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प्रश्न :
विद्युत चालित वाहन (Electric vehicles: EVs) के फायदों के देखते हुए वर्तमान भारत सरकार इन वाहनों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। सरकार द्वारा इस दिशा में अब तक उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिये एवं बताएँ कि इन वाहनों को बढ़ावा देने के लिये और क्या-क्या प्रयास किये जाने चाहिये?
06 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
विद्युत चालित वाहन (EVs) पर्यावरण अनुकूल होते हैं, ये पारंपरिक वाहनों की तुलना में सस्ते होते हैं एवं इनके रख-रखाव का खर्च भी अपेक्षाकृत कम होता है। इनके प्रयोग से तेल आयात बिल को कम किया जा सकता है एवं देश में ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है। इन्हीं विशेषताओं को देखते हुए सरकार ने विद्युत चालित वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने का निश्चय किया है।
सरकार द्वारा इस दिशा में अब तक उठाए गए कदमः
- सरकार ने ‘नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान, 2020 (NEMMP)' नामक एक महत्त्वपूर्ण एवं महत्त्वाकांक्षी पहल प्रारंभ की जिसके तहत वर्ष 2020 से प्रतिवर्ष 6-7 मिलियन हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत इन वाहनों की मांग एवं आपूर्ति दोनों बढ़ाने की योजना है। सरकार का उद्देश्य इस नवजात तंत्र को आरंभ करने के लिये वित्तीय और मौद्रिक प्रोत्साहन प्रदान करना है।
- सरकार ने FAME [Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid and) Electric Vehicles] योजना शुरू की जो हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और उनके बाजार निर्माण में सहायता प्रदान करेगी। इस योजना में 4 क्षेत्रों पर फोकस किया जा रहा है- प्रौद्योगिकी विकास, मांग सृजन, पायलट प्रोजेक्ट एवं चार्जिंग अवसंरचना का विकास। इस योजना का उद्देश्य दो पहिया, तिपहिया, यात्री वाहनों एवं हल्के वाणिज्यिक वाहनों एवं बसों सभी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहनों को प्रोत्साहन देना है।
- इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (R & D) को बढ़वा देने के लिये फरवरी, 2016 में भारी उद्योग विभाग एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने संयुक्त रूप से एक तकनीकी प्लेटफॉर्म प्रारंभ किया है।
सुझाव
- इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये विशेष छूट जैसे कर छूट, शीघ्र पर्यावरणीय मंजूरी, सब्सिडी प्रदान करना आदि के माध्यम से प्रोत्साहन देकर इन वाहनों की आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है।
- उपभोक्ता सब्सिडी प्रदान कर, सड़क कर एवं पंजीकरण शुल्क छूट में छूट देकर, निःशुल्क पार्किंग व्यवस्था आदि के माध्यम से इन वाहनों की मांग को बढ़ाया जा सकता है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये आधारभूत ढाँचा बढ़ाना चाहिये जिनमें सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों, इन स्टेशनों के लिये समर्पित विद्युत आपूर्ति लाइनों, एवं बेटरी बदलने के लिये स्टेशनों की व्यवस्था हो।
- इसके अलावा, इस क्षेत्र में अनुसंधान प्रयोगशालाएँ स्थापित करने वाली निजी संस्थाओं को टैक्स क्रेडिट प्रदान करना चाहिये।
निष्कर्षः इलेक्ट्रिक वाहन ऐसे लाभ प्रदान करने में सक्षम हैं जो विशेष रूप भारतीय आर्थिक एवं पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल हैं। अतः इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर भारत एक ऐसे स्थान की तरफ बढ़ सकता है जहाँ स्वच्छ, हरित एवं अधिक कुशल गतिशीलता का युग विद्यमान हो।
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