Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 अक्तूबर, 2023 | 20 Oct 2023
गोल्डन पीकॉक अवार्ड से सम्मानित REC लिमिटेड
विद्युत मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम महारत्न कंपनी REC लिमिटेड (पूर्व ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड) को प्रभावी संकट मूल्यांकन रणनीतियों को लागू करने की प्रतिबद्धता के लिये जोखिम प्रबंधन में गोल्डन पीकॉक पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
- वर्ष 1991 में इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स (IOD), भारत द्वारा स्थापित गोल्डन पीकॉक अवार्ड्स, कॉर्पोरेट के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित मानक के रूप में उभरा है।
- IOD कॉर्पोरेट निदेशकों के पेशेवर विकास और प्रभावी बोर्डों के गठन की आवश्यकता को पूरा करने के लिये सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI, 1860 के तहत भारत में निदेशकों का एक शीर्ष पेशेवर संघ है।
- REC लिमिटेड एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है जो भारत में पावर सेक्टर फाइनेंसिंग और विकास पर केंद्रित है। यह विद्युत ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- REC की फंडिंग से भारत में हर चौथा बल्ब रोशन होता है ।
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लघु हिम युग आर्द्र था
1671-1942 ई. के मध्य हुई एक वैश्विक जलवायु घटना, लघु हिम युग (LIA) का एक नया अध्ययन, जो उस युग में वर्षा के प्रकार में महत्त्वपूर्ण बदलाव प्रदर्शित करता है, इस लघु हिम युग के दौरान कम मानसूनी वर्षा के साथ समान रूप से शीतल एवं शुष्क जलवायु की पारंपरिक धारणा को चुनौती देता है।
- अध्ययन के लिये दक्षिण-पश्चिम ग्रीष्मकालीन मानसून (SWM) और पूर्वोत्तर शीतकालीन मानसून (NEM) दोनों से प्रभावित पश्चिमी घाट को चुना गया था।
- वैज्ञानिकों ने भारत के पश्चिमी घाट से पराग-आधारित विश्लेषण का उपयोग करके 1219-1942 ई. तक की शाक-गतिकी और जलवायु परिवर्तनशीलता का विश्लेषण किया।
- पराग विश्लेषण में पूर्व काल सदृश वातावरण के पुनर्निर्माण के लिये पराग (बीज-पौधे में नर बीजाणु) का प्रयोग किया जाता है।
- अध्ययन में पश्चिमी घाट में आर्द्र LIA के रिकॉर्ड के संकेत मिले हैं, क्योंकि नमी की स्थिति LIA के दौरान बढ़ी हुई NEM के कारण हुई थी।
- अध्ययन क्षेत्र में मुख्य रूप से आर्द्र नम/अर्द्ध-सदाबहार और शुष्क उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन शामिल थे।
- अध्ययन से यह भी पता चलता है कि अंतर-उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) की गति, सकारात्मक तापमान विसंगतियों, सौर धब्बों की संख्या में वृद्धि और उच्च सौर गतिविधि के कारण भी जलवायु परिवर्तन हो सकता है।
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