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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 मार्च, 2020

  • 13 Mar 2020
  • 12 min read

क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर

CRIME MULTI AGENCY CENTRE

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau- NCRB) के 35वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) ने क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर (CRIME MULTI AGENCY CENTRE- Cri-MAC) का शुभारंभ किया।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य अंतर-राज्य समन्वय से संबंधित जघन्य अपराध एवं अन्य मुद्दों की जानकारी साझा करना है।

मुख्य बिंदु:

  • इस अवसर पर पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, अभियोजकों और अन्य हितधारकों के लिये बड़े पैमाने पर साइबर अपराधों की जाँच हेतु पेशेवर गुणवत्ता वाली ई-लर्निंग सेवाओं से संबंधित राष्ट्रीय साइबर क्राइम प्रशिक्षण केंद्र (National Cybercrime Training Centre- NCTC) का शुभारंभ किया गया।
  • अपराध एवं आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क तथा प्रणाली (Crime & Criminals Tracking Network and Systems-CCTNS) परियोजना के तहत देश भर में 15993 पुलिस स्टेशनों एवं 8208 उच्च पुलिस कार्यालयों का एक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) नेटवर्क स्थापित किया जा चुका है। सीसीटीएनएस का विशाल डेटाबेस, जाँचकर्त्ताओं को अपराध के मामलों को तेज़ी से सुलझाने में मदद करेगा।

निधि कंपनियाँ

Nidhi Companies

निधि कंपनियों (Nidhi Companies) के लिये विनियामक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने और कॉर्पोरेट क्षेत्र में पारदर्शिता एवं निवेशकों के उद्देश्यों को पूरा करने के लिये केंद्र सरकार ने हाल ही में कंपनी अधिनियम और नियमों से संबंधित प्रावधानों में संशोधन किया।

मुख्य बिंदु:

कंपनी अधिनियम (धारा 406) और निधि नियमों के संशोधित प्रावधानों के तहत यह आवश्यक है कि निधि कंपनियों को प्रपत्र NDH-4 में निधि कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को अपडेट कराने के लिये केंद्र सरकार को एक आवेदन भेजना होगा।

निधि कंपनियों के बारे में:

  • भारतीय संदर्भ में ‘निधि’ का अर्थ ‘खजाना’ होता है।निधि नियम, 2014 के तहत निधि एक ऐसी कंपनी है जिसे निधि के रूप में निगमित किया गया है, निधि कंपनियाँ मुख्य रूप से अपने सदस्यों के बीच बचत और बचत की आदत पैदा करने के लिये बनाई गई हैं।
  • निधि का कारोबार करने वाली कंपनियाँ केवल अपने सदस्यों से ऋण लेने और उन्हीं को ऋण देने का काम करती हैं। इन्हें निधि, स्थायी निधि, लाभ निधि, म्युचुअल बेनिफिट फंड और म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है।
  • निधि कंपनियों को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 620A के तहत पंजीकृत किया जाता है और इसे कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) द्वारा विनियमित किया जाता है।
  • निधियों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non- Banking Financial companies- NBFC) के रूप में भी शामिल किया गया है जो मुख्य रूप से असंगठित मुद्रा बाज़ार में भाग लेती हैं।
    • चूँकि निधियाँ एनबीएफसी के अंतर्गत आती हैं, इसलिये भारतीय रिज़र्व बैंक को उनकी जमा स्वीकृतियों से संबंधित मामलों में दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार है।

गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय

Serious Fraud Investigation Office

भारत सरकार ने कंपनियों में होने वाली बड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिये गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (Serious Fraud Investigation Office- SFIO) के पुनर्गठन का निर्णय लिया है।

मुख्य बिंदु:

  • कंपनियों में होने वाली गड़बड़ी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (SFIO) में कर्मचारियों की संख्‍या दोगुनी करने की योजना बनाई गई है।
  • गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) के अधीन कंपनियों में होने वाली गड़बड़ी से जुड़े अपराधों की जाँच करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • वर्तमान में गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर लीज़िग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज़ (IL&FS) में हुई गड़बड़ियों समेत अन्य मामलों की जाँच कर रहा है।
  • कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (SFIO) के लिये जाँच नियमावली तैयार करने हेतु 12 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है। इसके अध्यक्ष इंजेती श्रीनिवास (Injeti Srinivas) हैं।
    • यह समिति गंभीर धोखाधड़ी जाँच कार्यालय (SFIO) की जाँच में बाधा उत्पन्न करने वाली संभावित बाधाओं को दूर करने हेतु नियमावली तैयार करने के अलावा आपराधिक प्रक्रिया संहिता और एजेंसी पर नागरिक प्रक्रिया संहिता की प्रयोज्यता को निर्दिष्ट करेगी।

