Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 अक्तूबर, 2022 | 11 Oct 2022
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस
हर साल 11 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस बार यानी वर्ष 2022 में 10वाँ अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस, 2022 की थीम 'हमारा समय अभी है - हमारे अधिकार, हमारा भविष्य' (Our Time is now- our rights, our Future) है। इस दिवस का उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों का संरक्षण करना, उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों एवं कठिनाइयों की पहचान करना और समाज में जागरूकता लाकर बालिकाओं को बालकों के समान अधिकार दिलाना है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन वर्ष 2012 में किया गया था। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम “बाल विवाह की समाप्ति” (Ending Child Marriage) थी। ध्यातव्य है कि 24 जनवरी को पूरे भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण
लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्तूबर, 1902 को सिताबदियारा, बिहार में हुआ था। वे त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति थे। जयप्रकाश जी का समाजवाद का नारा आज भी गूँजता है। समाजवाद का संबंध न केवल उनके राजनीतिक जीवन से था, अपितु यह उनके जीवन में समाया हुआ था। उनका मानना था कि कोई भी आंदोलन बिना मध्यमवर्गीय लोगों के सहयोग के सफल नहीं होता। मार्क्सवादी दर्शन से प्रभावित हो उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। समाजवाद की अवधारणा को और सुदृढ़ करने तथा उसका जनमानस में संचार करने के लिये उनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है जिसे संपूर्ण क्रांति कहा जाता था। संपूर्ण क्रांति में राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक सात क्रांतियाँ शामिल हैं। उनका एक और प्रसिद्ध नारा था जिसका उदघोष उन्होंने पटना के गाँघी मैदान में किया था-"जात-पात तोड़ दो, तिलक-दहेज छोड़ दो, समाज के प्रवाह को नई दिशा में मोड़ दो”। समाजवादी और राष्ट्रप्रेम की भावना से परिपूर्ण जयप्रकाश नारायण सदैव ही अविस्मणीय रहेंगे।
‘सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन-11’
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने 10-12 अक्तूबर, 2022 तक लेह, लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश में आयोजित हो रहे सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन (Sustainable Mountain Development Summit-SMDS) -11 के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। SMDS-11 की थीम “सतत् पर्वतीय विकास के लिये पर्यटन का उपयोग” है। इस शिखर सम्मेलन का प्रमुख बिंदु पर्यटन के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और जलवायु व सामाजिक-पारिस्थितिक मज़बूती एवं स्थिरता के निर्माण में इसके सकारात्मक योगदान का उपयोग करना है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि लद्दाख की यात्रा यहाँ के खूबसूरत तथा शानदार पहाड़ी नज़ारों को हमेशा तरोताज़ा करने वाली होती है। उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान एवं लेह में इसके एक क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना पर भी प्रकाश डाला जिसे विशेष रूप से हिमालय के पर्यावरण की स्थिरता के संबंध में अनुसंधान और विकास गतिविधियों का कार्य सौंपा गया है। उन्होंने बल देकर कहा कि हिमालय, पश्चिमी घाट, थार रेगिस्तान जैसे देश के कई विशेष परिदृश्यों पर वैज्ञानिक समुदाय को विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है।
श्री महाकाल लोक का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकाल लोक का उद्घाटने किया। श्री महाकाल लोक एक ऐसा स्थान है जहाँ भगवान शंकर की सभी पौराणिक कथाएँ एक ही स्थान पर देखने को मिलेंगी। इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बनाया गया है। भारत के हृदयस्थल मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुण्यसलिला क्षिप्रा नदी के निकट भगवान शिव महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की गणना देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में की जाती है। यह मंदिर तीन मंजिला है। सबसे नीचे महाकालेश्वर, मध्य में ओंकारेश्वर और ऊपरी हिस्से में नागचंद्रेश्वर के लिंग स्थापित हैं। महाकालेश्वर को पृथ्वी का अधिपति भी माना जाता है। इस मंदिर का पुनर्निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था, लेकिन इसके 140 वर्ष बाद मुस्लिम आक्रमणकारी इल्तुतमिश ने इसे क्षतिग्रस्त कर दिया था। वर्तमान मंदिर मराठा कालीन माना जाता है। इसका जीर्णोद्धार तत्कालीन सिंधिया राज्य के दीवान बाबा रामचंद्र शैणवी ने करवाया था।