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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 23 मार्च, 2020

  • 23 Mar 2020
  • 12 min read

उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना

Production Linked Incentive Scheme

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिये उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (Production Linked Incentive) योजना  को मंज़ूरी दी।

लक्ष्य:

  • इस योजना के तहत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और मोबाइल फोन के विनिर्माण तथा एसेम्‍बली (Assembly), परीक्षण (Testing), मार्किंग (Marking) एवं पैकेजिंग (Packaging) इकाइयों सहित विशिष्‍ट इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स कलपुर्जों के क्षेत्र में व्‍यापक निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्य बिंदु:  

  • इस योजना के तहत भारत में निर्मित तथा लक्षित खंडों के दायरे में आने वाली वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष पर) पर पात्र कंपनियों को आधार वर्ष के बाद पाँच वर्षों की अवधि के दौरान  4-6% की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना से मोबाइल विनिर्माण एवं विशिष्‍ट इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स कलपुर्जों के क्षेत्र में कार्यरत 5-6 प्रमुख वैश्विक कंपनियों एवं कुछ घरेलू कंपनियों के लाभान्वित होने तथा भारत में बड़े पैमाने पर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स विनिर्माण होने की संभावना है।

योजना लागत:

  • इस योजना की कुल लागत लगभग 40,995 करोड़ रुपए है जिसमें लगभग 40,951 करोड़ रुपए का प्रोत्‍साहन परिव्‍यय और 44 करोड़ रुपए का प्रशासनिक व्‍यय शामिल हैं।  

लाभ:

  • इस योजना में अगले पाँच वर्षों में 2,00,000 से अधिक प्रत्‍यक्ष तथा इसके तीन गुना अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने की क्षमता है। इस प्रकार इस योजना में कुल रोज़गार सृजन क्षमता लगभग 8,00,000 है।  

गौरतलब है कि भारत में मोबाइल उत्‍पादन मूल्‍य वित्‍त वर्ष 2014-15 के लगभग 18,900 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्‍त वर्ष 2018-19 में लगभग 1,70,000 करोड़ रुपए हो गया और मोबाइल फोन की घरेलू मांग की आपूर्ति घरेलू उत्‍पादन से ही की जा रही है। इस प्रकार विश्व के लिये ‘असेम्‍बल इन इंडिया’ को ‘मेक इन इंडिया’ से एकीकृत कर भारत इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में व्‍यापक वृद्धि कर सकता है।


तीस्ता नदी 

Teesta River

पूर्वोत्तर भारत के सिक्किम राज्य में तीस्ता नदी (Teesta River) पर सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) द्वारा निर्मित पुल को यातायात के लिये खोला दिया गया।

मुख्य बिंदु: 

  • स्वास्तिक परियोजना (Project Swastik) के तहत सीमा सड़क संगठन (BRO) ने अक्तूबर 2019 में उत्तरी सिक्किम में तीस्ता नदी पर पुल का निर्माण शुरु किया और इसे जनवरी 2020 में पूरा कर लिया था।
    • जून 2019 में इसी स्थान पर बना 180 फुट लंबा पुल बादल फटने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था जिससे सिक्किम के उत्तरी ज़िले में संचार व्यवस्था बाधित हो गई थी। 
    • सीमा सड़क संगठन की स्वास्तिक परियोजना के तहत पूर्वी एवं उत्तरी सिक्किम क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सड़क नेटवर्क को अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक विस्तारित किया जा रहा है और इस परियोजना के अंतर्गत इस क्षेत्र में कई पर्यटक स्थलों का निर्माण भी किया गया है।
    • गौरतलब है कि नाथुला (Nathula) दर्रे से चीन के साथ व्यापार और कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन एक कुशल एवं विश्वसनीय सड़क नेटवर्क पर निर्भर करता है।
  • इस पुल का निर्माण सिक्किम के चुंगथांग (Chungthang) शहर के पास मुंशीथांग (Munshithang) में तीस्ता नदी पर किया गया है। इससे उत्तरी सिक्किम के लाचेन क्षेत्र के निवासियों को आने-जाने में आसानी होगी। 
  • इसके अतिरिक्त सीमा सड़क संगठन (BRO) ने पुल से जुड़े संपर्क मार्गों का निर्माण भी किया है। जिससे उत्तरी सिक्किम क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और दुर्गम इलाकों में तैनात सैन्य बलों के लिये माल ढुलाई आसान हो जाएगी।

