रैपिड फायर
R21/Matrix-M मलेरिया वैक्सीन
- 23 May 2024
- 2 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता (विश्व स्तर पर उत्पादित और विक्रय की गई डोज़ की संख्या के संदर्भ में) कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), ने R21/Matrix-M मलेरिया वैक्सीन की पहली खेप अफ्रीकी देशों को भेज दी है।
- इस वैक्सीन को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है।
- सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता संबंधी मानकों को पूरा करने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) ने इसे उपयोग हेतु अनुशंसित किया है।
- अक्तूबर 2021 में बच्चों में मलेरिया को रोकने हेतु WHO ने पहली मलेरिया वैक्सीन RTS,S/AS01 को अनुशंसित किया था।
- मलेरिया प्लाज़्मोडियम परजीवी (plasmodium parasite) के कारण होने वाली एक जानलेवा बीमारी है। यह बीमारी संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से मनुष्यों में संचरित होती है।
- विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, वर्ष 2022 में मलेरिया से संबंधित मामलों की संख्या 249 मिलियन दर्ज की गई जबकि वर्ष 2021 में यह संख्या 247 मिलियन थी।
- वर्ष 2022 में, विश्व स्तर पर मलेरिया के सर्वाधिक मामले (94%) तथा इसके कारण होने वाली मौतें (95%) अफ्रीकी क्षेत्रों में दर्ज की गईं।
- मलेरिया के कुल वैश्विक मामलों में भारत की हिस्सेदारी 1.4% रही और वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में मलेरिया के मामलों में 30% तथा इसके कारण होने वाली मौतों में 34% की गिरावट देखी गई।
और पढ़ें: R21/मैट्रिक्स-M मलेरिया वैक्सीन