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बासमती चावल के लिये FSSAI मानक

  • 13 Jan 2023
  • 6 min read

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) ने देश में पहली बार बासमती चावल की पहचान के लिये व्यापक मानक निर्दिष्ट किये हैं, जो 1 अगस्त, 2023 से लागू होंगे।

बासमती चावल की विशेषताएँ:

  • बासमती की उत्पत्ति भारत (और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों) से हुई है; यह भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय की तलहटी में उगाई जाने वाली चावल की एक प्रीमियम किस्म है।
    • सार्वभौमिक रूप से इसे अपने लंबे एवं उभरे हुए दानों और अनूठी अंतर्निहित सुगंध एवं स्वाद के लिये जाना जाता है। 
  • इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में की जाती है।
    • बासमती चावल उगाए जाने वाले विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों की कृषि-जलवायु परिस्थितियों के साथ ही चावल की कटाई, प्रसंस्करण और परिपक्वता अवधि बासमती चावल की विशिष्टता में योगदान देते हैं। 
  • अपनी अनूठी गुणवत्तापूर्ण विशेषताओं के कारण बासमती चावल का घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर व्यापक रूप से उपभोग किया जाता है और इसकी कुल आपूर्ति में भारत की हिस्सेदारी दो- तिहाई है।
    • प्रीमियम गुणवत्ता वाला चावल होने तथा गैर-बासमती किस्मों की तुलना में इसकी अधिक कीमत होने के कारण बासमती चावल में आर्थिक लाभ के लिये विभिन्न प्रकार की मिलावट की जाती है, जिसमें चावल की अन्य गैर-बासमती किस्मों का अघोषित मिश्रण शामिल हो सकता है।

बासमती चावल हेतु विनिर्दिष्ट मानक:  

  • मानकों को खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) प्रथम संशोधन विनियम, 2023 के तहत अधिसूचित किया गया है।    
    • इसका उद्देश्य बासमती चावल के व्यापार में उचित कार्यप्रणाली को स्थापित करना और घरेलू एवं विश्व स्तर पर उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना है। 
  • मानक:  
    • बासमती चावल में प्राकृतिक सुगंध की विशेषता: 
      • बासमती चावल में 2-एसिटाइल-1-पाइरोलाइन नामक रसायन की उपस्थिति के कारण एक अनूठी सुगंध और स्वाद होता है। 
    • यह कृत्रिम रंग, चमक बढ़ाने वाले कारकों (पोलिशिंग एजेंट्स) और कृत्रिम सुगंध से मुक्त होना चाहिये।  
    • इसके अलावा ये मानक बासमती चावल के पकने के बाद उसके औसत आकार और वृद्धि अनुपात, नमी की अधिकतम सीमा, एमाइलोज तत्त्व, यूरिक एसिड, क्षतिग्रस्त अनाज तथा अन्य गैर-बासमती चावल की आकस्मिक उपस्थिति आदि को भी निर्दिष्ट करते हैं। 

FSSAI

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 ने खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954 का स्थान लिया।
  2. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के प्रभार में है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?  

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त निकाय है। इसे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत स्थापित किया गया है, यह विभिन्न अधिनियमों तथा आदेशों को समेकित करता है जिसने अब तक विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में खाद्य संबंधी मुद्दों के समाधान में सहायता की है।
  • खाद्य मानक और सुरक्षा अधिनियम, 2006 को खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954, फल उत्पाद आदेश, 1955 जैसे कई अधिनियमों एवं आदेशों के स्थान पर लाया गया। अतः कथन 1 सही है।
  • FSSAI का नेतृत्त्व एक गैर-कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा किया जाता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। वह भारत सरकार के अंतर्गत सचिव पद के समकक्ष हो अथवा सचिव पद से नीचे कार्यरत न रहा हो। FASSAI स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के अधीन नहीं है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • FSSAI को मानव उपभोग के लिये सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु खाद्य पदार्थों के लिये विज्ञान आधारित मानकों को निर्धारित करने तथा उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करने के लिये बनाया गया है।

अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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