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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 अक्तूबर, 2021

  • 01 Oct 2021
  • 7 min read

शिवाजी गणेशन

1 अक्तूबर, 2021 को अमेरिकी सर्च इंजन गूगल ने दिवंगत अभिनेता शिवाजी गणेशन की 93वीं जयंती पर उन्हें डूडल के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता शिवाजी गणेशन का जन्म 1 अक्तूबर, 1928 को मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान तमिलनाडु) में विल्लुपुरम में हुआ था। मात्र सात वर्ष की आयु में उन्होंने एक थिएटर ग्रुप में शामिल होने के लिये अपना घर छोड़ दिया। दिसंबर 1945 में शिवाजी गणेशन ने ‘शिवाजी कांडा हिंदू राज्यम’ नामक एक नाटक में मराठा शासक शिवाजी का किरदार निभाया। शिवाजी गणेशन ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1952 की तमिल फिल्म ‘पराशक्ति’ से की थी। यद्यपि वह मुख्य रूप से तमिल सिनेमा में सक्रिय थे, किंतु गणेशन ने अपने संपूर्ण कॅरियर में 300 से अधिक फिल्मों में कार्य किया, जिनमें तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और हिंदी जैसी भाषाओं की फिल्में भी शामिल हैं। लगभग पाँच दशक लंबे अपने कॅरियर में शिवाजी गणेशन ने कई पुरस्कार जीते। उन्हें ‘एफ्रो-एशियन फिल्म फेस्टिवल’ (काहिरा-मिस्र) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गणेशन जिन्होंने राजनीति में भी सक्रिय रूप से कार्य किया, को ‘लॉस एंजिल्स टाइम्स’ ने “दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के मार्लन ब्रैंडो" के रूप में वर्णित किया था। 21 जुलाई, 2001 को 72 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था। 

गोल्ड एक्सचेंज

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ‘गोल्ड एक्सचेंज’ की स्थापना के लिये नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स के रूप में सोने के व्यापार के लिये की जा रही है, जिससे सोने के घरेलू मूल्य का पारदर्शी तरीके से पता लगाने की व्यवस्था हो सकेगी। इस एक्सचेंज में सोने का प्रतिनिधित्व करने संबंधी दस्तावेज़ को ‘इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स’ (EGR) कहा जाएगा और अन्य प्रतिभूतियों की तरह इसका व्यापार, क्लियरिंग और सेटेलमेंट किया जा सकेगा। सेबी ने इस संबंध में जारी एक अधिसूचना में कहा कि ‘गोल्ड एक्सचेंज’ के दायरे में ‘इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स’ की ट्रेडिंग और सोने की भौतिक डिलिवरी सहित एक समूची प्रणाली शामिल की जाएगी, जिससे देश में सशक्त स्वर्ण कारोबार परितंत्र स्थापित हो सकेगा। ‘गोल्ड एक्सचेंज’ भारत में मानक सोने के साथ ‘इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स’ के क्रय-विक्रय के लिये एक राष्ट्रीय मंच होगा। इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स के तहत सोने के विभिन्न प्रस्तावित मूल्य जैसे 1 किलोग्राम, 100 ग्राम, 50 ग्राम का होगा तथा कुछ शर्तों के साथ इन्हें 5 और 10 ग्राम में भी रखा जा सकेगा। गौरतलब है कि भारत (चीन के बाद) विश्व स्तर पर सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जिसकी वार्षिक सोने की मांग लगभग 800-900 टन है, जो  वैश्विक बाज़ारों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।

राइट लाइवलीहुड अवार्ड

दिल्ली स्थित पर्यावरण संगठन ‘लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एन्वायरनमेंट’ (LIFE) को ‘संवेदनशील समुदायों की आजीविका की रक्षा करने और स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार का दावा करने’ हेतु ‘राइट लाइवलीहुड अवार्ड-2021’ से सम्मानित किया गया है। ज्ञात हो कि इस पुरस्कार को स्वीडन के ‘वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार’ के रूप में भी जाना जाता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य विजेताओं में कैमरून की महिला अधिकार कार्यकर्त्ता मार्थे वांडौ, रूसी पर्यावरण कार्यकर्त्ता ‘व्लादिमीर स्लिव्यक’ और कनाडा के स्वदेशी अधिकार रक्षक ‘फ्रेडा ह्यूसन’ शामिल हैं। ‘राइट लाइवलीहुड अवार्ड’ वैश्विक समस्याओं को हल करने वाले लोगों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत विजेताओं को 1 मिलियन स्वीडिश क्राउन ($115,000) और लॉरेट्स प्रदान किया जाता है। 

नजला बौडेन रोमधाने

ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सैयद ने ‘नजला बौडेन रोमधाने’ को प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है। इस प्रकार ‘नजला बौडेन रोमधाने’ ट्यूनीशिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं। वर्ष 1958 में ट्यूनीशिया के केंद्रीय ‘कैरौआन प्रांत’ में जन्मीं नजला रोमधाने, ट्यूनिस (ट्यूनीशिया की राजधानी) स्थित ‘नेशनल स्कूल ऑफ इंजीनियर्स’ में भूविज्ञान की प्रोफेसर हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त से पूर्व नजला रोमधाने को विश्व बैंक विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करने हेतु ‘उच्च शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय’ का कार्यभार सौंपा गया था। ज्ञात हो कि ट्यूनीशिया, उत्तरी अफ्रीका का एक देश है, जो अल्जीरिया और लीबिया के बीच भूमध्य सागर की सीमा पर स्थित है। साथ ही यह इटली के साथ समुद्री सीमा साझा करता है। ट्यूनीशिया को ‘अरब स्प्रिंग’ की उत्पत्ति वाले देश के रूप में जाना जाता है, जो वर्ष 2011 में उत्तरी अफ्रीका तथा मध्य पूर्व के विभिन्न देशों में सरकारों के खिलाफ शुरू हुआ एक विद्रोह था।

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