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आंतरिक सुरक्षा

क्रिवाक स्टील्थ फ्रिगेट

  • 23 Jun 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

क्रिवाक स्टील्थ फ्रिगेट

मेन्स के लिये

भारत-रूस रक्षा संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नौसेना स्टाफ के उप-प्रमुख ने क्रिवाक या तलवार क्लास के दूसरे युद्धपोत के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया है। 

  • पहले युद्धपोत का निर्माण कार्य जनवरी 2021 में शुरू किया गया था। इसे वर्ष 2026 में डिलीवर किया जाना है, जबकि दूसरे युद्धपोत को इसके छह महीने बाद डिलीवर किया जाएगा।

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प्रमुख बिंदु

क्रिवाक या तलवार क्लास

  • 'मेक इन इंडिया' के तहत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ क्रिवाक श्रेणी के स्टील्थ जहाज़ों का निर्माण किया जा रहा है। जहाज़ों के लिये इंजन की आपूर्ति यूक्रेन द्वारा की जा रही है।
    • अक्तूबर 2016 में भारत और रूस ने चार क्रिवाक या तलवार स्टील्थ फ्रिगेट के लिये एक अंतर-सरकारी समझौते (IGA) पर हस्ताक्षर किये थे।
    • पहले दो युद्धपोत रूस के कैलिनिनग्राद में यंतर शिपयार्ड में बनाए जाएंगे, जबकि अन्य दो गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में बनाए जाएंगे।
  • नए क्रिवाक फ्रिगेट में वही इंजन और आर्मामेंट कॉन्फिगरेशन मौजूद हैं जो यंतर शिपयार्ड में निर्मित तीन युद्धपोतों - आईएनएस तेग, तरकश और त्रिकंद में शामिल हैं। ये ब्रह्मोस एंटी-शिप और लैंड अटैक मिसाइलों से लैस होंगे।

प्रयोग

  • इनका प्रयोग मुख्य रूप से दुश्मन देशों की पनडुब्बियों और बड़े सतही जहाज़ों को खोजने और नष्ट करने जैसे विभिन्न प्रकार के नौसैनिक मिशनों को पूरा करने के लिये किया जाएगा। 

मौजूदा युद्धपोत

  • नौसेना पहले से ही छह क्रिवाक III फ्रिगेट संचालित कर रही है। इसमें से पहले तीन जून 2003 और अप्रैल 2004 के बीच नौसेना के बेड़े में शामिल हुए, जबकि अन्य तीन अप्रैल 2012 और जून 2013 के बीच नौसेना के बेड़े में शामिल हुए। मौजूदा अनुबंध के साथ नौसेना 10 क्रिवाक युद्धपोतों का संचालन करेगी।

भारत-रूस रक्षा संबंध

पृष्ठभूमि

  • रक्षा सहयोग भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है।
  • मौजूदा परियोजनाओं की स्थिति और सैन्य तकनीकी सहयोग के अन्य मुद्दों पर चर्चा तथा समीक्षा करने के लिये दोनों देशों के रक्षा मंत्री बारी-बारी से रूस और भारत में मिलते हैं।
  • यद्यपि भारत इज़रायल, अमेरिका और फ्रांँस के साथ अपने आपूर्ति आधार का विस्तार कर रहा है, किंतु इसके बावजूद रूस अभी भी एक प्रमुख आपूर्तिकर्त्ता बना हुआ है।
  • दोनों पक्ष सफलतापूर्वक AK-203 राइफल अनुबंध और 200 Ka-226T यूटिलिटी हेलीकॉप्टर आपूर्ति के कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
  • स्टिमसन सेंटर द्वारा प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, भारत में वर्तमान में सैन्य सेवा में 86 प्रतिशत उपकरण, हथियार और प्लेटफॉर्म रूस के हैं।

संयुक्त अभ्यास

भारत द्वारा तैनात रूस के सैन्य उपकरण

  • नौसेना
    • नौसेना का एकमात्र सक्रिय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य रूस से है। परमाणु हमले में सक्षम पनडुब्बी ‘चक्र II’ भी सेवा में है।
  • थल सेना
    • सेना के टी-90 और टी-72 मुख्य युद्धक टैंक।
    • S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम।
  • वायुसेना
    • वायुसेना का Su30 MKI फाइटर।

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स्रोत: द हिंदू

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