लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 फरवरी, 2023

  • 06 Feb 2023
  • 8 min read

इरुला जनजाति (Irula Tribe)

image1

हाल ही में इरुला समुदाय के दो लोगों श्री वडिवेल गोपाल तथा श्री मासी सदाइयां को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसने इरुला स्नेक कैचर्स औद्योगिक सहकारी समिति (Industrial Cooperative Society) पर ध्यान केंद्रित किया है। यह औद्योगिक सहकारी समिति देश में प्रमुख साँप विष (एएसवी) उत्पादकों में से एक है। विशेषज्ञ साँप पकड़ने वाले श्री गोपाल और श्री सदाइयां इस सहकारी समिति का हिस्सा रहे हैं। इरुला विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) हैं, जो भारत के सबसे पुराने स्वदेशी समुदायों में से एक है। इरुला जनजाति तमिलनाडु के उत्तरी ज़िलों तिरुवलुर (बड़ी संख्या में), चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, तिरुवान्नामलाई तथा केरल के वायनाड, इद्दुक्की, पलक्कड़ आदि ज़िलों में बड़ी संख्या में निवास करती है। इस जनजातीय समूह की उत्पत्ति दक्षिण-पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया के जातीय समूहों से हुई है। ये इरुला भाषा बोलते हैं जो कन्नड़ और तमिल की तरह द्रविड़ भाषा से संबंधित है। इरुला जनजाति के लोग पारंपरिक रूप से साँप और चूहे पकड़ते हैं लेकिन ये मज़दूरी भी करते हैं। अनुभव एवं सहज ज्ञान से आदिवासी लोग यह जानते हैं कि साँप कहाँ छिपते हैं। वे साँपों के निशान, गंध और मल के आधार पर भी उनका पता लगा सकते हैं।

बाल मित्र चैटबॉट

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR ) ने लोगों और आयोग के बीच संचार को सुगम बनाने हेतु 'बाल मित्र' नामक एक व्हाट्सएप चैटबॉट लॉन्च किया है। यह नागरिकों और आयोग को अधिक प्रभावी तरीके से बातचीत करने में मदद करेगा, साथ ही लोगों विशेषकर माता-पिता को उनके बच्चों के स्कूल में प्रवेश एवं शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य बच्चों तथा उनके अधिकारों से संबंधित विभिन्न मामलों पर प्रामाणिक जानकारी प्रदान करना और इसके माध्यम से रिपोर्ट किये गए मामलों की गोपनीयता सुनिश्चित करना है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में शिकायत पंजीकरण, जानकारी प्राप्त करना, शिकायत की स्थिति पर नज़र रखना शामिल हैं। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) का गठन बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 के तहत किया गया है। यह बाल अधिकारों के मामलों पर दिल्ली सरकार का वैधानिक प्रहरी है। DCPCR ने हाल ही में अर्ली वार्निंग सिस्टम लॉन्च किया है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में ड्रॉपआउट दरों को कम करना है।

संत गुरु रविदास जयंती

image4

संत गुरु रविदास की जयंती 05 फरवरी, 2023 को मनाई गई। गुरु रविदास जयंती माघ पूर्णिमा (हिंदू चंद्र कैलेंडर के माघ महीने में पूर्णिमा के दिन) पर मनाई जाती है। गुरु रविदास 15वीं शताब्दी के संत और भक्ति आंदोलन के प्रमुख सुधारकों में से थे, जिन्होंने एक ईश्वर में विश्वास एवं अपनी निष्पक्ष धार्मिक कविताओं के कारण ख्याति प्राप्त की। उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति व्यवस्था के उन्मूलन के लिये समर्पित कर दिया तथा ब्राह्मणवादी समाज की धारणा का खुले तौर पर तिरस्कार किया। उनकी लगभग 41 कविताओं को सिखों के धार्मिक ग्रंथ 'गुरु ग्रंथ साहिब' में शामिल किया गया था।
और पढ़ें…गुरु रविदास जयंती

बृहस्पति सबसे अधिक चंद्रमाओं वाला ग्रह बना

image3

खगोलविदों ने हाल ही में बृहस्पति के चारों ओर 12 नए चंद्रमाओं की खोज की, जिससे चंद्रमाओं की कुल संख्या बढ़कर 92 हो गई, जो हमारे सौरमंडल के किसी भी ग्रह की सबसे बड़ी संख्या है (शनि के 83 चंद्रमा हैं)। चंद्रमाओं की खोज वर्ष 2021 और 2022 में हवाई तथा चिली में दूरबीनों का उपयोग करके की गई थी, इन्हें अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के माइनर प्लैनेट सेंटर की सूची में जोड़ा गया है (इन चंद्रमाओं का आकार 1-3 किलोमीटर तक है)। बृहस्पति के आगामी मिशनों में शामिल हैं- (a) बृहस्पति ग्रह और इसके कुछ सबसे बड़े, बर्फीले चंद्रमाओं का अध्ययन करने के लिये ESA का अंतरिक्षयान (2023 में), (b) बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा का पता लगाने के लिये नासा का यूरोपा क्लिपर जो इसके ज़मे हुए क्रस्ट के नीचे एक महासागर को आश्रय दे सकता है (2024 में)। नासा ने इससे पहले बृहस्पति ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का पता लगाने के लिये मिशन लूसी लॉन्च किया था। बृहस्पति और शनि के अलावा यूरेनस के 27 चंद्रमा, नेपच्यून के 14, मंगल के 2 और पृथ्वी के 1 चंद्रमा की पुष्टि की गई है, जबकि शुक्र एवं बुध का कोई चंद्रमा नहीं है।
और पढ़ें… बृहस्पति और यूरोपा

मध्यम घनत्व वाली अक्रिस्टलीय बर्फ

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक नई तरह की बर्फ विकसित की है जो पानी के घनत्व और संरचना से मेल खाती है। बर्फ को मध्यम-घनत्व वाली अक्रिस्टलीय बर्फ कहा जाता है। नए संस्करण का उत्पादन करने के लिये -200 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर सेंटीमीटर-चौड़ी स्टेनलेस स्टील की गेंदों के साथ एक छोटे कंटेनर में बर्फ को नियमित हिलाकर इसका निर्माण किया गया। बर्फ एक सफेद दानेदार पाउडर के रूप में दिखाई देती है जो कि धातु के गोले से चिपक गई। जब पानी जमता है तो इसके अणु क्रिस्टलीकृत होते हैं और हेक्सागोनल, ठोस संरचना का निर्माण करते हैं जिसे बर्फ के रूप में जाना जाता है। बर्फ अपने तरल रूप से कम घनी होती है, जो कि क्रिस्टल के लिये असामान्य व्यवहार है। दबाव और जमने जैसी स्थितियों के आधार पर पानी कई अन्य नियमित व्यवस्थाओं में भी जम सकता है। हालाँकि अक्रिस्टलीय बर्फ अलग है क्योंकि इसमें ऐसा कोई क्रम नहीं है। इसलिये यह अध्ययन पानी के रहस्यमय गुणों का अध्ययन करने में मदद कर सकता है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2