BOB

तीस्ता नदी (Teesta River):

  • तीस्ता नदी का उद्गम भारत के सिक्किम राज्य में कांगसे ग्लेशियर (Kangse Glacier) के पास चारामु झील (Charamu Lake) से होता है।
  • यह भारत से निकलने के बाद बांग्लादेश में ब्रहमपुत्र नदी से मिलती है और संयुक्त होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। 
  • इसकी लंबाई लगभग 315 किलोमीटर है। और इसका अधिकांश जल ग्रहण क्षेत्र भारत के हिस्से में आता है। 
  • ब्रह्मपुत्र, गंगा एवं मेघना के बाद तीस्ता नदी बांग्लादेश की चौथी सबसे बड़ी नदी है। ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में जमुना (Jamuna) नदी कहा जाता है। 
  • रंगित (Rangeet) जो सिक्किम की सबसे बड़ी नदी है तीस्ता की प्रमुख सहायक नदी है। रंगित नदी जिस स्थान पर तीस्ता से मिलती है उसे त्रिबेनी (Tribeni) के नाम से जाना जाता है।
  • इसके बाएँ तट से मिलने वाली सहायक नदियाँ दिक् छू (Dik Chhu), रान्ग्पो  (Rangpo), लाचुंग (Lachung), रानी खोला (Rani Khola) हैं तथा दाँये तट से मिलने वाली सहायक नदियाँ रंग्घाप छू (Ranghap Chhu), रंगित (Rangeet), रिंगयोंग छू (Ringyong Chhu) हैं।

संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर योजना

Modified Electronics Manufacturing Clusters Scheme

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (Electronics Manufacturing Clusters- EMC 2.0) योजना के लिये वित्तीय सहायता को मंज़ूरी दी।

मुख्य बिंदु:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिये अपेक्षित बुनियादी ढाँचा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के उद्देश्य से भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (Electronics Manufacturing Clusters- EMC) योजना की शुरुआत की थी। 
  • देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के बुनियादी ढाँचे के आधार को और मज़बूत करने तथा इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला को सुदृढ़ करने के लिये इस योजना का संशोधित रूप जारी किया गया।

संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (EMC2.0) योजना:

  • उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (EMC) के माध्यम से सामान्य ज़रूरतों एवं सुविधाओं के साथ विश्व स्तर के बुनियादी ढाँचे का विकास करना है। 
  • यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स (EMCs) और सामान्य सुविधा केंद्र (Common Facility Centers- CFCs) दोनों की स्थापना का समर्थन करेगी।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (EMC) को उन भौगोलिक क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा जहाँ इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन एवं विनिर्माण (Electronics System Design and Manufacturing- ESDM) क्षेत्र की इकाइयों के लिये बुनियादी ढाँचे, सुविधाएँ और अन्य सामान्य ज़रूरतों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • सामान्य सुविधा केंद्र (CFCs) की स्थापना उन्ही क्षेत्र में की जाएगी जहाँ मौजूद ESDM इकाइयों की एक महत्वपूर्ण संख्या के साथ-साथ ESDM इकाइयों के लिये सामान्य तकनीकी बुनियादी ढाँचे के उन्नयन एवं सामान्य सुविधाएँ प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

लाभ:

  • यह योजना ESDM क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और अधिक-से-अधिक रोज़गार सृजन करने हेतु भारत में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के लिये एक मज़बूत बुनियादी ढाँचा आधार तैयार करेगी।

विश्व जल दिवस

World Water Day

प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है। 

उद्देश्य: 

  • इसका उद्देश्य पेयजल की पहुँच के बिना रह रहे 2.2 बिलियन लोगों के प्रति अन्य लोगों को जागरुक करना है।

थीम:

  • वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘जल और जलवायु परिवर्तन’ (Water and Climate Change) है, जिसका उद्देश्य जल एवं जलवायु परिवर्तन के बीच संबंध का पता लगाना है।

मुख्य बिंदु: 

  • विश्व जल दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1993 में हुई थी और यह मीठे पानी के महत्त्व पर केंद्रित है।
  • इस दिवस का मुख्य लक्ष्य वर्ष 2030 तक सभी के लिये सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal- SDG-6): स्वच्छता और पानी के सतत् प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का समर्थन करना है।
  • इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत् विकास के लिये जल की उपलब्धता हेतु अंतर्राष्ट्रीय दशक (2018-2028) मनाया जा रहा है।
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