडिया घरानों और व्यक्तियों के लेह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। दलाई लामा तिब्बती लोगों द्वारा तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग अथवा "येलो हैट" संप्रदाय के प्रमुख आध्यात्मिक व्यक्तित्त्व के लिये दिया गया एक सम्मान है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के शास्त्रीय संप्रदायों में सबसे नवीन है। LAHDC एक स्वायत्त ज़िला परिषद है जो लद्दाख के लेह ज़िले को प्रशासित करती है। इस परिषद का गठन वर्ष 1995 के लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद अधिनियम के तहत किया गया था।

और पढ़ें… दलाई लामा, लद्दाख द्वारा छठी अनुसूची की मांग

ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 

हुरुन द्वारा ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स (Global Unicorn Index) 2023 के अनुसार, स्विगी, ड्रीम11 और बायजू'एस (BYJU’S) भारत के शीर्ष यूनिकॉर्न हैं। एक यूनिकॉर्न किसी भी निजी स्वामित्व वाली फर्म है जिसका बाज़ार पूंजीकरण 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। यह अन्य उत्पादों/सेवाओं के अलावा रचनात्मक समाधान और नए व्यापार मॉडल पेश करने के लिये समर्पित नई संस्थाओं की उपिस्थिति को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन के बाद भारत यूनिकॉर्न की संख्या के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बना हुआ है। हालाँकि हुरुन ग्लोबल 500 कंपनियों में भारत पाँचवें स्थान पर है, जो विश्व स्तर पर सबसे मूल्यवान गैर-राज्य-नियंत्रित व्यवसायों की सूची है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बाहर स्थापित भारतीय यूनिकॉर्न्स की संख्या भारत के भीतर स्थित यूनिकॉर्न्स की संख्या से अधिक है। भारत में कुल 138 यूनिकॉर्न हैं। रिपोर्ट से यह भी ज्ञात हुआ कि भारत रैंक की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है, जो 2000 के दशक में स्थापित स्टार्टअप हैं और जिनकी कीमत 500 मिलियन डॉलर (अभी तक सूचीबद्ध नहीं) से अधिक है, जो तीन वर्ष के भीतर यूनिकॉर्न बनने की संभावना है।

और पढ़ें...भारत का स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र

INIOCHOS-23 अभ्यास

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) 24 अप्रैल से 4 मई तक हेलेनिक वायु सेना (ग्रीस) द्वारा आयोजित बहु-राष्ट्रीय वायु अभ्यास INIOCHOS-23 में भाग लेगी। फ्राँस द्वारा प्रायोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास ओरियन के अलावा IAF अमेरिका के साथ कोप इंडिया अभ्यास में भाग ले रहा है। IAF INIOCHOS-23 अभ्यास में चार Su-30 MKI और दो C-17 विमानों के साथ भाग लेगा। अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, तालमेल और अंतर-क्षमता को बढ़ाना है।

और पढ़ें…भारतीय वायु सेना

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