R21/मैट्रिक्स-M मलेरिया वैक्सीन | 05 Oct 2023

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा सह-विकसित R21/मैट्रिक्स-M मलेरिया वैक्सीन के प्रयोग की सिफारिश की है।

  • मैट्रिक्स-M घटक नोवावैक्स द्वारा विकसित एक अधिकृत सैपोनिन-आधारित सहायक है और स्थानीय देशों में इसके उपयोग के लिये सीरम इंस्टीट्यूट को लाइसेंस दिया गया है।
  • अब तक वैक्सीन को घाना, नाइजीरिया और बुर्किना फासो में उपयोग के लिये लाइसेंस दिया गया है।

एडजुवेंट्स: 

  • सहायक/एडजुवेंट किसी टीके में एक घटक होता है जो उस टीके के प्रति शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली की अनुक्रिया को बढ़ाता है। 
    • एडजुवेंट्स उस अवधि को बढ़ा देते हैं जिससे एक टीका प्रतिरक्षा प्रणाली की बेहतर पहचान करने और टीके के घटक को लंबे समय तक याद रखने में सहायता कर सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
  • मैट्रिक्स-एम एडजुवेंट सैपोनिन से प्राप्त होता है, जो चिली में क्विलाजा सैपोनारिया वृक्ष की छाल में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यौगिक हैं। सैपोनिन का ऐतिहासिक रूप से औषधीय उपयोग किया जा रहा है।

मलेरिया:

  • परिचय: 
    •  यह परजीवी संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
      • मलेरिया प्लाज़्मोडियम परजीवी के कारण होने वाली एक जानलेवा बीमारी है।
  • प्लाज़्मोडियम परजीवी: 
    • प्लाज़्मोडियम परजीवी की 5 प्रजातियाँ हैं जो मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनती हैं जबकि इनमें से 2 प्रजातियाँ पी. फाल्सीपेरम (P. falciparum) एवं पी. विवैक्स (P. vivax) सर्वाधिक खतरा उत्पन्न करती हैं।
      • पी. फाल्सीपेरम सबसे घातक मलेरिया परजीवी है जो अफ्रीकी महाद्वीप पर सबसे अधिक प्रचलित है।
      • पी. विवैक्स उप-सहारा अफ्रीका के बाहर अधिकांश देशों में प्रमुख मलेरिया परजीवी है।
    • अन्य मलेरिया प्रजातियाँ जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकती हैं वे हैं पी. मलेरिया, पी. ओवेल और पी. नोलेसी
  • लक्षण: 
    • मामूली लक्षण बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द हैं। गंभीर लक्षणों में थकान, भ्रम, दौरे और श्वास लेने में कठिनाई शामिल हैं।
  • व्यापकता:
    • WHO की विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2022 के अनुसार, वर्ष 2020 में 245 मिलियन मामलों की तुलना में वर्ष 2021 में मलेरिया के 247 मिलियन मामले सामने आये थे।
    • यह अधिकतर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। विश्व में मलेरिया से होने वाली आधी से अधिक मृत्यु के लिये चार अफ्रीकी देश ज़िम्मेदार हैं: नाइजीरिया (31.3%), कांगो गणराज्य (12.6%), संयुक्त तंज़ानिया गणराज्य (4.1%) और नाइजर (3.9%) है।
  • वैक्सीन:
    • हाल ही में पुष्टि की गई R21/मैट्रिक्स-M वैक्सीन के साथ, WHO मध्यम से उच्च P फाल्सीपेरम मलेरिया संचरण वाले क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के बीच RTS, S/AS01 मलेरिया वैक्सीन के व्यापक उपयोग की भी सिफारिश करता है।
  • उन्मूलन रणनीतियाँ:
    • वैश्विक:
      • मलेरिया के लिये WHO वैश्विक तकनीकी रणनीति 2016-2030, जिसे वर्ष 2021 में संशोधित किया गया था, उच्च लेकिन प्राप्य वैश्विक लक्ष्य स्थापित करती है, जैसे:
      • वर्ष 2030 तक मलेरिया के मामलों को 90% तक कम करना।
      • वर्ष 2030 तक मलेरिया से होने वाली मृत्यु दर को 90% तक कम करना।
      • वर्ष 2030 तक 35 देशों में मलेरिया का उन्मूलन करना।
      • मलेरिया मुक्त देशों में मलेरिया के मामले पुनः न पाया जाना सुनिश्चित करना।
    • भारत: 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. क्लोरोक्वीन जैसी दवाओं के प्रति मलेरिया परजीवी के व्यापक प्रतिरोध ने मलेरिया से निपटने के लिये मलेरिया का टीका विकसित करने के प्रयासों को प्रेरित किया है। मलेरिया का प्रभावी टीका विकसित करना क्यों कठिन है? (2010)

(a) प्लाज़्मोडियम की कई प्रजातियों के कारण मलेरिया होता है।
(b) प्राकृतिक संक्रमण के दौरान मनुष्य में मलेरिया के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं होती है।
(c) इसके टीके केवल बैक्टीरिया के विरुद्ध विकसित किये जा सकते हैं।
(d) मनुष्य केवल एक मध्यवर्ती मेजबान है, न कि निश्चित मेज़बान।

उत्तर: (b)