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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 जनवरी, 2022

  • 03 Jan 2022
  • 7 min read

‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ स्थापना दिवस

01 जनवरी, 2022 को ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) का 64वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ की स्थापना रक्षा क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिये मात्र 10 प्रयोगशालाओं के साथ 01 जनवरी, 1958 को की गई थी एवं इसको भारतीय सशस्त्र बलों के लिये आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों को तैयार कर उनका विकास करने का लक्ष्य सौंपा गया था। वर्तमान में यह रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के तहत कार्य करता है। वर्तमान में डीआरडीओ सैन्य क्षेत्र में अनेक आधुनिक तकनीकों के निर्माण में सलग्न है, जिनमें एयरोनॉटिक्स, आर्मामेंट्स, युद्धक वाहन, इंजीनियरिंग प्रणालियाँ, मिसाइलें, नौसेना प्रणालियाँ, एड्वांस कम्प्यूटिंग और सिम्युलेशन शामिल हैं। अपनी 63 वर्षीय लंबी अवधि में संगठन ने देश में रक्षा अनुसंधान और विकास के परिदृश्य को बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। ध्यातव्य है कि ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ ने कोविड-19 महामारी के विरुद्ध अवसंरचनात्मक स्तर पर भी काफी महत्त्वपूर्ण कार्य किया था। संगठन द्वारा पीएम-केयर फंड की मदद से 850 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये गए हैं और ‘2DG’ नामक एक दवा विकसित करने के अलावा देश भर में कई कोविड केंद्रित अस्पताल भी स्थापित किये गए हैं।

सावित्रीबाई फुले

03 जनवरी, 2022 को प्रख्यात समाजसेवी और भारत में महिला शिक्षा की प्रबल समर्थक सावित्रीबाई फुले को देश भर में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महाराष्ट्र में इस दिवस को ‘बालिका दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र स्थित नायगाँव (सतारा ज़िला) में हुआ था और उन्हें भारत की प्रारंभिक आधुनिक नारीवादियों में से एक माना जाता है। वर्ष 1848 में उन्होंने देश में लड़कियों के लिये पुणे के भिडेवाडा में पहला विद्यालय शुरू किया था। महिला शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के उनके प्रयासों के कारण उन्हें पुरुष प्रधान समाज से बहिष्कार और अपमान का सामना करना पड़ा। मात्र 9 वर्ष की उम्र में सामाजिक कार्यकर्त्ता और समाज सुधारक, ज्योतिराव फुले के साथ उनका बाल विवाह कर दिया गया, और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में सावित्रीबाई फुले के संघर्ष में ज्योतिराव फुले ने उनका पूरा समर्थन किया तथा उन्हीं की सहायता से सावित्रीबाई फुले पढ़ना और लिखना सीख सकीं। उस समय लड़कियों को पढ़ाना एक कट्टरपंथी विचार माना जाता था। जब वह स्कूल जाती थीं तो लोग अक्सर उन पर गोबर और पत्थर फेंकते थे लेकिन फिर भी वह अपने कर्त्तव्य पथ से विमुख नहीं हुईं। वह एक कवयित्री भी थीं, उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। 10 मार्च, 1897 को प्लेग के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया।

विश्व का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क- शंघाई 

शंघाई (चीन) में हाल ही में दो ड्राइवर-लेस मेट्रो लाइनें-लाइन 14 और लाइन 18 का पहला चरण शुरू किया गया है, जिसके साथ ही शंघाई ने दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क वाले शहर के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है। नई मेट्रो लाइनों के उद्घाटन के साथ, शंघाई मेट्रो नेटवर्क समग्र तौर पर 831 किलोमीटर लंबा हो गया है। वहीं शंघाई में स्वचालित यानी ड्राइवर-लेस मेट्रो लाइनों की कुल संख्या 5 हो गई है। शंघाई शहर में अब कुल 508 मेट्रो स्टेशन हैं, जिसके कारण यह दुनिया का सबसे बड़ा सब-वे है। शंघाई के बाद बीजिंग का स्थान है, जहाँ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क मौजूद है। हाल ही में दिल्ली को विश्व के तीसरे सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क का स्थान प्राप्त हुआ है। दिल्ली मेट्रो के चरण IV ट्रैक, कुल 103.93 किलोमीटर लंबा है, जो कि वर्ष 2024 तक शुरू हो जाएगा। 

जम्‍मू-कश्‍मीर में ‘ज़िला सुशासन सूचकांक’

केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही ‘जम्‍मू-कश्‍मीर’ में ‘ज़िला सुशासन सूचकांक’ विकसित किया जाएगा, जिससे जम्‍मू-कश्‍मीर इस प्रकार का सूचकांक प्राप्त करने वाला पहला केंद्रशासित प्रदेश बन जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत ‘प्रशासनिक सुधार और जन-शिकायत विभाग’ इस संबंध में जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन के साथ काम कर रहा है। प्रदेश के सभी बीस ज़िलों में सुशासन सूचकांक बनाया जाएगा, जिसका लक्ष्य विभिन्न ज़िलों में प्रशासनिक सुधार सुनिश्चित करना है। इस सूचकांक से निश्चित समय के भीतर कार्यालयों में फाइलों तथा अन्‍य मामलों का निपटारा होगा और पारदर्शिता, जवाबदेही तथा जनभागीदारिता बढ़ेगी। ‘ज़िला सुशासन सूचकांक’ (DGGI) फ्रेमवर्क में कृषि व संबद्ध क्षेत्र, वाणिज्य और उद्योग, मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे जैसे 58 संकेतक शामिल हैं।

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