प्रिलिम्स फैक्ट्स: 27अगस्त, 2020 | 27 Aug 2020
रागोत्सव II
Raagotsav II
26 अगस्त, 2020 को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म प्रभाग द्वारा हिंदुस्तानी संगीत के प्रणेता पंडित जसराज एवं अन्य संगीतज्ञों को श्रद्धांजलि देने के लिये एक ऑनलाइन उत्सव ‘रागोत्सव II’ (Raagotsav II) का आयोजन किया गया। यह ऑनलाइन उत्सव 28 अगस्त, 2020 तक चलेगा।
प्रमुख बिंदु:
- इस अवसर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित एक डाक्युमेन्ट्री ‘रागोत्सव: सेलिब्रेशन ऑफ मॉनसून’ (RAAGOTSAV: Celebration of Monsoon) का ऑनलाइन प्रसारण एफडी वेबसाइट (FD Website) और यू-ट्यूब चैनल केमाध्यम से किया गया है।
- यह उत्सव भारतीय शास्त्रीय संगीत की परंपराओं एवं प्रसिद्ध संगीत घरानों के संगीतज्ञों के जीवन एवं कार्यों पर आधारित एक संगीतमय यात्रा से परिचित होने का अवसर प्रदान करता है।
- मेवाती घराने (Mewati Gharana) के प्रमुख गायक और समतावादी दर्शन (Egalitarian Philosophy) के अनुयायी पं. जसराज ने पारंपरिक शास्त्रीय शैली के साथ भक्ति संगीत का एक आदर्श मिश्रण पेश किया है।
ख्याल (Khayal) पर एक वृत्तचित्र :
- वृत्तचित्र ‘ख्याल’ (Documentary ‘Khayal’): इस वृत्तचित्र के माध्यम से जयपुर, ग्वालियर, मेवाती एवं किराना जैसे विभिन्न घरानों की विशेषताओं और ख्याल गायकी के लिये संगीतज्ञों द्वारा किये गए योगदान को समझा जा सकता है।
फिल्म ‘आमिर खान’ (Film 'Amir Khan'):
- फिल्म 'आमिर खान' इंदौर घराने के संस्थापक ‘उस्ताद आमिर खान’ के जीवन और कार्यों को चित्रित करती है जो संगीत हेतु अपने बौद्धिक दृष्टिकोण के लिये जाने जाते हैं और अपने समय के सबसे प्रशंसित गायकों में से एक हैं जो रागों के सभीभावनात्मक पहलुओं को सामने ला सके।
एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी (M S Subbulakshmi) पर एक बायोपिक:
- इस बायोपिक में भारत रत्न एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी का संगीत के क्षेत्र में योगदान तथा कर्नाटक संगीत की प्राचीन एवं गौरवशाली परंपरा में उनके अपार योगदान को दर्शाया गया है।
पंं. भीमसेन जोशी पर एक वृत्तचित्र:
- भारत रत्न भीमसेन जोशी किराना घराने के हिंदुस्तानी संगीत प्रतिपादक और ख्याल गायकी के विशेषज्ञ थे।
सेमांगुड़ी श्रीनिवास अय्यर (Semmangudi Sreenivasa Iyer) पर एक बायोपिक:
- इन्हें आधुनिक कर्नाटक संगीत के 'पितामह' के रूप में जाना जाता है।
गिरिजा देवी (Girija Devi) पर एक वृत्तचित्र:
- इसमें सेनिया (Seniya) और बनारस घराने की एक कलाकार तथा प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी के जीवन एवं कार्यों को दिखाया गया है।
- इन्हें ठुमरी गायकी के स्तर को ऊँचा करने का श्रेय दिया जाता है और इनके प्रदर्शनों की सूची में कज़री, चैती, होरी जैसी कई तरह की अर्द्ध-शास्त्रीय शैलियों को शामिल किया गया।
गंगूबाई हंगल (Gangubai Hangal) पर एक फिल्म:
- किराना घराने से संबंधित और अपनी गहरी एवं शक्तिशाली आवाज़ के लिये जानी जाने वाली गंगूबाई हंगल (Gangubai Hangal) महान उस्ताद सवाई गंधर्व (Sawai Gandharwa) की शिष्या थीं।
- इस फिल्म में उनके ख्याल गायन एवं दर्शन पर प्रकाश डाला गया है।
