लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 फरवरी, 2023

  • 10 Feb 2023
  • 8 min read

स्काई यूटीएम

हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने स्काई यूटीएम (मानव रहित यातायात प्रबंधन प्रणाली) का अनावरण किया, जिसे दुनिया की सबसे अत्याधुनिक मानव रहित यातायात प्रबंधन प्रणाली के रूप में जाना जाता है। यह एक क्लाउड-आधारित हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली है जो मानव रहित हवाई यातायात को मानवयुक्त विमानन हवाई क्षेत्र के साथ एकीकृत करती है। इसे हवाई क्षेत्र में सभी ड्रोन/अन्य एरियल मोबिलिटी ऑपरेटर्स को स्थितिजन्य जागरूकता (Situational Awareness), स्वायत्त नेविगेशन, जोखिम मूल्यांकन (Risk Assessment) एवं यातायात प्रबंधन प्रदान करने हेतु बनाया गया है। यह मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) के संचलन के 255 से अधिक मापदंडों को कैप्चर कर अपने 'ब्लैकबॉक्स' में संग्रहीत करता है, जो पूरी उड़ान का एक प्रकाशित व्यवस्थित विवरण है। यह सर्वे व डिलीवरी ड्रोन से लेकर एरियल टैक्सियों तक सभी प्रकार के ड्रोन से जुड़कर संचार करता है। यह सिस्टम प्रति घंटे 4,000 उड़ानें और प्रतिदिन 96,000 उड़ानें संभालने में सक्षम है। स्काई यूटीएम ने अब तक 300 से अधिक सफल बीवीएलओएस (बियॉन्ड विज़ुअल लाइन ऑफ साइट) ड्रोन उड़ानों को ऑपरेट किया है।

पी के रोज़ी

image1

हाल ही में सर्च इंजन गूगल ने मलयालम सिनेमा की पहली महिला एक्ट्रेस व पहली महिला दलित अभिनेत्री पी के रोज़ी की 120वीं जयंती पर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए एक खास डूडल (Doodle) समर्पित किया है। 10 फरवरी, 1903 में केरल के तिरुवनंतपुरम में जन्मी, रोज़ी को कम उम्र में ही अभिनय का काफी शौक था। रोज़ी ने वर्ष 1928 में मलयालम फिल्म विगाथाकुमारन (द लॉस्ट चाइल्ड) में अपनी भूमिका के साथ उन तमाम बाधाओं, विशेष रूप से उस समय जब महिलाओं की प्रदर्शन कला को प्रोत्साहित नहीं किया जाता था, को न सिर्फ तोड़ा बल्कि वह मलयालम सिनेमा की पहली एक्ट्रेस के तौर पर सामने आई। फिल्म में उन्‍होंने एक उच्च जाति की महिला की भूमिका अदा की, जिससे उन्‍हें उच्च जातियों के विरोध का सामना करना पड़ा। उनका घर जला दिया गया और राज्य छोड़ने के लिये मजबूर किया गया। ऐसे में जान बचाने के लिये रोज़ी तमिलनाडु की ओर जा रही एक लॉरी में भाग गईं, उन्होंने लॉरी के चालक केशवन पिल्लई से शादी की और अपना जीवन 'राजम्मा' के रूप में बिताया। उन्हें अपनी बाकी जिंदगी गुमनामी में गुज़ारनी पड़ी।

मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल

हाल ही में तुर्किये में आए भूकंप ने मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल पर 7.8 की तीव्रता दर्ज की। तीव्रता को आमतौर पर रिक्टर स्केल (1935 में चार्ल्स फ्रैंसिस रिक्टर द्वारा विकसित) द्वारा मापा जाता है। यह एक लॉगरिदमिक स्केल है जिसमें प्रत्येक चरण तीव्रता में 10 गुना वृद्धि का प्रतिनिधित्त्व करता है (7 माप वाला भूकंप 6 माप वाले भूकंप की तुलना में 10 गुना तीव्र होता है)। हालाँकि यह केवल कुछ आवृत्ति और दूरी श्रेणियों (Certain Frequency and Distance Ranges) के लिये मान्य है, तीव्रता को मापने के एक बेहतर तरीके के रूप में मोमेंट मैग्निट्यूड स्केल (Mw) विकसित किया गया था। यह स्केल भूकंप में उत्पन्न कुल ऊर्जा को मापता है और इसलिये यह तीव्रता संबंधी अधिक सटीक अनुमान प्रदान करता है, विशेष रूप से जब किसी ऐसी ऊर्जा के बारे में पता चल रहा हो जो स्केल में ऊपर की ओर बढ़ता हुआ दर्शाया जा रहा हो। भूकंपीय घटना के दौरान उत्पन्न ऊर्जा की गणना करने हेतु मोमेंट मैग्नीट्यूड अतिरिक्त कारकों का उपयोग करता है। संशोधित मर्केली स्केल (Modified Mercalli Scale- MMS) और रॉज़ी-फोरल स्केल जैसे अन्य पैमाने विशिष्ट स्थान पर झटकों की तीव्रता को मापते हैं। MMS भूकंप की I (महसूस नहीं) से XII (चरम) तक की तीव्रता मापता है।
और पढ़ें… भूकंप, भूकंप इन्फोग्राफिक्स

श्वासावरोध

आंध्र प्रदेश में हाल ही में एक खाद्य तेल टैंक से तेल के अवशेषों (Sludge) को हटाने के दौरान दम घुटने/श्वासावरोध के कारण 7 श्रमिकों की मृत्यु हो गई। श्वासावरोध एक ऐसी स्थिति है जिसमें श्वसन तंत्र विफल हो जाता है अथवा मस्तिष्क में अपर्याप्त या कम ऑक्सीजन के कारण श्वसन तंत्र सुचारू नहीं रह जाता है। कभी-कभी यह बेहोशी मौत का कारण बन जाती है। श्वासावरोध, मस्तिष्क को ऑक्सीजन से वंचित करने के अलावा श्वास मार्ग की क्षति अथवा उसमें रुकावट के कारण भी हो सकता है, जैसे कि गला घोंटना, भोजन अंतर्ग्रहण, या अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन।

अधिनियम की धारा 69 (A)।

हाल ही में MeitY ने IT अधिनियम, 2000 की धारा 69 (A) के तहत "तत्काल" और "आपातकालीन" आधार पर 138 ऑनलाइन सट्टेबाज़ी प्लेटफॉर्मों एवं 94 मनी लेंडिंग एप्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किये। कुछ साइट्स और एप कथित तौर पर चीन से जुड़े हुए थे और उनमें "भारत की संप्रभुता एवं अखंडता के लिये प्रतिकूल सामग्री" थी। पिछले 3 वर्षों में ऐसे लोगों से ज़बरन वसूली/उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने इस तरह के मनी-लेंडिंग एप्स के माध्यम से अक्सर अत्यधिक उच्च ब्याज दरों पर छोटी राशि उधार ली थी। IT अधिनियम की धारा 69 सरकार को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, वेब होस्टिंग सेवाओं, सर्च इंजन, ऑनलाइन मार्केटप्लेस आदि जैसे ऑनलाइन मध्यस्थों को सामग्री-अवरोधक आदेश जारी करने का अधिकार प्रदान करती है, बशर्ते इस प्रकार की सामग्री भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था के लिये खतरा उत्पन्न करती हो।
और पढ़ें…सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A, चीनी एप्स पर प्रतिबंध

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2