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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 06 जून, 2020

  • 06 Jun 2020
  • 11 min read

ऑनलाइन अपशिष्ट  प्रबंधन प्लेटफॉर्म

Online Waste Management Platform

05 जून, 2020 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार ने तरल अपशिष्ट, खतरनाक एवं गैर-खतरनाक ठोस अपशिष्ट तथा वायु प्रदूषकों के प्रबंधन के लिये एक ‘ऑनलाइन अपशिष्ट प्रबंधन प्लेटफॉर्म’ (Online Waste Management Platform) शुरू किया।

प्रमुख बिंदु: 

  • इस प्लेटफॉर्म का संचालन ‘आंध्र प्रदेश पर्यावरण प्रबंधन निगम (Andhra Pradesh Environment Management Corporation- APEMC) करेगा। जिसके ऊपर राज्य में उत्पन्न सभी औद्योगिक अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान की ज़िम्मेदारी होगी।
  • APEMC उद्योगों से संग्रहित किये गए अपशिष्ट को प्रबंधित करेगा। 
    • इस अपशिष्ट को विभिन्न श्रेणियों (लाल एवं नारंगी) के अनुसार खतरनाक, गैर-खतरनाक या ई-अपशिष्ट के रूप में सुव्यवस्थित किया जाएगा तथा विभिन्न अपशिष्ट निपटान केंद्रों पर वैज्ञानिक रूप से इसका निपटान किया जाएगा।
    • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से जिन उद्योगों के पास अपनी स्वयं की अपशिष्ट निपटान प्रणाली नहीं है वे APEMC से संपर्क करके अपशिष्ट के संग्रहण एवं सुरक्षित निपटान की व्यवस्था करेंगे।
  • अपशिष्ट निपटान के लिये APEMC ‘आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ (APPCB) के साथ मिलकर काम करेगा, जिसमें उद्योग से लेकर निपटान केंद्र तक अपशिष्ट को प्रबंधित करने के लिये एक मज़बूत नियामक ढाँचा शामिल होगा।
  • उल्लेखनीय है कि आंध्रप्रदेश सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय के तहत APEMC की स्थापना के लिये पिछले वर्ष 5 दिसंबर को एक सरकारी आदेश जारी किया था।

#आईकोमिट पहल

#iCommit Initiative

केंद्रीय विद्युत मंत्री ने 05 जून, 2020 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘#आईकोमिट’ (#iCommit) पहल की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु:

  • यह पहल भविष्य में सतत् रूप से एक मज़बूत एवं लचीली ऊर्जा प्रणाली बनाने के लिये सभी हितधारकों एवं व्यक्तियों को ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ने के लिये एक स्पष्ट आह्वान है। 
  • भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत ‘एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड’ (EESL) द्वारा शुरू की गई ‘#आईकोमिट’ पहल से सरकारों, कंपनियों तथा बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय संगठनों, थिंक टैंक एवं व्यक्तियों आदि को एक साथ लाया जा रहा है।

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (EESL): 

  • यह भारत सरकार की एक एनर्जी सर्विसेज़ कंपनी (Energy Service Company- ESCO) है ।
  • यह 100% सरकारी स्वामित्त्व वाली, एनटीपीसी लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम एवं पावरग्रिड  का एक संयुक्त उद्यम है।
    • यह विश्व की सबसे बड़ी सार्वजनिक एनर्जी सर्विसेज़ कंपनी (ESCO) है।
  • इसका गठन वर्ष 2009 में भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्ष परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिये किया गया था।

‘हेल्दी एंड एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग्स’ पहल

‘Healthy and Energy Efficient Buildings’ Initiative

05 जून, 2020 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कार्यस्थलों को स्वच्छ एवं हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से ‘एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (EESL) ने ‘यू.एस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट’ (USAID) के मैत्री (MAITREE) कार्यक्रम की साझेदारी में ‘हेल्दी एंड एनर्जी एफिशिएंट बिल्डिंग्स’ पहल की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु: 