सिद्धेश्वरी (Siddheswari) पर एक फिल्म:
- यह फिल्म हिंदुस्तानी गायिका, सिद्धेश्वरी देवी के जीवन एवं उनकी संगीत यात्रा को समर्पित है।
- यह फिल्म शास्त्रीय संगीत की दुनिया में उनके अमूल्य योगदान को रेखांकित करती है।
हंस अकेला (Hans Akela):
- ‘हंस अकेला’ एक पोते की अपने दादा के जीवन एवं कार्यों में खोज पर आधारित फिल्म है। यह खोज सिर्फ एक गायन किंवदंती के रूप में नहीं है बल्कि एक संगीतज्ञ के रूप में भी है।
द मेलोडी मैन: डॉ बालमुरली कृष्ण (The Melody Man –Dr. Balamurali Krishna):
- यह फिल्म कर्नाटक संगीत के महान प्रतिपादक ‘डॉ. बालमुरली कृष्ण’ के जीवन पर आधारित है जो एक गायक, बहु-वादक, संगीतकार एवं अभिनेता थे।
- इसके अतिरिक्त तराना, ध्रुपद जैसे संगीत पर भी वृत्तचित्र एवं फिल्म का चित्रांकन किया गया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021
Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar-2021
हाल ही में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) ने बच्चों, व्यक्तियों एवं संस्थाओं से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 (Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar-2021) के लिये नामांकन आमंत्रित किया है।
प्रमुख बिंदु:
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की स्थापना देश के मेधावी बच्चों, व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित करने के लिये की गई थी।
- ये पुरस्कार दो श्रेणियों के अंतर्गत प्रदान किये जाते हैं: 1. बाल शक्ति पुरस्कार 2. बाल कल्याण पुरस्कार।
- बाल शक्ति पुरस्कार के विजेता, नई दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लेते हैं।
- बाल शक्ति पुरस्कार का उद्देश्य नवाचार, शैक्षणिक, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण कार्य करने वाले बच्चों को मान्यता प्रदान करना है।
- बाल कल्याण पुरस्कार उन व्यक्तियों एवं संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के लिये दिया जाता है जिन्होंने बच्चों की सेवा करने के लिये बाल विकास, बाल संरक्षण और बाल कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
- इन पुरस्कारों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में प्रदान किया जाता है।
एएसआई के सात नए प्रशासनिक सर्कल
Seven New Administrative Circles of ASI
हाल ही में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने स्मारकों के प्रबंधन में सुधार के लिये भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) के सात नए प्रशासनिक सर्कल की स्थापना की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु:
- इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य पुरातात्विक स्मारकों के संरक्षण एवं पंजीकरण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना है।
- ये नए सर्कल जबलपुर (मध्य प्रदेश), त्रिची (तमिलनाडु), झांसी एवं मेरठ (उत्तर प्रदेश), हम्पी (कर्नाटक), रायगंज (पश्चिम बंगाल) और राजकोट (गुजरात) में बनाए गए हैं।
- हम्पी मिनी सर्कल को एक नए सर्कल में अपग्रेड किया गया है और दिल्ली मिनी सर्कल को दिल्ली सर्कल के साथ मिला दिया गया है।
- तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य में जहाँ हज़ारों मंदिर हैं और चोल साम्राज्य का महान इतिहास मौजूद है, चेन्नई सर्कल के साथ त्रिची (Trichy) को एक नया सर्कल बना दिया गया है।
- कर्नाटक में हम्पी शहर पुरातात्विक विरासत के दृष्टिकोण से अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का स्थान है इसलिये हम्पी उप-सर्कल को अब एक नया पूर्ण विकसित सर्कल बना दिया गया है।
- पश्चिम बंगाल में रायगंज को कोलकाता के साथ एक नया सर्कल बनाया गया है जो पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य में भौगोलिक असुविधा को समाप्त करेगा।
- गुजरात में राजकोट को वडोदरा के साथ एक नया सर्कल बनाया गया है।
- जबलपुर को मध्य प्रदेश में भोपाल के साथ एक नया सर्कल बनाया गया है। इसमें जबलपुर, रीवा, शहडोल एवं सागर संभागों के स्मारक शामिल होंगे।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ और बुंदेलखंड में झांसी को उत्तर प्रदेश में लखनऊ एवं आगरा के साथ दो नए सर्कल के रूप में घोषित किया गया है।
- गौरतलब है कि इससे पहले देश भर में 29 ASI सर्कल थे।
पुलिक्कली
Pulikkali
पुलिक्कली (Pulikkali) या टाइगर डांस (Tiger Dance) केरल के त्रिशूर (Thrissur) में मनाये जाने वाले ओणम (Onam) उत्सव का एक अनिवार्य हिस्सा है।
प्रमुख बिंदु:
- पुलिक्कली (Pulikkali) में कुछ विशेष लोग अपने शरीर पर चमकीले पीले एवं काले रंग से शेर की आकृति को चित्रित करके ड्रम एवं तीव्र म्यूज़िक के साथ शहर के चारों ओर घूमते हैं।
- COVID-19 के मद्देनज़र इस बार ये उत्सव ऑनलाइन आयोजित किये जाएंगे।
- इस बार ओणम (Onam) उत्सव पर अय्यानथोल देशम पुलिक्कली (Ayyanthole Desham Pulikkali) टीम ऑनलाइन पुलिक्कली का आयोजन करेगी।
शक्थान थम्पूरन (Shakthan Thampuran):
- शक्थान थम्पूरन (Shakthan Thampuran) ने दो सदी पहले एक ‘स्ट्रीट आर्ट’ (Street Art) के रूप में पुलिक्कली से लोगों को परिचित कराया था।
- राम वर्मा IX जिन्हें शक्थान थम्पूरन के रूप में जाना जाता है, कोचीन साम्राज्य के शासक थे।
- शक्थान थम्पूरन को केरल के त्रिशूर शहर का वास्तुकार माना जाता है। माना जाता है कि त्रिशूर पूरम (Thrissur Pooram) त्योहार को सबसे पहले उनके द्वारा शुरू किया गया था।
- त्रिशूर शहर को कई पारंपरिक त्योहारों एवं ऐतिहासिक मंदिरों के कारण केरल की सांस्कृतिक राजधानी (Cultural Capital of Kerala) के रूप में जाना जाता है।
ओणम (Onam):
- दक्षिण भारत, विशेषकर केरल का सबसे लोकप्रिय पर्व ओणम प्रायः सितंबर माह के पहले पखवाड़े में मनाया जाता है।
- यह राज्य का कृषि पर्व कहलाता है तथा इसे मुख्य तौर पर मलयाली हिंदू मनाते हैं।
- ओणम मलयालम कैलेंडर के पहले महीने ‘चिंगम’ से शुरू होता है, इसलिये इसे मलयाली हिंदुओं का नववर्ष भी कहा जाता है।
- लगभग 10-12 दिन तक चलने वाले इस उत्सव का पहला और आखिरी दिन सबसे महत्त्वपूर्ण होता है।
- यह त्यौहार असुर राजा महाबलि के पुनः घर आगमन का भी प्रतीक है। ओणम पर 26 पकवानों वाले सद्या को केले के पत्ते पर खास तरीके व क्रम में परोसा जाता है, जिसे सद्या थाली कहते हैं और यह ओणम का सबसे महत्त्वपूर्ण आयोजन होता है।