नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

पीएम-केयर्स फंड: आवश्यकता व महत्त्व

  • 20 Aug 2020
  • 14 min read

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में पर्यावरणीय प्रभाव आकलन व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

संदर्भ

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) की राशि को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) में हस्तांतरित करने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि इन दोनों कोष की प्रकृति और उद्देश्य एक-दूसरे से सर्वथा भिन्न है, अतः इनके विलय की आवश्यकता नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General-CAG) से पीएम-केयर्स फंड का ऑडिट कराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है।  

ध्यातव्य है कि सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि न्यायालय सरकार को कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से निपटने के लिये राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत एक नई राष्ट्रीय योजना बनाने का दिशा-निर्देश दे और पीएम-केयर्स फंड के तहत एकत्र की गई संपूर्ण राशि को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत हस्तांतरित कर दिया जाए। खंडपीठ ने निर्णय देते हुए कहा कि ‘पीएम-केयर्स फंड में देश के सभी व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किये गए कुल योगदान को ट्रस्ट के उद्देश्य को पूरा करने हेतु सार्वजनिक प्रयोजन के लिये जारी किया जाना है और इस ट्रस्ट को कोई भी बजटीय सहायता या कोई सरकारी धन प्राप्त नहीं होता है, इसलिये याचिकाकर्त्ताओं द्वारा ट्रस्ट के निर्माण के उद्देश्य पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता है।

पीएम-केयर्स फंड क्या है?

  • भारत मे कोरोना वायरस व अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के फैलने से पैदा होने वाली स्थितियों से निपटने के लिये प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष अर्थात् PM CARES नामक एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया है। प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों और काॅरपोरेट घरानों से इस फंड में दान करने की अपील की और कहा कि इसमें जो पैसा आएगा, उससे कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे युद्ध को मज़बूती मिलेगी। 
  • प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री को शामिल किया गया है। 
  • इस ट्रस्ट में विज्ञान, स्वास्थ्य, विधि और सार्वजनिक सेवा जैसे क्षेत्रों के विख्यात व्यक्तियों को बतौर मनोनीत सदस्य नियुक्त किया गया है। 
  • यह ट्रस्ट धन का आवंटन और लाभार्थियों के चयन का निर्णय ट्रस्ट के सदस्य व मनोनीत सदस्य के सामूहिक निर्णय के आधार पर करता है। 
  • इस ट्रस्ट में भी सरकार के बजट स्रोतों अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बैलेंस शीट्स से मिलने वाले अंशदान स्वीकार नहीं किये जाते हैं। 
  • कंपनियों द्वारा किया गया दान कंपनी अधिनियम,2013 के अधीन कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत वर्गीकृत किये जाएँगे।

पीएम-केयर्स के संबंध में याचिकाकर्त्ता का तर्क 

  • याचिकाकर्त्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि सरकार द्वारा पीएम-केयर्स फंड बनाए जाने से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।
  • याचिकाकर्त्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) का ऑडिट नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा किया जाता है, जबकि पीएम-केयर्स फंड का ऑडिट CAG द्वारा नहीं बल्कि किसी निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) द्वारा किया जाता है, जो कि इस फंड की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष

  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46 के तहत किया गया है।
  • इसे किसी भी आपदा की स्थिति या आपदा के कारण आपातकालीन प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास के खर्चों को पूरा करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
  • यह गंभीर प्राकृतिक आपदा के मामले में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) की सहायता करता है, बशर्ते SDRF में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध न हो।
  • ध्यातव्य है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) NDRF के खातों को ऑडिट करता है।

सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश

  • खंडपीठ ने कहा कि वर्ष 2019 की राष्ट्रीय योजना में महामारी (Epidemic) के सभी पहलुओं, जिसमें महामारी से निपटने संबंधी सभी उपाय और प्रतिक्रिया आदि, को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है। 
  • ध्यातव्य है कि यह राष्ट्रीय योजना वर्ष 2016 में बनाई गई थी और नवंबर 2019 में इसे संशोधित तथा अनुमोदित किया गया था। 
  • इस लिहाज़ से याचिकाकर्त्ता का तर्क सही नहीं है कि देश में महामारी से निपटने के लिये कोई विस्तृत योजना मौजूद नहीं है।
  • खंडपीठ ने कहा कि COVID-19 एक जैविक और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी महामारी है और राष्ट्रीय योजना 2019 में इसे विशेष रूप से कवर किया गया है, संबंधित राष्ट्रीय योजना में इस तहत की महामारी से निपटने के लिये विभिन्न प्रकार की योजनाएँ, दिशा-निर्देश और उपाय सुझाए गए हैं, इस प्रकार देश में COVID-19 से निपटने के लिये योजनाओं और प्रक्रियाओं की कोई कमी नहीं है।   