  • इस पहल की शुरुआत मैत्री (Market Integration and Transformation Program for Energy Efficiency- MAITREE) के अंतर्गत की गई है।  
    • यह (मैत्री) भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय और USAID के बीच अमेरिका-भारत द्विपक्षीय साझेदारी का एक हिस्सा है।
    • इसका उद्देश्य इमारतों के भीतर एक मानक अभ्यास के रूप में लागत प्रभावी ऊर्जा दक्षता को अपनाने में तेज़ी लाना तथा विशेष रूप से इमारतों के शीतलन पर ध्यान केंद्रित करना है।

यू.एस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट’ (USAID): 

  • USAID संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है जो मुख्य रूप से नागरिक विदेशी सहायता एवं विकास सहायता के लिये ज़िम्मेदार है।
  • यह दुनिया की सबसे बड़ी आधिकारिक सहायता एजेंसियों में से एक है।
  • अमेरिकी काॅन्ग्रेस ने 4 सितंबर, 1961 को विदेशी सहायता अधिनियम (Foreign Assistance Act) पारित किया जिसने अमेरिकी विदेशी सहायता कार्यक्रमों को पुनर्गठित किया एवं आर्थिक सहायता के लिये एक एजेंसी के निर्माण को अनिवार्य बनाया और 3 नवंबर, 1961 को USAID अस्तित्त्व में आई।
  • यह पहला अमेरिकी विदेशी सहायता संगठन है जिसका प्राथमिक लक्ष्य दीर्घकालिक सामाजिक आर्थिक विकास पर ध्यान देना था।

सालभर60 अभियान

SaalBhar60 Campaign

हाल ही में ‘सालभर60 अभियान’ (SaalBhar60 Campaign) को हरिद्वार की एक 12 वर्षीय जलवायु कार्यकर्त्ता रिधिमा पांडे द्वारा लॉकडाउन के 60वें दिन आरंभ किया गया।    

प्रमुख बिंदु:

  • इस अभियान को एक वेबसाइट Jhatkaa.org द्वारा जारी एक वीडियो के माध्यम से लॉन्च किया गया था।
  • इस अभियान में सरकार से शहरों में PM2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर सुनिश्चित करने के उपायों की मांग की जा रही है जो कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB) द्वारा 24 घंटे के लिये निर्धारित सुरक्षित सीमा है।  

त्रिपोली

Tripoli

लीबिया की संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार ने त्रिपोली शहर को हफ्तार उग्रवादियों से (Militias Of Haftar) से वापस लेने की घोषणा की है।

Tripoli

प्रमुख बिंदु: 

  • त्रिपोली लीबिया की राजधानी तथा यहाँ का सबसे बड़ा शहर है।
    • लीबिया उत्तरी अफ्रीका का एक देश है जो उत्तर में भू-मध्य सागर, पूर्व में मिस्र, दक्षिण-पूर्व में सूडान, दक्षिण में चाड, दक्षिण-पश्चिम में नाइजर, पश्चिम में अल्जीरिया और उत्तर-पश्चिम में  ट्यूनिशिया से घिरा है।
  • त्रिपोली शहर लीबिया के उत्तर-पश्चिम में रेगिस्तान के किनारे भूमध्य सागर के तट पर स्थित है। यहाँ त्रिपोली बंदरगाह तथा देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक एवं विनिर्माण केंद्र स्थित है।

लीबिया से संबंधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य: 

  • अफ्रीका महाद्वीप में उष्णकटिबंधीय जलवायु का सर्वाधिक विस्तार पाया जाता है। संसार के सर्वाधिक तापमान वाले स्थानों में लीबिया का अल अजीजिया (59 डिग्री सेल्सियस) प्रमुख है।
  • अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख तेल उत्पादक देशों में लीबिया, नाइजीरिया, मिस्र, अल्जीरिया शामिल हैं जो इस महाद्वीप का 90% से अधिक तेल का उत्पादन एवं भंडार रखते हैं।  
  • अफ्रीका महाद्वीप में सहारा मरुस्थल का विस्तार अल्जीरिया, चाड, मिस्र, लीबिया, माली, मॉरितानिया, मोरक्को, नाइजर, पश्चिमी सहारा, सूडान एवं ट्यूनिशिया देशों में है।
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