लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 जुलाई, 2023

  • 21 Jul 2023
  • 6 min read

भारत के विमानन क्षेत्र में प्रगति 

  • बढ़ती हवाई यातायात मांगों को पूरा करने के लिये नागर विमानन मंत्रालय (MoCA) हवाई अड्डे के बुनियादी ढाँचे के विकास (वर्ष 2019-2024) में 98,000 करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा नियमित निगरानी और लेखापरीक्षण के माध्यम से सुरक्षा निगरानी सुनिश्चित की जाती है। इसके तहत धारणीय विमानन, कार्बन तटस्थता को प्रोत्साहित करने और हवाई अड्डों पर हरित ऊर्जा को अपनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। नागर विमानन मंत्रालय जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) के सिद्धांतों और प्रावधानों का पालन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के सहयोग से विमानन क्षेत्र को सतत् बनाने के लिये प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय नागर विमानन नीति 2016 के तहत MoCA इस लक्ष्य को हासिल करने हेतु प्रयासरत है, इसका उद्देश्य भारतीय विमानन क्षेत्र में CO2 उत्सर्जन को सीमित करना है।

केंद्र के अनिवार्य स्वास्थ्य व्यय का सकारात्मक प्रभाव

स्टडी इन पब्लिक हेल्थ फॉर ऑल जर्नल में 15 वर्षों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के माध्यम से स्वास्थ्य पर केंद्र के अनिवार्य खर्च के सकारात्मक प्रभाव का पता चलता है।

  • NHM ने फंडिंग को केंद्र सरकार की योजनाओं के अनुपालन से जोड़ा, जिससे राज्यों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में अधिक निवेश करने के लिये प्रोत्साहित किया गया।
  • NHM के सशर्त आवंटन के कारण राज्यों के स्वास्थ्य बजट में आवंटन बढ़ा।
  • स्वास्थ्य के लिये राज्य के कुल बजट का 8% का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है।
  • NHM के प्रयासों से शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई और राज्यों में प्रति व्यक्ति सार्वजनिक खर्च में असमानता कम हुई।
  • अध्ययन अनुशंसा करता है कि राज्य प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण के लिये ठोस योजनाएँ विकसित करें।
  • केंद्र से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल खर्चों का अनुमान लगाने के लिये स्वास्थ्य प्रणाली लागत का एक राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करने का आग्रह किया गया है।
  • स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिये यथार्थ लागत अनुमान और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल हस्तक्षेपों के माध्यम से प्राप्त गुणवत्ता-समायोजित जीवन वर्ष (QALY) की प्रतिवर्ष लागत का आकलन करना प्रगति के लिये महत्त्वपूर्ण है।

और पढ़ें… राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)

भारत में घरेलू बाज़ार की स्थिरता हेतु गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध 

भारत सरकार ने कुछ चल रहे शिपमेंट को छोड़कर, गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है।

  • चावल की इस किस्म का देश के कुल चावल निर्यात में 25% हिस्सा था।
  • यह कदम वर्ष 2022 में घरेलू चावल की कीमतों में 11.5% की वृद्धि और 2022-23 के दौरान इस चावल की किस्म के निर्यात में 35% की वृद्धि के जवाब में उठाया गया।
    • मंत्रालय ने निर्यात में इस उछाल के लिये विभिन्न कारकों को ज़िम्मेदार ठहराया, जिनमें भू-राजनीतिक परिदृश्यों से प्रेरित उच्च अंतर्राष्ट्रीय कीमतें, अल नीनो प्रभाव और अन्य चावल उत्पादक देशों में चरम जलवायु परिस्थितियाँ शामिल हैं।
  • प्रतिबंध का उद्देश्य घरेलू बाज़ार को स्थिर करना और भारतीय उपभोक्ताओं के लिये गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है, जबकि बासमती चावल एवं गैर-बासमती उबले चावल के लिये निर्यात नीतियाँ अपरिवर्तित रहेंगी।

और पढ़ें…बासमती चावल, अल नीनो, चरम जलवायु परिस्थितियाँ

सुंदरबन में जहाज़ों से नदी के कटाव का खतरा

सुंदरवन, एक कमज़ोर पारिस्थितिकी तंत्र है जिसमें मनुष्यों और वन्यजीवों द्वारा साझा किये जाने वाले सम्मिलित लगभग 100 द्वीपों को खतरों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आरोप लग रहे हैं कि भारतीय विद्युत संयंत्रों से बांग्लादेश तक फ्लाई ऐश ले जाने वाले जहाज़ नदी के किनारों पर कटाव का कारण बन रहे हैं।  

  • भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के दावों का खंडन करता है,  जबकि स्थानीय लोग बसे हुए द्वीपों के पास कटाव में वृद्धि की रिपोर्ट करते हैं।
  • आर्थिक हितों तथा संरक्षण को संतुलित करना महत्त्वपूर्ण हो जाता है, जिससे अधिकारियों को सुंदरबन के अनूठे पर्यावरण पर नौका यातायात के प्रभाव का आकलन करने के साथ भविष्य में इसकी रक्षा करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।

और पढ़ें… सुंदरवन, भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, फ्लाई ऐश

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2