पीएम-केयर्स फंड और सूचना का अधिकार

  • हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यकाल (PMO) ने पीएम-केयर्स फंड के संबंध में RTI अधिनियम के तहत दायर आवेदन में मांगी गई सूचना को अधिनियम की ही धारा 7(9) के तहत देने से इनकार कर दिया है। 
  • सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 7(9) के अनुसार, ‘किसी भी सूचना को साधारणतया उसी प्रारूप में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें उसे मांगा गया है, जब तक कि वह लोक प्राधिकारी के स्रोतों को विषमतापूर्वक प्रभावित न करता हो या प्रश्नगत अभिलेख की सुरक्षा या संरक्षण के प्रतिकूल न हो। 
  • कई विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के इस कदम को RTI अधिनियम की धारा 7(9) के अनुचित उपयोग के रूप में परिभाषित किया है।
  • ध्यातव्य है कि 2010 में केरल उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार, धारा 7 (9) किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण को सूचना का खुलासा करने से छूट नहीं देती है, बल्कि यह किसी अन्य प्रारूप में सूचना प्रदान करने को अनिवार्य करता है। 
  • इससे पूर्व भी प्रधानमंत्री कार्यकाल (PMO) ने पीएम-केयर्स फंड को लेकर दायर किये गए तमाम आवेदनों में भी इसके संबंध में सूचना देने से इनकार कर दिया था, इससे पूर्व PMO ने एक आवेदन के जवाब में कहा था कि पीएम-केयर्स फंड सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' (Public Authority) नहीं है। 

आलोचना के बिंदु 

  • भारत में ट्रस्ट, भारतीय न्यास अधिनियम, 1882 के तहत काम करते हैं। किसी भी धर्मार्थ ट्रस्ट के लिये  यह आवश्यक होता है कि उसकी एक ट्रस्ट डीड (न्यास विलेख) बने जिसमें इस बात का स्पष्ट जिक्र होता है कि वह किन उद्देश्यों के लिये बना है, उसकी संरचना क्या होगी और वह कौन-कौन से काम किस ढंग से करेगा? फिर इसका पंजीकरण सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में कराना होता है।
  • यह भी एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि यदि देश में पहले से ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (Prime Minister’s National Relief Fund) मौजूद है तो फिर एक अन्य फंड का गठन क्यों किया गया है?

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष 

  • पाकिस्तान से आए विस्थापित लोगों की मदद करने के उद्देश्य से जनवरी, 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता द्वारा दिये गए अंशदान से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना की गई थी।
  • प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के अध्यक्ष हैं तथा अन्य अधिकारी/कर्मचारी अवैतनिक आधार पर इसके संचालन में उनकी सहायता करते हैं।
  • ध्यातव्य है कि यह कोष केवल जनता के अंशदान से बना है और इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है।
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का गठन संसद द्वारा नहीं किया गया है। इस कोष की निधि को आयकर अधिनियम के तहत एक ट्रस्ट के रूप में माना जाता है और इसका प्रबंधन प्रधानमंत्री अथवा नामित अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय प्रयोजनों के लिये किया जाता है।
  • वर्ष 1985 से इस कोष का कितना पैसा, किस आपदा पर खर्च होगा, यह सिर्फ प्रधानमंत्री की सिफारिश पर तय होने लगा।
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किया जा रहा है, जबकि PM CARES ट्रस्ट का संचालन किस मंत्रालय व किन अधिकारियों द्वारा किया जाएगा इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
  • PM CARES ट्रस्ट में विपक्ष के नेता व सिविल सोसाइटी के सदस्यों को शामिल नहीं किया गया है।

पीएम-केयर्स फंड के उद्देश्य 

  • इस फंड का मुख्य उद्देश्य है कि देश में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक या मानवीय आपदा आने पर लोगों को आर्थिक और तकनीकी सहायता से साथ आधारभूत संरचना के विकास का काम भी किया जायेगा। 
  • यदि आवश्यक हुआ तो स्वास्थ्य सेवा या औषधि सुविधाओं का निर्माण उनके बारे में अनुसंधान और बुनियादी ढाँचे का विकास भी किया जायेगा।
  • यदि बोर्ड के न्यासी आवश्यक समझें तो प्रभावित आबादी को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये, पैसों के भुगतान या अनुदान भी प्रदान किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

COVID-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियाँ पहले कभी नहीं देखी गई, किसी प्रमाणिक उपचार के अभाव तथा इस बीमारी की अनिश्चितता को देखते हुए सरकार ने ‘पीएम केयर्स फंड’ की व्यवस्था की है ताकि किसी भी वैश्विक महामारी की स्थिति से निपटने में तत्काल सहायता की जा सके।

प्रश्न- पीएम केयर्स फंड क्या है? पीएम केयर्स फंड व प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए इससे संबंधित चिंताओं का उल्लेख कीजिये।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow