प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट: 01 अक्तूबर, 2021
- 01 Oct 2021
- 8 min read
वरिष्ठ नागरिकों के लिये ‘SACRED’ पोर्टल
SACRED Portal for Elderly
अपनी तरह के पहले प्रयास में सरकार ने रोज़गार के अवसरों की तलाश करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को रोज़गार प्रदान करने के लिये एक ऑनलाइन रोज़गार विनिमय मंच प्रस्तुत किया है।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा विकसित इस पोर्टल का नाम ‘सीनियर एबल सिटीज़न फॉर रि-एम्प्लॉयमेंट इन डिग्निटी’ (SACRED) है।
- ‘अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस’ प्रत्येक वर्ष 1 अक्तूबर को मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय
- 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक इस पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं और रोज़गार तथा कार्य अवसर के लिये आवेदन कर सकते हैं।
- ‘रोज़गार पोर्टल’ न केवल रोज़गार चाहने वाले वरिष्ठ नागरिकों, बल्कि नियोक्ताओं, स्वयं सहायता समूहों (SHGs), कौशल प्राप्त करने वाले वरिष्ठ नागरिकों और अन्य एजेंसियों या व्यक्तियों को भी सेवा प्रदान करेगा।
- प्लेटफॉर्म के विकास के लिये 10 करोड़ रुपए की राशि के साथ-साथ इसके रखरखाव हेतु 5 वर्षों के लिये प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपए भी प्रदान किये जाएंगे।
- इस पोर्टल को ‘वरिष्ठ नागरिकों हेतु स्टार्टअप पर अधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति’ (EEC) की रिपोर्ट की सिफारिशों पर आकार दिया गया है।
- आवश्यकता:
- भारत में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी में तेज़ी से वृद्धि हो रही है और एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जाना महत्त्वपूर्ण है, जो वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं को अधिक समग्र रूप से समर्थन दे सके।
- ‘लॉन्गिटूडिनल एजिंग स्टडीज़ ऑफ इंडिया’ (LASI) के मुताबिक, भारत में वर्ष 2050 तक 319 मिलियन से अधिक वरिष्ठ नागरिक होंगे, जबकि वर्तमान में यह संख्या 120 मिलियन है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार 50% से अधिक वरिष्ठ नागरिक सक्रिय पाए गए हैं। कई वरिष्ठ नागरिक जिनके पास अनुभव, समय और ऊर्जा है उनका उपयोग उन व्यापारिक उद्यमों द्वारा किया जा सकता है जिन्हें अनुभव के साथ स्थायी कर्मचारियों की तलाश है।
- अन्य पहलें:
- ‘एल्डर लाइन’: यह वरिष्ठ नागरिकों के लिये पहला अखिल भारतीय टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (14567) है।
- सेज (सीनियरकेयर एजिंग ग्रोथ इंजन) पोर्टल: यह विश्वसनीय स्टार्टअप्स के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख में उपयोगी उत्पादों तथा सेवाओं को प्रदान करने वाला ‘वन-स्टॉप एक्सेस’ होगा।
- अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (01 अक्तूबर):
- थीम 2021: सभी उम्र के लिये डिजिटल इक्विटी (Digital Equity for All Ages)।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2021-2030 को ‘स्वस्थ वृद्धावस्था दशक’ घोषित किया है।
ग्रीन टर्म लोन
Green Term Loan
हाल ही में एनटीपीसी की सहायक कंपनी एनटीपीसी-रिन्यूएबल एनर्जी (NTPC-REL) ने राजस्थान और गुजरात में सौर परियोजनाओं की स्थापना हेतु अपने पहले ग्रीन टर्म लोन समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- NTPC-REL कच्छ में 4.75 गीगावाट का भारत का सबसे बड़ा एकल स्थानीय सौर ऊर्जा पार्क भी बना रहा है।
- NTPC अक्षय ऊर्जा स्रोतों की महत्त्वपूर्ण क्षमताओं के संयोजन से अपने हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो के निर्माण के लिये विभिन्न कदम उठा रही है।
प्रमुख बिंदु
- ‘ग्रीन लोन’ के बारे में:
- ग्रीन लोन वित्तपोषण का एक रूप है जो व्यवसायों को उन परियोजनाओं को वित्तपोषित करने में सक्षम और सशक्त बनाने का प्रयास करता है जिनका एक विशिष्ट पर्यावरणीय प्रभाव होता है या जो 'हरित परियोजनाओं'(Green Projects) के वित्तपोषण के लिये निर्देशित होते हैं।
- ग्रीन लोन के लाभ:
- कॉर्पोरेट लाभ:
- यह कॉर्पोरेट मूल्य बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही यह प्रदर्शित करके कि वे ग्रीन लोन /हरित ऋण प्राप्त कर हरित परियोजनाओं को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं, संभवतः उन्हें सार्वजनिक स्वीकृति मिल सकती है।
- यह कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करेगा।
- पारिस्थितिकी के साथ अर्थव्यवस्था को संतुलित करना:
- हरित ऋण प्रदान कर ऋणदाता पर्यावरणीय लाभ प्राप्त कर सकते हैं जो एक स्थायी समाज के निर्माण में योगदान करता है, साथ ही अपने उधार पर रिटर्न प्राप्त करते हैं।
- ग्रीन लोन और ग्रीन डिपॉज़िट में वृद्धि से ग्रीन लोन के बारे में व्यक्तिगत जागरूकता बढ़ेगी।
- पर्यावरणीय लाभ:
- ग्रीन लोन में वृद्धि से ग्रीन प्रोजेक्ट्स में निजी फंड बढ़ने की उम्मीद है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में पर्याप्त कमी और प्राकृतिक पूंजी के क्षरण की रोकथाम में योगदान करेगा।
- हरित परियोजनाओं को बढ़ावा देने से ऊर्जा लागत में कमी, ऊर्जा सुरक्षा में मज़बूती के साथ ही क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सकता है और आपदाओं की स्थिति में लचीलापन बढ़ाया जा सकता है।
- कॉर्पोरेट लाभ:
अन्य संबंधित अवधारणाएंँ
- ग्रीन बॉण्ड: ग्रीन बॉण्ड एक ऋण साधन है जिसके माध्यम से 'हरित' परियोजनाओं के लिये पूंजी जुटाई जाती है, इसमें आमतौर पर नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, टिकाऊ जल प्रबंधन आदि शामिल हैं।
- ईएसजी फंड: यह तीन शब्दों अर्थात् पर्यावरण, सामाजिक और शासन से मिलकर बना है। यह एक तरह का म्यूचुअल फंड है।
- इसे स्थायी निवेश या सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार निवेश के रूप में भी जाना जाता है।