राष्ट्रीय खेल विकास कोष

National Sports Development Fund

भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (Security Printing & Minting Corporation of India Ltd.- SPMCIL) ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत राष्ट्रीय खेल विकास कोष में 1 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।

मुख्य बिंदु:

  • यह योगदान भारत के शीर्ष एथलीटों जिन्हें टोक्यो ओलंपिक, 2020 और उसके बाद के लिये चुना गया है, को टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (Target Olympic Podium Scheme- TOPS) के तहत दिया गया है।

राष्ट्रीय खेल विकास कोष के बारे में

  • इसकी स्थापना वर्ष 1998 में चैरिटेबल एंडॉवमेंट्स एक्ट, 1890 (Charitable Endowments Act, 1890) के तहत की गई थी।
  • यह कोष खिलाड़ियों को तकनीकी, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के साथ अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के कोचों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर प्रदान करने में मदद करता है।
  • यह खेलों के संवर्द्धन के लिये बुनियादी ढाँचे के विकास और अन्य गतिविधियों के लिये वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
  • इस कोष का प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा गठित एक परिषद द्वारा किया जाता है। इसका अध्यक्ष युवा मामलों एवं खेल का प्रभारी केंद्रीय मंत्री तथा सदस्यों में खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों/निगमों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, खेल संवर्द्धन बोर्ड के प्रतिनिधि आदि शामिल होते हैं।

सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड

(Security Printing & Minting Corporation of India Limited- SPMCIL):

  • यह भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुसूची ’ए’ की मिनीरत्न श्रेणी-I की कंपनी है। इसे 13 जनवरी, 2006 को निगमित किया गया था।
  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय निदेशक मंडल के माध्यम से इस पर अपना प्रशासनिक नियंत्रण रखता है।
  • SPMCIL मुद्रा एवं बैंक नोट, सिक्योरिटी पेपर, नॉन-ज्यूडिशियल स्टैम्प पेपर्स, पोस्टल स्टैम्प्स एवं स्टेशनरी, ट्रैवल डॉक्यूमेंट अर्थात् पासपोर्ट व वीज़ा, सिक्योरिटी सर्टिफिकेट, चेक, बाॅण्ड, वारंट, सिक्योरिटी फीचर्स के साथ स्पेशल सर्टिफिकेट, सुरक्षा स्याही, परिसंचरण और स्मारक सिक्के, पदक, सोना व चाँदी शोधन का कार्य करती है।

बियर और बुल मार्केट्स

Bear and Bull Markets

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) द्वारा कोरोनावायरस के प्रकोप को महामारी घोषित किये जाने के कारण नेशनल स्टाक एक्सचेंज के निफ्टी सूचकांक सहित शेयर बाज़ार से संबंधित कई अन्य भारतीय सूचकांक ‘बियर मार्केट’ (Bear Market) क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं।

Bull-&-Bear

बियर मार्केट (Bear Market):

  • एक बियर मार्केट उस बाज़ार को संदर्भित करता है जहाँ शेयर की कीमतें लगातार घट रही होती हैं।
  • इसका गिरता ग्राफ निवेशकों में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न करता है। बियर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है क्योंकि कई इक्विटी अपना मूल्य खो देते हैं। इस प्रकार अधिकांश निवेशक बाज़ारों से अपना पैसा निकालने लगते हैं।
  • एक बियर मार्केट की स्थिति के दौरान अर्थव्यवस्था की गति धीमी हो जाती है और बेरोज़गारी बढ़ जाती है क्योंकि कंपनियाँ श्रमिकों को काम देना बंद कर देती हैं।

बुल मार्केट (Bull Market):

  • एक बुल मार्केट उस बाज़ार को संदर्भित करता है जहाँ शेयर की कीमतें लगातार बढ़ रही होती हैं।
  • इसका उठता ग्राफ निवेशकों को यह विश्वास दिलाता है कि लंबी अवधि तक यह वृद्धि जारी रहेगी।
  • बुल मार्केट यह दर्शाता है कि देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत है और रोजगार का स्तर उच्च है।
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