Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 जनवरी, 2023 | 11 Jan 2023
सड़क सुरक्षा सप्ताह
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 11 से 17 जनवरी, 2023 तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ के तहत सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक हित में सुरक्षित सड़कों की आवश्यकता का प्रचार- प्रसार करना है। एक सप्ताह के इस आयोजन के दौरान आम जनता के बीच सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूकता बढ़ाई जाएगी और सड़क पर चलते समय एक- दूसरे की सुरक्षा हेतु अपनी ज़िम्मेदारी को समझने हेतु प्रेरित किया जाएगा। इस अवसर पर पूरे देश में सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न अभियानों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन गतिविधियों में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को समझने और उनके समाधान के उपायों से संबंधित विभिन्न जागरूकता अभियान शामिल हैं।
गोल्डन ग्लोब पुरस्कार
भारतीय फिल्म RRR के सुपरहिट गीत “नाटु नाटु” को सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत के लिये प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब पुरस्कार मिला है। फिल्म निर्देशक एस.एस. राजामौली की इस सुपरहिट फिल्म के गीत का संगीत निर्देशन एम.एम. कीरावणी (M. M. Keeravaani) ने किया है। गाने के गायक हैं- काला भैरवा और राहुल सिपलीगुंज। प्रत्येक वर्ष हॉलीवुड फॉरेन प्रेस एसोसिएशन (HFPA) मनोरंजन जगत में विशेष उपलब्धियों के लिये देशी-विदेशी कलाकारों, फिल्मों को गोल्डन ग्लोब पुरस्कार से सम्मानित करता है। 80वें गोल्डन ग्लोब पुरस्कार 2023 का आयोजन अमेरिका के लॉस एंजेलिस में किया गया है। पहला गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जनवरी 1944 को लॉस एंजेलिस में आयोजित हुआ था। प्रत्येक वर्ष जनवरी में इस पुरस्कार को 93 अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों के मतों (वोट) के आधार पर दिया जाता है। ये पत्रकार हॉलीवुड और अमेरिका के बाहर के मीडिया से संबंद्ध होते हैं। गोल्डन ग्लोब पुरस्कार को ऑस्कर पुरस्कार के बाद फिल्म और मनोरंजन जगत से जुड़ा सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है। इसमें एक्टर, एक्ट्रेस, डायरेक्टर, फिल्म एवं टीवी से जुड़े कलाकारों को सम्मानित किया जाता है। संगीतकार ए.आर. रहमान वर्ष 2009 की फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिये सर्वश्रेष्ठ स्कोर श्रेणी में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय थे। मेरिल स्ट्रीप हॉलीवुड की ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने आठ बार इस पुरस्कार को जीता है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
प्रवासी सम्मेलन के समापन के साथ ही इंदौर में 11 एवं 12 जनवरी को छठा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। समिट में गुयाना और सूरीनाम के राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा तथा समिट की थीम ‘फ्यूचर रेडी मध्य प्रदेश’ रखी गई है। इस समिट का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है और यह आयोजन पूरी तरह से कार्बन न्यूट्रल और ज़ीरो बेस पर आधारित है। इस सम्मेलन का उद्देश्य राज्य की नीतियों को बढ़ावा देना, उद्योग अनुकूल नीतियाँ बनाने के लिये औद्योगिक संगठनों के साथ परामर्श कर निवेश योग्य वातावरण तैयार करना, निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना है। ग्लोबल इनवेस्टर समिट में 65 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं। वहीं अंतर्राष्ट्रीय मंडप में 9 भागीदार देश और 14 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन अपने देशों के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करेंगे। देश के 500 से अधिक प्रमुख उद्योगपति भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके अलावा 300 से ज़्यादा डेलिगेट्स भी सम्मलेन का हिस्सा होंगे। दो दिन चलने वाले इस समिट के माध्यम से मध्य प्रदेश में करोड़ों के निवेश की संभावना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कई विषयों पर 19 समानांतर सत्र होंगे। ये सत्र एग्रीकल्चर, फूड एंड डेयरी प्रोसेसिंग, फार्मास्युटिकल और हेल्थ केयर, नेचुरल गैस एंड पेट्रो केमिकल्स सेक्टर में अवसर, रिन्यूवल एनर्जी जैसे विषयों पर केंद्रित होंगे।
