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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 अप्रैल, 2023

  • 01 Apr 2023
  • 6 min read

OBC एवं वर्तमान विवाद

अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Classes- OBC) के खिलाफ कथित टिप्पणी के कारण एक सांसद के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है, जिसके बाद उसे मानहानि का भी दोषी ठहराते हुए संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। कालेलकर आयोग (1953), राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य पिछड़े वर्गों की पहचान करने वाला पहला आयोग था। द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग (मंडल आयोग) की सिफारिश के आधार पर अगस्त 1990 में भारत सरकार ने सिविल पदों एवं सेवाओं हेतु रिक्तियों में सीधी भर्ती के लिये सामाजिक तथा शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (Socially and Educationally Backward Classes (SEBC/OBC) हेतु 27% आरक्षण अधिसूचित किया था। इसे चुनौती दिये जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने नवंबर, 1992 (इंदिरा साहनी मामले) में OBC के लिये 27% आरक्षण को बरकरार रखा, जो कि क्रीमी लेयर को बाहर करने के अधीन था। न्यायमूर्ति रोहिणी समिति का गठन वर्ष 2017 में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उप-वर्गीकरण पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु किया गया था। हालाँकि समिति ने अभी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।

और पढ़ें… मानहानि कानून और सांसदों की अयोग्यता, इंदिरा साहनी निर्णय (1992) 

असम में गैंडों के अवैध शिकार के मामले

वर्ष 2022 में असम में गैंडों के शिकार के शून्य मामले दर्ज किये जाने के बाद हाल ही में इस तरह का पहला मामला सामने आया था। वर्ष 2021 में असम सरकार ने एक एंटी-पोचिंग टास्क फोर्स का गठन किया। 

Wildlife

गैंडे की कुल पाँच प्रजातियाँ होती हैं- अफ्रीका में सफेद और काले राइनो (White and Black Rhinos in Africa), एक सींग वाले गैंडे (Greater one-Horned), एशिया में जावा और सुमात्रन गैंडे/राइनो (Javan and Sumatran Rhino) की प्रजातियाँ।

भारत में केवल एक सींग वाले गैंडे पाए जाते हैं। इसे भारतीय गैंडे के रूप में भी जाना जाता है, यह गैंडा प्रजातियों में सबसे बड़ा है। इस गैंडे की पहचान एकल काले सींग और त्वचा के सिलवटों के साथ भूरे रंग से होती है। यह प्रजाति इंडो-नेपाल के तराई क्षेत्र, उत्तरी-पश्चिम बंगाल और असम तक सीमित है। एक सींग वाले गैंडे को IUCN रेड लिस्ट में सुभेद्य (Vulnerable) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिसका उल्लेख CITES में परिशिष्ट I और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में किया गया है।

और पढ़ें...असम में गैंडे और संरक्षित क्षेत्र, राइनो पर इन्फोग्राफिक

भारत का पहला क्लोन मादा बछड़ा 

दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने हेतु सरकार के दबाव के कारण राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI), करनाल, हरियाणा ने देसी नस्ल गिर का भारत का पहला क्लोन मादा बछड़ा तैयार किया है। NDRI की एक परियोजना के तहत राज्य गिर और साहीवाल जैसी देशी गाय की नस्लों की क्लोनिंग पर काम करेगा। गिर, साहीवाल, थारपारकर और लाल-सिंधी जैसी स्वदेशी मवेशियों की नस्लों की दुग्ध उत्पादन तथा भारतीय डेयरी उद्योग के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। गिर मवेशी भी काफी लोकप्रिय हैं और ज़ेबू प्रजाति की गायों के विकास के लिये ब्राज़ील, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको तथा वेनेज़ुएला में इनका निर्यात किया गया है। क्लोनिंग शब्द से तात्पर्य अलग-अलग प्रक्रियाओं से है जिसका उपयोग जैविक इकाई की आनुवंशिक रूप से समान प्रतियाँ बनाने के लिये किया जा सकता है। तैयार की गई प्रतियाँ जिनमें मूल जीव के समान आनुवंशिक संरचना होती है, उन्हें क्लोन कहा जाता है।

Cloning

और पढ़ें… भारत का डेयरी और पशुधन क्षेत्र

AFINDEX-2023 

संयुक्त सैन्य अभ्यास "अफ्रीका-भारत क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास (AFINDEX-2023)" का दूसरा संस्करण हाल ही में महाराष्ट्र में संपन्न हुआ। रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण भारत-अफ्रीका आर्मी चीफ कॉन्क्लेव भी पुणे में आयोजित किया गया था। यह अभ्यास 16 से 29 मार्च, 2023 तक आयोजित किया गया था। अफ्रीकी महाद्वीप के कुल 25 देशों के 124 प्रतिभागियों के साथ सिख, मराठा और महार रेजिमेंट के भारतीय सैनिकों ने बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लिया। इस  बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का उद्देश्य व्यावहारिक एवं गहन चर्चा तथा सामरिक अभ्यास के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (UNPKF) की वर्तमान गतिशीलता के साथ ‘क्षेत्रीय एकता के लिये अफ्रीका-भारत सेना’ (Africa-India Militaries for Regional Unity- AMRUT) की अवधारणा को बढ़ावा देना है।

और पढ़ें… भारत-अफ्रीका संबंध

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