प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 26अगस्त, 2020
- 26 Aug 2020
- 13 min read
लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार
The Prime Minister’s Awards for Excellence in Public Administration
भारत सरकार ने वर्ष 2006 में केंद्र एवं राज्य सरकारों के ज़िलों/संगठनों द्वारा किये गए असाधारण एवं अभिनव कार्यों को स्वीकार करने, उन्हें पहचानने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिये ‘लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार’ (The Prime Minister’s Awards for Excellence in Public Administration) नाम की एक योजना शुरू की।
प्रमुख बिंदु:
- प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों, नवाचार एवं महत्त्वाकांक्षी ज़िलों में ज़िला कलेक्टरों के कार्य को पहचानने के लिये वर्ष 2014 में इस योजना का पुनर्गठन किया गया था।
- ज़िले के आर्थिक विकास की दिशा में ज़िला कलेक्टरों के कामकाज को पहचानने के लिये वर्ष 2020 में पुनः नये तरीके से योजना बनाई गई है।
- पुनर्गठित योजना के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार 31 अक्तूबर, 2020 को भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- इस पुनर्गठित योजना के तहत निम्नलिखित तीन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है:
- प्राथमिकता वाले क्षेत्र में क्रेडिट फ्लो के माध्यम से समावेशी विकास
- जन-जागरूकता को बढ़ावा देना- ज़िले में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी एवं ग्रामीण) के माध्यम से ‘जनभागीदारी’
- लोक प्रशासन के साथ बेहतर संपर्क और जन शिकायतों का निवारण
- इसके अलावा लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार में नमामि गंगे कार्यक्रम में ज़िला स्तर के अधिकारियों के प्रयासों को पहचाना जाएगा।
- नवाचारों की श्रेणी में परंपरागत रूप से सबसे अधिक नामांकन प्राप्त हुए हैं। 3 अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय/राज्य/ज़िला स्तर पर नवाचारों को मान्यता देने के लिये यह योजना व्यापक आधार प्रदान करती है।
पीएम अवार्ड्स पोर्टल:
- पीएम अवार्ड्स पोर्टल (PMs Awards Portal) की शुरूआत 17 जुलाई, 2020 को की गई थी।
- इस पोर्टल के माध्यम से प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंस, कॉल सेंटर एवं संचार के माध्यम से सचिवों से लेकर सभी संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/ प्रशासकों की गतिविधियों तक पहुँच बनाई है।
क्षुद्रग्रह 2018VP1
Asteroid 2018VP1
नासा (NASA) की ‘जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी’ (Jet Propulsion Laboratory) में सेंटर फॉर नियर ऑब्जेक्ट स्टडीज़ (Center for Near Objects Studies) के अनुसार, 2 नवंबर, 2020 को एक क्षुद्रग्रह 2018VP1 (Asteroid 2018VP1) पृथ्वी के पास से गुजरेगा।
प्रमुख बिंदु:
- यह क्षुद्रग्रह 2018VP1 बहुत छोटा है और इसका व्यास लगभग 6.5 फीट है।
- 2018VP1 नामक क्षुद्रग्रह को दो वर्ष पहले कैलिफोर्निया के सैन डिएगो काउंटी (San Diego County) में पालोमर वेधशाला (Palomar Observatory) में खोजा गया था।
- दो वर्ष पहले जब इसकी खोज की गई तो यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से लगभग 2,80,000 मील दूर था किंतु नासा ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष यह क्षुद्रग्रह 4700 मील के करीब हो सकता है।
- नासा के अनुसार, इस क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की मात्र 0.41% संभावना है। यदि यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करता है तो 2 नवंबर, 2020 को कोई नुकसान होने की संभावना नहीं है।
- ‘द प्लैनेटरी सोसाइटी’ (The Planetary Society) के अनुसार, अंतरिक्ष में लगभग 1 बिलियन क्षुद्रग्रह होने का अनुमान है जिनका व्यास 1 मीटर से अधिक है।
- 30 मीटर से अधिक व्यास वाले क्षुद्रग्रह पृथ्वी को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
चिक्सुलुब इम्पैक्टर (Chicxulub Impactor):
- यह एक क्षुद्रग्रह है, माना जाता है कि 66 मिलियन वर्ष पहले इस क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने के कारण डायनासोर की प्रजातियाँ अचानक विलुप्त हो गई थी। इसका व्यास 10 किलोमीटर से अधिक था।
- क्षुद्रग्रह 2018VP1 अत्यंत छोटे आकार का है और इसका व्यास लगभग 2 मीटर है और संभवतः पृथ्वी पर पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद घर्षण के कारण आग का एक पिंड बन जाएगा और नष्ट हो जाएगा।
- नासा के अनुसार, ऐसी घटनाएँ प्रत्येक वर्ष में लगभग एक बार होती हैं।