DAC ने VSHORAD मिसाइल प्रणाली को मंज़ूरी
रक्षा अधिग्रहण परिषद (रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में) ने DRDO द्वारा डिज़ाइन और विकसित की जा रही वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम/VSHORAD (इन्फ्रारेड होमिंग) मिसाइल प्रणाली की खरीद की आवश्यकता को स्वीकार्यता (Acceptance of Necessity- AoN) प्रदान की। रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने (a) स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकाप्टर/ALH (सेना के लिये) हेतु हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, लॉन्चर और सहायक उपकरण (b) ब्रह्मोस लॉन्चर एंड फायर कंट्रोल सिस्टम तथा नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल वेसल्स (नौसेना के लिये) की खरीद के लिये भी मंज़ूरी दे दी है। DAP-2020 के तहत “बाय (इंडियन-IDDM) श्रेणी” की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली खरीद है। रक्षा प्रणाली में यह प्रगति LAC पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनज़र की गई है।
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यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन और भोपाल गैस त्रासदी
जैसा कि केंद्र सरकार ने UCC से कुल 7,400 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करने का अनुरोध किया है, यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (UCC) का कहना है कि वह भोपाल गैस त्रासदी के बाद वर्ष 1989 में केंद्र सरकार के साथ तय राशि से अधिक का भुगतान करने को तैयार नहीं है। 3 दिसंबर, 1989 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) से अत्यधिक खतरनाक और ज़हरीली गैस, मिथाइल आइसोसाइनेट/MIC (रासायनिक सूत्र- CH3NCO या C2H3NO) का रिसाव हुआ था। इस त्रासदी में 5,295 लोगों की मौत हुई और लगभग 5,68,292 लोग घायल हुए, इसके अलावा पशुधन और संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ था।
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पैगाह मकबरों की बहाली परियोजना
अमेरिका, हैदराबाद में 18वीं-19वीं शताब्दी में निर्मित 6 पैगाह मकबरों के संरक्षण और बहाली के लिये 250,000 अमेरिकी डॅालर (सांस्कृतिक संरक्षण के लिये अमेरिकी राजदूत कोष द्वारा) की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर इस परियोजना को लागू करेगा। पैगाह मकबरा (या मकबरा शम्स अल-उमरा) हैदराबाद के निज़ाम (आसफ जाही राजवंश) की सेवा करने वाले पैगाह परिवार की कुलीनता से संबंधित एक कब्रिस्तान है। चूने, मोर्टार और संगमरमर से बने मकबरे इंडो-इस्लामिक वास्तुकला (आसफ जाही और राजपूताना शैलियों का मिश्रण) के बेहतरीन उदाहरणों में से हैं। 18वीं शताब्दी में पैगाह हैदराबाद के सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली परिवारों में से थे। अधिकांश शासकों की तुलना में वे अमीर थे, साथ ही क्षेत्र की सुरक्षा एवं रक्षा के लिये भी ज़िम्मेदार थे। उन्होंने इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर बिन अल-खताब के वंशज होने का दावा किया।
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प्रदूषण और पीएम 2.5
वर्ष 2022 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम द्वारा CPCB वायु गुणवत्ता डेटा विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली 99.7 ug/m3 की वार्षिक औसत सघनता (PM 2.5) के साथ शीर्ष प्रदूषित शहर था। यह वायु के 40 ug/m3 के CPCB मानक से बहुत अधिक है। विश्लेषण में पाया गया है कि वर्ष 2022 की शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में अधिकांश शहर भारत-गंगा के मैदान से हैं; PM 2.5 (दिल्ली, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद, पटना, मुज़फ्फरपुर, नोएडा, मेरठ, गोबिंदगढ़, गया और जोधपुर) तथा PM 10 (गाज़ियाबाद, फरीदाबाद, दिल्ली, नोएडा, पटना, मेरठ, मुज़फ्फरपुर, दुर्गापुर, जोधपुर एवं औरंगाबाद) के लिये। वर्ष 2022 में भारत के सबसे स्वच्छ शहर की स्थिति में संयुक्त रूप से श्रीनगर और कोहिमा थे। PM 2.5 और PM 10 के लिये भारत की वर्तमान वार्षिक औसत सुरक्षित सीमा 40 ug/m3 और 60 ug/m3 है। NCAP ने शुरू में प्रमुख वायु प्रदूषकों PM 10 और PM 2.5 को वर्ष 2024 तक 20-30% और 2026 तक 40% (आधार वर्ष - 2017) तक कम करने का लक्ष्य रखा था।
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