क्षुद्रग्रह प्रभाव एवं विक्षेपण आकलन (Asteroid Impact and Deflection Assessment- AIDA):
- इस मिशन के अंतर्गत नासा के ‘डबल एस्टेराइड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (Double Asteroid Redirection Test- DART) मिशन और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) का ‘हेरा’ (Hera) मिशन शामिल है।
- ‘डबल एस्टेराइड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (Double Asteroid Redirection Test- DART) को लगभग 6 किमी. प्रति सेकंड की गति से डिडायमोस प्रणाली के छोटे क्षुद्रग्रहों के टकराव का अध्ययन करने के उद्देश्य से वर्ष 2021 में लॉन्च किया जाएगा।
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) के ‘हेरा’ (Hera) मिशन को वर्ष 2024 में लॉन्च किया जाएगा, यह वर्ष 2027 में डिडायमोस (Didymos) प्रणाली में पहुँचेगा। यह DART टकराव से निर्मित गड्ढों को मापने एवं क्षुद्रग्रह के कक्षीय प्रक्षेपवक्र में परिवर्तन का अध्ययन करेगा।
- इस मिशन का लक्ष्य डिडायमोस (Didymos) जो एक बाइनरी नियर-अर्थ एस्टेराइड (Binary Near-Earth Asteroid) है, का अध्ययन करना है। माना जाता है कि यह क्षुद्रग्रह अपने बड़े आकार के कारण पृथ्वी के लिये सबसे अधिक संभावित खतरा उत्पन्न कर सकता है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम
National Clean Air Programme
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal) ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme) पर दी गई रिपोर्ट को नकार दिया है जिसमें वर्ष 2024 तक वायु प्रदूषण में 20-30% कमी का प्रस्ताव दिया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की इस रिपोर्ट को जमा करने से मना कर दिया है जिसमें एक समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि NCAP के तहत वायु प्रदूषण में 20-30% की कमी यथार्थवादी है।
- NGT ने कहा कि MoEFCC का दृष्टिकोण भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संवैधानिक जनादेश के खिलाफ था।
अनुच्छेद 21
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”।
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण को बताया कि वायु गुणवत्ता के स्तर पर तकनीकी एवं नीतिगत हस्तक्षेपों के प्रभाव का आकलन करने के लिये आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से एक मध्यावधि राष्ट्रव्यापी समीक्षा की जा सकती है और यदि आवश्यक हो तो लक्ष्य को अद्यतन किया जा सकता है।
जीवन का अधिकार (Right to Life):
- NGT ने कहा कि स्वच्छ वायु के अधिकार (Right to Clean Air) को जीवन के अधिकार (Right to Life) के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है वायु प्रदूषण में कमी करने में विफलता, जीवन के अधिकार से वंचित करती है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme):
- इस कार्यक्रम की शुरुआत 10 जनवरी, 2019 को की गई थी। यह वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये व्यापक और समयबद्ध रूप से बनाया गया पाँच वर्षीय कार्यक्रम है।
- इसका प्रमुख लक्ष्य वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन के लिये काम करना है।
- देश के ज्यादातर शहरों में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिये इस देशव्यापी योजना के तहत अगले पाँच वर्षों में 102 प्रदूषित शहरों की वायु को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा गया है।
- इसके तहत 2017 को आधार वर्ष मानते हुए वायु में मौज़ूद PM2.5 और PM10 पार्टिकल्स को 20 से 30 फीसदी तक कम करने का ‘अनुमानित राष्ट्रीय लक्ष्य’ रखा गया है।
वारली पेंटिंग
Warli Painting
भारतीय लोक कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (National Fertilizers Limited- NFL) ने नोएडा में अपने कॉर्पोरेट कार्यालय की बाहरी दीवारों पर महाराष्ट्र की प्रसिद्ध वारली पेंटिंग (Warli Painting) प्रदर्शित की है।
प्रमुख बिंदु:
- वारली पेंटिंग (Warli Painting) की उत्पत्ति महाराष्ट्र में हुई है, यह उत्तरी सह्याद्री में व्यापक रूप से वारली जनजाति द्वारा बनाई जाती है।
वारली पेंटिंग की विशेषताएँ:
- प्राकृतिक तत्त्व वारली पेंटिंग में मुख्य आकर्षक होते हैं, इस पेंटिंग में चावल का पेस्ट, गोंद एवं जल का मिश्रण चित्रों को सजाने के लिये उपयोग किया जाता है। बाँस की छड़ी का उपयोग ब्रश के रूप में किया जाता है।
- इस पेंटिंग में ज्यामितीय आकृतियों जैसे- वृत्त, त्रिकोण और वर्ग आदि का उपयोग किया जाता है साथ ही इस पेंटिंग में जीवन के विभिन्न पहलुओं एवं मान्यताओं को दर्शाते हुए कई आकृतियाँ बनाई जाती हैं।
- वारली चित्रकारी मनुष्य और प्रकृति के बीच घनिष्ठ संबंध को दर्शाती है।